Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
अमेरिका में लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का विरोध तेज हो रहा है। मिशिगन की राजधानी लांसिंग में लोगों ने लॉकडाउन के खिलाफ गुरुवार को प्रदर्शन किया। यहां गर्वनर के दफ्तारकैपिटल बिल्डिंग परसैकड़ों लोग जुटे और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों में से कुछ के पास से हथियार भी थे। ये गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर के लॉकडाउन के आदेश का विरोध कर रहे थे। गवर्नर ग्रेचेन ने यह आदेश 23 मार्च को कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जारी किया था। इसमें लोगों के जरूरी कामों से इतर घरों से निकलने, सार्वजनिक समारोहों के आयोजन और स्थानीय अस्पतालों, मॉल या रेस्तरां जाने पर पाबंदी लगाई गई थी। बाद में आदेश को अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था।
इस बीच, सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के कुछ वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों के पास हथियार नजर आ रहे हैं। ट्विटर पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को बिल्डिंग में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं।
क्या है लोगों की नाराजगी की वजह?
गवर्नर ग्रेचेन ने संक्रमण के बढ़ते स्तर को देखते हुए इसे अप्रैल के अंत तक बढ़ा दिया गया। लोग इसी बात से नाराज हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्वनर जरूरत से ज्यादा सख्ती कर रही हैं। प्रदर्शन मिशिगन यूनाइटेड फॉर लिबर्टी नामक एक ग्रुप की ओर से किया गया था। ग्रुप ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि हम अपने अधिकारों पर पाबंदी या इसमें कटौती से सहमत नहीं है। चाहे यह कोरोना महामारी के लिए ही क्यों न लगाई गई हो। फेसबुक पर इस ग्रुप के 8 हजार 800 सदस्य हैं। इस महीने मिशिगन में यह दूसरा प्रदर्शन
यह दूसरी बार है जब मिशिगन में पाबंदियों को हटाने के लिए प्रदर्शन किया गया है। 16 अप्रैल को भी करीब 3 हजार लोगों ने लॉकडाउन हटाने की मांग के साथ प्रदर्शन किया था। ऐसा बताया जा रहा है कि उस दौरान भी कुछ लोग हथियारों से लैस नजर आए थे। इसकी वजह से मिशिगन में यातायात प्रभावित हुआ था। इसके एक दिन बाद ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दिया था। उन्होंने ‘लिबरेट मिशिगन’ ट्वीट किया था। ट्रम्प कई बार देश में लॉकडाउन से छूट देने की बात कह चुके हैं। इससे लेकर ट्रम्प प्रशासन और कई राज्यों के गवर्नर के बीच सहमति नहीं बन रही है।
राजस्थान में शुक्रवार को संक्रमण के 33 नए मामले सामने आए। जिसमें अजमेर में 11, कोटा औऱ चित्तौड़गढ़ में 7-7, जयपुर में 6, जोधपुर औऱ राजसमंद में 1-1 केस पॉजिटिव मिला। जिसके बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2617 पहुंच गया। जिसके साथ तीन मौते भी हुईं। जिसमें जयपुर में 2 और नागौर में 1 व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद मौतों की संख्या 61 पहुंच गई।
तीन की मौत
दिन की पहली मौत नागौर के बासोनी की 26 साल की महिला की हुई। जो गर्भवती थी। 25 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करवाई गई थी। दूसरी मौत जयपुर के शास्त्री नगर में 32 साल के पुरुष की हुई। जिन्हे 28 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वहीं तीसरी मौत जयपुर के खजाने वालों के रस्ते में 62 साल के पुरुष की हुई। जिन्हे 28 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
कोटा से गांव लौटे बेटे को क्वारैंटाइन करने 4 दिन में तैयार किया कमरा
बाड़मेर जिले के लीलसर के शेरपुरा गांव निवासी जगदीश सऊ ने सोशल डिस्टेंस का उदाहरण पेश करते हुए कोटा से आए अपने पुत्र को घर से तीन किमी. दूर क्वारैंटाइन किया है। जगदीश का पुत्र मुकेश सऊ कोटा में अध्ययनरत है, लॉकडाउन में जब विद्यार्थियों को कोटा से बाड़मेर लाया गया तो मुकेश भी उनके साथ घर आ गया। जैसे ही उसके आने की खबर घरवालों को मिली तो पिता जगदीश व चाचा गणपत ने घर से तीन किमी. दूर गांव में कही मुकेश रहने की व्यवस्था की। पिछले पांच दिनों से मुकेश वहां पर आइसोलेशन में है।
जयपुर-जोधपुर जैसी सैंपलिंग 8 नए हॉट स्पॉट में भी होगी... तभी टूटेगी कोरोनाचेन
कोरोना की कड़ी तोड़ने का सबसे कारगर तरीका है- सैंपलिंग। अच्छी बात ये है कि राजस्थान सैंपलिंग के मामले में देश में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे नंबर पर है। यहां अब तक 1 लाख 4 हजार जांचें हो चुकी हैं। अकेले जयपुर में 21 हजार से ज्यादा जांचें हो चुकी हैं। जोधपुर में यह आंकड़ा 19 हजार तक पहुंच चुका है। यहां 17 हजार सैंपल तो मात्र पिछले 15 दिन में ही लिए गए हैं। भीलवाड़ा में भी नौ हजार का आंकड़ा पार हो चुका है। मगर अब 8 नए हॉट स्पॉट (पाली, नागौर, अजमेर, कोटा, भरतपुर, बांसवाड़ा, टोंक और चित्तौड़गढ़) में जांचों की रफ्तार जयपुर और जोधपुर की तरह बढ़ाने की जरूरत है, ताकि कोरोनाचेन तोड़ी जा सके। यहां अभी जांचें अपेक्षाकृत कम हो रही हैं। जयपुर और जोधपुर में रोजाना अौसतन 850 जांचें हो रही हैं, जबकि इन नए हॉट स्पॉट में औसत सिर्फ 140 है।
कोटा में बेटे के कंधे पर बैठकर सैंपल देने पहुंची 70 वर्षीय महिला
कोरोना से बचाव के लिए सरकार लगातार जागरूक करने में जुटी हुई है। कोटा के स्टेशन इलाके में 70 वर्षीय महिला ने भी यही संदेश दिया। भीमगंजमंडी सीआई हर्षराज सिंह खरेड़ा ने बताया कि मेडिकल टीम माला रोड पर सैंपल लेने पहुंची थी। गंगाबाई को पता चला तो वे भी अपने बेटे के कंधे पर बैठकर सैंपल देने पहुंची।
राजस्थान:जोधपुर में रोगियों को आंकड़ा हुआ 500 के पार, जयपुर में 30 थाना क्षेत्रों तक पहुंचा कोरोना
जयपुर कमिश्नरेट के 60 में से 30 थाना इलाके कोरोना प्रभावित
कोरोना संक्रमित मिलने पर बजाज नगर इलाके के हिम्मत नगर और मोती डूंगरी इलाके के तिवाड़ी का बाग स्थित गली में कर्फ्यू लगा दिया। वहीं, मुरलीपुरा इलाके में नानू नगर स्थित प्लॉट नंबर 24 से 102 तक कर्फ्यू लगा दिया। अभी जयपुर कमिश्नरेट के 60 में से 30 थाना इलाकों में कोरोना कर्फ्यू चल रहा है।
जोधपुर में रोगियों को आंकड़ा हुआ 500 के पार
पूरा शहर लॉकडाउन है और नौ थानों में कर्फ्यू लगा है फिर भी कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। पॉजिटिव मरीज के आंकड़े जहां 100 से 400 तक पहुंचने में 13 दिन लगे थे, वहीं दो दिन में 400 से 511 तक पहुंच गया।
नागौर में गर्भवती की मौत
कोरोना से जिले में गुरुवार को दूसरी मौत हो गई है। बासनी निवासी महिला गर्भवती थी। इसमें तड़के करीब पौने 3 बजे दम तोड़ा। कोरोना पॉजिटिव गर्भवती 4 दिन पहले ही अपने भाई के साथ बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती हुई थी। मृतका का भाई भी पॉजिटिव है, जो बीकानेर में उपचारत है। इधर, महिला की मां भी जांच में पॉजिटिव आई है। इसका उपचार स्थानीय जेएलएन अस्पताल में चल रहा है। इसके अलावा परिवार के अन्य लोगों की रिपोर्ट गुरुवार को निगेटिव आई है। बासनी में गुरुवार दोपहर बाद लॉक डाउन प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया है। इससे पूर्व बासनी के ही मोहम्मद अली की भी कोरोना से हो चुकी है।
राजस्थान: 33 में से 29 जिलों में पहुंचा कोरोना
प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं। यहां 917 (2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं। इसके अलावा जोधपुर में 558 (इसमें 47 ईरान से आए), कोटा में 204, अजमेर में 161, टोंक में 134, भरतपुर में 111, नागौर में 118, बांसवाड़ा में 66, जैसलमेर में 49 (इसमें 14 ईरान से आए), झुंझुनूं में 42, झालावाड़ में 40, बीकानेर और भीलवाड़ा में 37-37, मरीज मिले हैं। उधर, दौसा में 21, चित्तौड़गढ़ में 26, चूरू में 14, धौलपुर और पाली में 12-12, हनुमानगढ़ में 11, अलवर में 9, सवाईमाधोपुर और उदयपुर में 8-8, डूंगरपुर और सीकर में 6-6, करौली में 3, राजसमंद, बाड़मेर और प्रतापगढ़ में 2-2 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। वहीं बारां में 1-1 संक्रमित मिला है
राजस्थान में कोरोना से अब तक 61 लोगों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा मौत जयपुर में हुई हैं। यहां 36 जयपुर (जिसमें दो यूपी से) की जान जा चुकी है। इसके अलावा, जोधपुर में 7, कोटा में 6, नागौर, भीलवाड़ा, सीकर और भरतपुर में 2-2, अलवर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़ और टोंक में एक-एक की जान जा चुकी है।
कोराना संकट के बीच राहत की खबर यह है कि अब तक प्रदेश में 644लोग स्वस्थ भी हुए हैं। जयपुर में 249 (2 इटली के नागरिक), जोधपुर 100, बीकानेर में 36,कोटा में 29भीलवाड़ा में 24, जैसलमेर में 30, बांसवाड़ा में 31, झुंझुनू 33, टोंक में 35, झालावाड़ में 14, चुरू में 12, नागौर में 9, डूंगरपुर 5, अजमेर में 5, दौसा में 5, भरतपुर में 4, उदयपुर, हनुमानगढ़, सीकर, पाली और प्रतापगढ़ में दो-दो, बाड़मेर अलवर और करौली में एक-एक मरीज को डिस्चार्ज किया गया है। इसके अलावा, ईरान से जोधपुर और जैसलमेर लाए गए 8 लोगों भी संक्रमण से मुक्त हुए हैं।
from Dainik Bhaskar /national/news/rajasthan-novel-coronavirus-cases-live-jaipur-jodhpur-kota-ajmer-bhilwara-jhunjhunu-corona-lockdown-today-latest-news-127262986.html
via IFTTT
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को चीन पर फिर दुनियाभर में कोरोनावायरस फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वायरस का वुहान इंस्टीटयूट ऑफ बायोलॉजी से कनेक्शन है। हमारे पास इसके सबूत हैं। कोरोना इसी लैब में तैयार किया गया।हालांकि, उन्होंने इस बारे में ज्यादा बताने से इनकार कर दिया। कोरोना से दुनिया में 2.30 लाख लोगों की मौत हो चुकी हैं।
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प से वायरस के वुहान लिंक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरे पास इसके सबूत हैं, लेकिन मैं इसके बारे में आपको बता नहीं सकता।मुझे इसकी इजाजत नहीं है।ट्रम्प ने इस दौरान चीन पर नए टैरिफ लगाने की भी बात कही।
वायरस पर अमेरिका और चीन आमने-सामने
दुनिया में कोरोना से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और62 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। यही वजह है कि अमेरिका पर भारी दबाव है। अमेरिका ने पहले चीन केउस दावे को नकारा था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना चीन के वाइल्डलाइफ मार्केट से निकला।
बाद में चीन का आरोप था कि यूएस मिलिट्री ने चीन तक इस वायरस को पहुंचाया था। उधर, कुछ दिन पहले ट्रम्प ने कहा था कि हम दुनिया के सामने कोरोना का सच लेकर आएंगे।
अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) से भी नाराजगी जताई थी। कहा था कि डब्ल्यूएचओ ने चीन का फेवर किया और दुनिया कोसही जानकारियांनहीं दीं।
ट्रम्प ने कहा- डब्ल्यूएचओ को शर्मिंदा होना चाहिए
ट्रम्प ने यह भी कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को खुद के लिएशर्मिंदा होना चाहिए, क्योंकि उसने चीन के लिए एक जनसंपर्क एजेंसी की तरह काम किया है। दरअसल, ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओकी भूमिका की जांच शुरू की है। साथ ही उसकी फंडिंग भीअस्थायी तौर पर रोक दी है।
कोरोना पर अमेरिका में ही विरोधाभास
यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने गुरुवार को कहा कि कोरोनावायरस चीन से निकलकर दुनिया में फैला। इसे न इंसानों ने बनाया है और न इसे डिजाइन किया गया। हम लगातार बारीकी से जांच कर रहे हैं।
दुनिया में अब तक कोरोना से 33 लाख लाख 8 हजार 231 संक्रमित मिले हैं। 2 लाख 34 हजार 105 मौतें हुई हैं और 10 लाख 39 हजार 195 लोग ठीक हुए हैं। अमेरिका इससे सबसे अधिक प्रभावित है। यहां पर 1 लाख 95 हजार 210 संक्रमित मिले हैं, 63 हजार 861 मौतें हुई हैं और 1 लाख 52 हजार 324 लोग स्वस्थ्य हुए हैं। अमेरिका में लॉकडाउन के खिलाफ लोगों का विरोध तेज हो रहा है। मिशिगन कीराजधानी लांसिंग में लोगों ने लॉकडाउन के खिलाफ गुरुवार को प्रदर्शन किया। यहां स्थित कैपिटल बिल्डिंग पर जुटे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों में से कुछ के पास से हथियार भी थे। प्रदर्शनकारी गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर के लॉकडाउन के आदेश काविरोध कर रहे थे। यह आदेश 23 मार्च को जारी हुआ था। इस बीच, सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के कुछ वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों के पास हथियार नजर आ रहे हैं।
खाड़ी देशों में सऊदी अरब और कतर सबसे ज्यादा प्रभावित
खाड़ी देशों में कोरोना भी संक्रमण बढ़ रहा है। इन देशों में सऊदी अरब और कतर संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन दोनों देशों में गुरुवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार सऊदी अरब में अब तक 22 हजार 753 मामले सामने आए हैं और 162 लोगों की जान गई थी। वहीं, कतर में संक्रमितों की संख्या 13 हजार 400 है और अब तक10 लोगों की मौत हुई है। खाड़ी के अन्य देशों में संयुक्त अरब अमीरात में 12 हजार 400 लोग संक्रमित मिले हैं और 105 मौतें हुई हैं। कुवैत में 4 हजार लोग संक्रमित मिले हैं 26 लोगों की जान गई है। बहरीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 हजार है और आठ लोगों की मौत हुई है। वहीं ओमान में 2300 लोग पॉजिटिव मिले हैं 11 मौतें हुई हैं।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
10,95,210
63,861
1,52,324
स्पेन
2,39,639
24,543
1,37,984
इटली
2,05,463
27,967
75,945
फ्रांस
1,66,420
24,087
48,228
ब्रिटेन
1,71,553
26,771
उपलब्ध नहीं
जर्मनी
1,61,539
6,467
1,20,400
तुर्की
1,17,589
3,081
44,022
रूस
99,399
972
10,286
ईरान
93,657
5,957
73,791
चीन
82,862
4,633
77,610
ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।
ट्रम्प ने चीन पर नए टैरिफ लगाने की चेतावनी दी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना के बारे में जल्द जानकारी नहीं देने के लिए एक बार फिर चीन से नाराजगी जाहिर की है। ट्रम्प ने चीन पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मैं एक ही काम कर सकता हूं, मैं ज्यादा पैसे के लिए उस पर नए टैरिफ (सीमा शुल्क) लगा सकता हूं। ट्रम्प ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के हर दिन वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही।
इससे एक दिन पहले भी ट्रम्प ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि चीन नहीं चाहता कि वे नवंबर में फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाएं। उन्होंने कहा कि चीन मुझे अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए कुछ भी करेगा। उसका कोरोना से निपटने का तरीका इस बात का सबूत है।
रुस केप्रधानमंत्री कोरोना पॉजिटिव
प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन गुरुवार रात कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी। एक न्यूज चैनल से बातचीत में मिखाइल ने कहा, “मैंने अपना कोरोना टेस्ट कराया था। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब मैं सेल्फ आईसोलेशन में जा रहा हूं। ये बेहद जरूरी है ताकि मेरे साथी सुरक्षित और स्वस्थ रहें।” उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी है। अब मिखाइल का कामकाज आंद्रे बेलोस्योव संभालेंगे। देश में कुल संक्रमितों की संख्या एक लाख से ज्यादा हो चुकी है।
पाकिस्तान केनेशनल असेंबली के स्पीकर संक्रमित
पाकिस्तान नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर गुरुवार को कोरोना संक्रमित पाए गए। उनकी बेटी और बेटा की टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। खास बाद ये है कि असद ने 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी। इसके बाद पीएम को टेस्ट कराना पड़ा था। रिपोर्ट निगेटिव आई। इमरान ईधी फाउंडेशन के फैजल ईधी से मिले थे। बाद में फैजल संक्रमित पाए गए। इसके बाद इमरान का टेस्ट कराया गया।
लीलावती अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी के चार दिन बाद कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। महाराष्ट्र में कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी का ये पहला मामला था। मरीज की उम्र 53 साल थी। डॉक्टर्स ने बताया कि 25 अप्रैल को मरीज को प्लाज्मा थैरेपी दी गई थी। उसके बाद हालत में थोड़ा सुधार हुआ लेकिन, 29 अप्रैल को मौत हो गई। उसके फेंफड़ों में न्यूमोनिया भी हो गया था। अस्पताल आने से पहले 10 दिन से बुखार और गले में दर्द था
कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज 20 अप्रैल को गंभीर हालत में लीलावती अस्पताल में भर्ती हुआ था। इससे पहले 10 दिन से उसे बुखार, गले में दर्द और कफ था। एक्स-रे में मरीज के फेंफड़ों में सफेद धब्बे दिखे। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर भी कम हो गया था। लीलावती अस्पताल के सीईओ डॉ. रविशंकर के मुताबिक मरीज को कृत्रिम सांस और एंटी-वायरल दवाएं भी दी गईं, लेकिन असर नहीं हुआ। प्लाज्मा थैरेपी के बाद थोड़ा सुधार दिखा इसलिए कोई और डोज नहीं दिया गया। 'प्लाज्मा थैरेपी में गलती होने पर उल्टा असर हो सकता है'
मुंबई में बीएमसी प्लाज्मा थैरेपी पर अध्ययन कर रही है। यह स्टडी संक्रामक बीमारियों के एक्सपर्ट डॉ. ओम श्रीवास्तव और कस्तूरबा लैब की मदद से की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने 28 अप्रैल को कहा था कि कोरोना के लिए प्लाज्मा थैरेपी कोई अप्रूव्ड इलाज नहीं है, सिर्फ ट्रायल बेस्ड है। सही तरीके से थैरेपी नहीं होने पर विपरीत असर भी हो सकता है।
from Dainik Bhaskar /national/news/53-year-old-male-patient-the-first-to-undergo-plasma-therapy-in-maharashtra-passed-away-on-29th-april-127262960.html
via IFTTT
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का असर तेजी से फैलता जा रहा है। गुरुवार शाम तक एक दिन में कुल 77 नए केस पॉजिटिव पाए गए। प्रदेश में कोरोना वायरस के संख्या पहुंची 2211 जिसमें 1620 एक्टिव केस हैं। अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि551 मरीजसही होकर घर जा चुके हैं। अब तक सबसे अधिक आगरा में संक्रमण के मामले सामने आए हैं। यहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 500 के करीब पहुंच गया है। इस बीच वाराणसी में दो दिनों बाद लॉकडाउन की सख्ती में थोड़ी छूट प्रदान की गई। वहीं योगी सरकार ने तय किया है क हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों को अब दूरदर्शन के माध्यम से क्लास करवायी जाएगी।
कोरोना अपडेट्स
वाराणसी में दो दिनों के बाद लोगों को टोटल लॉकडाउन से थोड़ी राहत मिली है। इस बीच सब्जियों के दाम बढ़ने और दूध को लेकर लोग परेशान दिखायी दिए। जिला प्रशासन ने कहा है कि दवा की दुकानें दिन में एक घंटे खुल सकेंगी। जिले में आठ नए केसों के साथ कोरोना पॉजिटिव की संख्या 60 पहुंच गई है। हॉटस्पॉट इलाके में 7 नए के साथ 23 हो गए हैं। 8 मरीज ठीक और 1 कि मौत हो चुकी है। बिरदोपुर, महमूरगंज, सिगरा, सुंदरपुर,मडुआडीह, भेलुपर,सरजूनगर समेत तमाम अंदर के इलाकों में दूध की बहुत किल्लत है। डीएम कौशल राज शर्मा के नए आदेश के अनुसार दूध की दुकानें 3 मई तक 7 से 8 सुबह और दवा की दुकानें 11 से 12 बजे तक ही खुलेंगी।दो दिनों बाद वही शुक्रवार सुबह ही मार्केट से सब्जियां गायब होने लगी।
दूरदर्शन के जरिए घर बैठे होगी छात्रों की पढ़ाई
लखनऊ; योगी सरकार हाईस्कूल और इंटर के छात्रों की घर बैठे कराएगी पढ़ाई कराएगी।कोरोना के चलते लॉकडाउन को देखते हुए दूरदर्शन के जरिए पढ़ाईकराने का निर्णयल सरकार ने लिया है।दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चैनल पर आज से हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई-सुबह 11 बजे से 1 बजे तक हाईस्कूल और इंटर की स्वयंप्रभा चैनल पर क्लास-शाम 4.30 से 6.30 के बीच स्वयं प्रभा चैनल पर रिपीट क्लास चलाई जाएगी।
सभी प्रधानाचार्य और शिक्षकों को छात्र-छात्राओं, अभिभावकों को जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। देश में 11वें नंबर पर आ चुका आगरा प्रदेश में नंबर एक पर है। डराने वाली बात यह है कि बीते 13 दिनों में आगरा के कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या दोगुनी हुई है। गुरुवार शाम को 46 नए पॉजिटिव केस आगरा में आए जिसके बाद यहां कोरोना के कुल मामले 479 तक पहुंच गए हैं। यहां अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है।
मेरठ; जिले में गुरुवार शामतक यहां कोरोना के मरीजों की संख्या 105 तक पहुंच गई है। इनमें से 5 की मौत हो चुकी है, जबकि 48 लोगों की अस्पताल से छुट्टी हो गई है। मेरठ में 11 अप्रैल को एक साथ नौ लोग को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि यह प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के कड़ी मेहनत का नतीजा है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि रिकवर होने वाले सभी मरीजों का 14 दिन क्वारंटीन में रहना जरूरी होता है।
from Dainik Bhaskar /national/news/uttar-pradesh-up-novel-coronavirus-cases-live-agra-kanpur-lucknow-firozabad-meerut-rae-bareli-corona-lockdown-today-latest-news-127262955.html
via IFTTT
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को चीन पर फिर दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'वायरस का वुहान इंस्टीटयूट ऑफ बायोलॉजी से कनेक्शन है। इसके हमारे पास सबूत हैं। कोरोना इसी लैब में तैयार किया गया।' हालांकि, उन्होंने इस बारे में ज्यादा बताने से इनकार कर दिया। कोरोना से दुनिया में 2.30 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प से वायरस के वुहान लिंक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हां मेरे पास इसके सबूत हैं, लेकिन मैं इसके बारे में आपको बता नहीं सकता। दरअसल, मुझे इसकी इजाजत नहीं है।' ट्रम्प ने इस दौरान चीन पर नए टैरिफ लगाने की भी बात कही।
वायरस पर अमेरिका और चीन आमने-सामने
दुनिया में कोरोना से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं हौर 62 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। यही वजह है कि अमेरिका पर भारी दबाव है। अमेरिका ने पहले चीन की उस दावे को नकारा था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना चीन के वाइल्डलाइफ मार्केट से निकला है।
बाद में चीन का आरोप था कि यूएस मिलिट्री ने चीन तक इस वायरस को पहुंचाया था। उधर, कुछ दिन पहले ट्रम्प ने कहा था कि हम दुनिया के सामने कोरोना का सच लेकर आएंगे।
अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी नाराजगी जताई थी। कहा था कि डब्लूएचओ ने चीन का फेवर किया और सही जानकारी दुनिया को नहीं दी।
ट्रम्प ने कहा- डब्ल्यूएचओ को शर्मिंदा होना चाहिए
डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को "खुद के लिए" शर्मिंदा होना चाहिए, क्योंकि उसने चीन के लिए एक जनसंपर्क एजेंसी की तरह काम किया है। दरअसल, ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका की जांच शुरू की है। तब तक अस्थायी तौर पर फंडिंग भी रोक दी है।
कोरोना पर अमेरिका में ही विरोधाभास
यूएस इंटेलीजेंस कम्युनिटी ने गुरुवार को कहा कि कोरोनावायरस चीन से निकलकर दुनिया में फैला है। लेकिन इसे न इंसानों ने बनाया है और न इसे डिजाइन किया गया है। कम्युनिटी ने कहा कि हम लगातार बारीकी से जांच कर रहे हैं। हम हर जानकारी को परख रहे हैं।
दुनिया में अब तक कोरोना से 33 लाख लाख 8 हजार 231 संक्रमित मिले हैं। 2 लाख 34 हजार 105 मौतें हुई हैं और 10 लाख 39 हजार 195 लोग ठीक हुए हैं। अमेरिका इससे सबसे अधिक प्रभावित है। यहां पर 1 लाख 95 हजार 210 संक्रमित मिले हैं, 63 हजार 861 मौतें हुई हैं और 1 लाख 52 हजार 324 लोग स्वस्थ्य हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना के बारे में जल्द जानकारी नहीं देने के लिए एक बार फिर चीन से नाराजगी जाहिर की है। ट्रम्प ने चीन पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मैं एक ही काम कर सकता हूं, मैं ज्यादा पैसे के लिए उस पर नए टैरिफ (सीमा शुल्क) लगा सकता हूं। ट्रम्प ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के हर दिन वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही।
इससे एक दिन पहले भी ट्रम्प ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि चीन नहीं चाहता कि वे नवंबर में फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाएं। उन्होंने कहा कि चीन मुझे अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए कुछ भी करेगा। उसका कोरोना से निपटने का तरीका इस बात का सबूत है।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
10,95,210
63,861
1,52,324
स्पेन
2,39,639
24,543
1,37,984
इटली
2,05,463
27,967
75,945
फ्रांस
1,66,420
24,087
48,228
ब्रिटेन
1,71,553
26,771
उपलब्ध नहीं
जर्मनी
1,61,539
6,467
1,20,400
तुर्की
1,17,589
3,081
44,022
रूस
99,399
972
10,286
ईरान
93,657
5,957
73,791
चीन
82,862
4,633
77,610
ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।
मिशिगन में हथियारों के साथ लॉकडाउन का विरोध
अमेरिका के मिशिगन राज्य कीराजधानी लांसिंग में लोगों ने लॉकडाउन के खिलाफ गुरुवार को प्रदर्शन किया। यहां स्थित कैपिटल बिल्डिंग पर जुटे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों में से कुछ के पास से हथियार भी थे।
प्रदर्शनकारी गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर के लॉकडाउन के आदेश काविरोध कर रहे थे। सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के कुछ वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों के पास हथियार नजर आ रहे हैं। इसमें पुलिस प्रदर्शनकारियों को बिल्डिंग में प्रवेश करने से रोकती नजर आ रही है।ग्रेचेन ने 23 मार्च को लोगों के लिए घर पर रहना जरूरी करने का आदेश जारी किया था।
रुस केप्रधानमंत्री कोरोना पॉजिटिव
प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन गुरुवार रात कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी दी। एक न्यूज चैनल से बातचीत में मिखाइल ने कहा, “मैंने अपना कोरोना टेस्ट कराया था। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब मैं सेल्फ आईसोलेशन में जा रहा हूं। ये बेहद जरूरी है ताकि मेरे साथी सुरक्षित और स्वस्थ रहें।” उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी है। अब मिखाइल का कामकाज आंद्रे बेलोस्योव संभालेंगे। देश में कुल संक्रमितों की संख्या एक लाख से ज्यादा हो चुकी है।
पाकिस्तान केनेशनल असेंबली के स्पीकर संक्रमित
पाकिस्तान नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर गुरुवार को कोरोना संक्रमित पाए गए। उनकी बेटी और बेटा की टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। खास बाद ये है कि असद ने 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी। इसके बाद पीएम को टेस्ट कराना पड़ा था। रिपोर्ट निगेटिव आई। इमरान ईधी फाउंडेशन के फैजल ईधी से मिले थे। बाद में फैजल संक्रमित पाए गए। इसके बाद इमरान का टेस्ट कराया गया।
IIT DELHI: आईआईटी दिल्ली कोरोना से छात्रों को बचाने के लिए पहली बार एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम में दाखिले के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंटरव्यू होंगे।
from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/3f9Qbev
via IFTTT
लॉकडाउन के बीच शराब की दुकानें खोलने के लिएसांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने गुरुवार काे बेतुके तर्क रखे। उन्होंनेकहा कि शराब से काेराेना थमेगा। इसलिए ठेके खाेले जाएं। विधायक भरत सिंह ने ताे मुख्यमंत्री अशोक गहलोतको इस संबंध में पत्र भी लिखा है, जिसमें शराब के समर्थन में कई तर्क भी दिए। उधर,लाडपुरा के पूर्व भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत ने भी कहा किजंग में जीतने के लिए शराब जरूरी है।
विधायक भरत सिंह ने लिखा कि जब अल्काेहल से हाथों को धाेने पर कोरोना वायरस खत्म हो सकता है तोपीने वाले के गले से वायरस ही साफ होगा। उन्होंने लिखा कि हाथ से बनी शराब पीकरजान गंवाने से तो अच्छा है किशराब की दुकानें खोली जाएं।सरकार शराब की दुकानें खोल दे। इससे शराब पीने वालों को शराब मिलेगी और सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
Bharat Singh Kundanpur, Congress MLA from Sangod has written to Rajasthan CM Ashok Gehlot for opening liquor shops in the state. The letter reads, "When #coronavirus can be removed by washing hands with alcohol, then drinking alcohol will surely remove virus from the throat". pic.twitter.com/ToVPomDI1Z
भाजपा के पूर्व विधायक राजावत ने कहा- जंग में जीतने के लिए शराब जरूरी
पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा, 'सतयुग में भी देवता सोमरस का पान करते थे। राजा महाराजा औरयोद्धा भी सेवन करने के बाद ही दुश्मन को परास्त कर पाते थे। इसीलिए सरकार पुनर्विचार करें। यह वायरस को भी रोकेगा और सरकार को रुका हुआ करोड़ों का राजस्व भी अर्जित होगा। हालांकि, उन्होंने कहा किपान, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तंबाकू पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए।
लॉकडाउन के बीच शराब की दुकानें खोलने के लिएसांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने गुरुवार काे बेतुके तर्क रखे। उन्होंनेकहा कि शराब से काेराेना थमेगा। इसलिए ठेके खाेले जाएं। विधायक भरत सिंह ने ताे मुख्यमंत्री अशोक गहलोतको इस संबंध में पत्र भी लिखा है, जिसमें शराब के समर्थन में कई तर्क भी दिए। उधर,लाडपुरा के पूर्व भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत ने भी कहा किजंग में जीतने के लिए शराब जरूरी है।
विधायक भरत सिंह ने लिखा कि जब अल्काेहल से हाथों को धाेने पर कोरोना वायरस खत्म हो सकता है तोपीने वाले के गले से वायरस ही साफ होगा। उन्होंने लिखा कि हाथ से बनी शराब पीकरजान गंवाने से तो अच्छा है किशराब की दुकानें खोली जाएं।सरकार शराब की दुकानें खोल दे। इससे शराब पीने वालों को शराब मिलेगी और सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
Bharat Singh Kundanpur, Congress MLA from Sangod has written to Rajasthan CM Ashok Gehlot for opening liquor shops in the state. The letter reads, "When #coronavirus can be removed by washing hands with alcohol, then drinking alcohol will surely remove virus from the throat". pic.twitter.com/ToVPomDI1Z
भाजपा के पूर्व विधायक राजावत ने कहा- जंग में जीतने के लिए शराब जरूरी
पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा, 'सतयुग में भी देवता सोमरस का पान करते थे। राजा महाराजा औरयोद्धा भी सेवन करने के बाद ही दुश्मन को परास्त कर पाते थे। इसीलिए सरकार पुनर्विचार करें। यह वायरस को भी रोकेगा और सरकार को रुका हुआ करोड़ों का राजस्व भी अर्जित होगा। हालांकि, उन्होंने कहा किपान, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तंबाकू पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए।
from Dainik Bhaskar /local/rajasthan/jaipur/news/mla-and-former-mla-said-eat-contracts-liquor-is-necessary-to-win-the-war-against-corona-127262842.html
via IFTTT
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34हजार 862 हो गई है।9 हजार से ज्यादा मरीज हो ठीक भी हुए हैं।गुरुवार को महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 583, गुजरात में 313,राजस्थान में 144,पंजाब में 105,मध्यप्रदेश में 65समेत 1799रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। दिल्ली में सीआरपीएफ के 6 नए जवानों में संक्रमण मिला।महराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार हो गई है। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 33 हजार 610 संक्रमित हैं। इनमें से 24हजार 162का इलाज चल रहा है, 8373ठीक हुए हैं और 1075की मौत हुई।
पीएम मोदीने मंत्रियों के साथ बैठक की
कोरोना संकट में घिरी अर्थव्यवस्था को संभालने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक बुलाई। इसमें गृहमंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर मौजूद थे। मोदी ने महामारी और लॉकडाउन केबीचकोल और खनन सेक्टर में सुधारों के साथ अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के उपाय सुझाने को कहा। इस दौरान विदेशी निवेश आकर्षित करने और स्थानीय निवेश को बढ़ाने के उपाय खोजने पर जोर दिया गया।
5 दिन जब संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए
दिन
मामले
28 अप्रैल
1902
25 अप्रैल
1835
29 अप्रैल
1702
23 अप्रैल
1667
26 अप्रैल
1607
26 राज्य,6 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला संक्रमण
कोरोनावायरस का संक्रमणदेश के 26 राज्यों में फैला है।6 केंद्र शासित प्रदेश भीइसकी चपेट में हैं।इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पुडुचेरी शामिल हैं।
राज्य
कितने संक्रमित
कितने ठीक हुए
कितनी मौत
महाराष्ट्र
10,498
1773
459
गुजरात
4395
613
214
दिल्ली
3515
1094
59
राजस्थान
2582
893
58
मध्यप्रदेश
2625
482
137
तमिलनाडु
2323
1258
27
उत्तरप्रदेश
2211
551
40
आंध्रप्रदेश
1403
321
31
तेलंगाना
1038
442
28
पश्चिम बंगाल
758
124
33
जम्मू-कश्मीर
614
216
8
कर्नाटक
565
229
22
केरल
498
383
4
पंजाब
480
104
20
हरियाणा
339
235
4
बिहार
425
84
2
ओडिशा
142
39
1
झारखंड
110
19
3
उत्तराखंड
57
36
0
हिमाचल प्रदेश
40
28
2
असम
42
29
1
छत्तीसगढ़
40
36
0
चंडीगढ़
74
18
0
अंडमान-निकोबार
33
16
0
लद्दाख
22
17
0
मेघालय
12
0
1
पुडुचेरी
8
5
1
गोवा
7
7
0
मणिपुर
2
2
0
त्रिपुरा
2
2
0
अरुणाचल प्रदेश
1
1
0
मिजोरम
1
1
0
ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 33 हजार 610संक्रमित हैं। इनमें से 24हजार 162का इलाज चल रहा है, 8373ठीक हुए हैं और 1075 की मौत हुई है।
5 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश का हाल
मध्यप्रदेश, संक्रमित- 2625: यहां गुरुवार को संक्रमण के 65 नए मामले सामने आए। यहां अब तक 137 मरीजों की मौत हो चुकी है। भोपाल एम्स मेंरोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू (एमडब्ल्यू) का कोरोना के गंभीर रोगियोंपर ट्रायल शुरू हो गया है। राज्य में बुधवार को संक्रमण के175 मामले आए थे।
उत्तरप्रदेश, संक्रमित- 2211: प्रदेश में गुरुवार को 77 नए कोरोना पॉजिटिव मिले। राज्य में कुल संक्रमितों में 1053 जमाती और उनके संपर्क में आए लोग हैं। 551 लोग ठीक हो चुके हैं। 40 की मौत हुई है। संक्रमण राज्य के 75 में से 60 जिलों में फैल चुका है।
महाराष्ट्र, संक्रमित- 10498: यहां गुरुवार को 583 नए मरीज मिले। इनमें से 25 केस मुंबई के हॉट स्पॉट धारावी में सामने आए। यहां अब संक्रमितों की संख्या 369 हो गई है। महाराष्ट्र सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने मजदूरों को वापस लाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए 10 हजार बसें भेजी जाएंगी।
राजस्थान, संक्रमित- 2582:राज्य मेंगुरुवार को संक्रमण के 144 मामले आए। इनमें से जोधपुर में 59, जयपुर में 14, अजमेर में 4, चित्तौड़गढ़ में 3, कोटा और टोंक में 2-2, जबकि अलवर और धौलपुर में 1-1 मरीज मिला। प्रदेश में अब तक कोरोना से 58 लोगों की जान गई है।
दिल्ली, संक्रमित- 3515: यहां गुरुवार को सीआरपीएफ के 6 और जवान संक्रमित मिले। इनमें से एक जवान अर्धसैनिक बल की नेशनल कबड्डी टीम का खिलाड़ी है। इसी बटालियन में पहले कोरोना के 47 केस सामने आ चुके हैं। पिछले दिनों एक सब इंस्पेक्टर की मौत भी हो गई थी। आजादपुर सब्जी मंडी के 4 और व्यापारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
बिहार, संक्रमित- 422:प्रदेश में गुरुवार को 22 नए मामले सामने आए।बुधवार को 37 पॉजिटिव मिले। इनमें से बक्सर में 14, पश्चिमी चंपारण में 5, दरभंगा में 4, पटना और रोहतास में 3-3, भोजपुर और बेगूसराय में 2-2, जबकि औरंगाबाद, वैशाली, सीतामढ़ी और मधेपुरा में 1-1 मरीज थे।
from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-outbreak-india-live-today-news-updates-delhi-kerala-maharashtra-rajasthan-haryana-cases-novel-corona-covid-19-death-toll-127262830.html
via IFTTT
देश में कोरोना के चलते अचानक लगाया लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों पर सबसे ज्यादा भारी पड़ा है। उन्हें जब ये पता चला की जिन फैक्ट्रियों और काम धंधे से उनकी रोजी-रोटी का जुगाड़ होता था, वह न जाने कितने दिनों के लिए बंद हो गया है, तो वे घर लौटने को छटपटाने लगे।
ट्रेन-बस सब बंद थीं। घर का राशन भी इक्का-दुक्का दिन का बाकी था। जिन ठिकानों में रहते थे उसका किराया भरना नामुमकिन लगा। हाथ में न के बराबर पैसा था। और जिम्मेदारी के नाम पर बीवी बच्चों वाला भरापूरा परिवार था। तो फैसला किया पैदल ही निकल चलते हैं। चलते-चलते पहुंच ही जाएंगे। यहां रहे तो भूखे मरेंगे।
कुछ पैदल, कुछ साइकिल पर तो कुछ तीन पहियों वाले उस साइकिल रिक्शे पर जो उनकी कमाई का साधन था। लेकिन जो फासला तय करना था वह कोई 20-50 किमी नहीं बल्कि 100-200 और 3000 किमी लंबा था।
1886 की बात है। तारीख 1 मई थी। अमेरिका के शिकागो के हेमोर्केट मार्केट में मजदूर आंदोलन कर रहे थे। आंदोलन दबाने को पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें कुछ मजदूर मारे भी गए। प्रदर्शन बढ़ता गया रुका नहीं। और तभी से 1 मई को मारे गए मजदूरों की याद में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
आज फिर 1 मई आई है। इस बार थोड़ी अलग भी है। इसलिए, मजदूर दिवस पर लॉकडाउन में फंसे, पैदल चले और अपनी जान गंवा बैठे प्रवासियों के संघर्ष और सफर की पांच कहानियां -
पहली कहानी : मुंबई से 500 दूर उप्र सिर्फ बिस्किट खाकर निकले थे, घर तो पहुंच लेकिन मौत हो गई
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले का इंसाफ अली मुंबई में एक मिस्त्री का हेल्पर था। लॉकडाउन की वजह से काम बंद हुआ तो घर पहुंचने की ठानी। इंसाफ 13 अप्रैल को मुंबई से यूपी के लिए निकल पड़ा। 1500 किमी के सफर में ज्यादातर पैदल ही चला। बीच-बीच में अगर कोई गाड़ी मिल जाती, तो उसमें सवार हो जाता।
जैसे-तैसे 14 दिन बाद यानी 27 अप्रैल को इंसाफ अपने गांव मठकनवा तो पहुंच गया, लेकिन वहां क्वारैंटाइन कर दिया गया। उसी दिन दोपहर में इंसाफ की मौत हो गई। पत्नी सलमा बेगम का कहना था कि इंसाफ ने उसे फोन पर बताया था कि वह सिर्फ बिस्किट खाकर ही जिंदा है।
दूसरी कहानी : 1400 किमी दूर घर जाने के लिए पैदल निकला, 60 किमी बाद दम तोड़ दिया
मध्य प्रदेश के सीधी के मोतीलाल साहू नवी मुंबई में हाउस पेंटर का काम करते थे। जब देश में पहला लॉकडाउन लगा तब तक मोतीलाल मुंबई में ही रहे। लेकिन, दूसरे फेज की घोषणा होने के बाद 24 अप्रैल को वे पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। उनका घर नवी मुंबई से 1400 किमी दूर है।
मोतीलाल के साथ 50 और प्रवासी मजदूर भी थे। मोतीलाल खाली पेट ही चल पड़े थे। उन्होंने 60 किमी का सफर तय किया ही था कि रास्ते में ठाणे पहुंचते ही उनकी मौत हो गई। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटियां हैं और बड़ी मुश्किल से घर का गुजारा हो पाता है।
तीसरी कहानी : दिल्ली से 1100 किमी दूर बिहार जा रहे थे, आधे रास्ते पहुंच बेहोश होकर गिर पड़े, मौत हो गई
बिहार के बेगूसराय के रहने वाले रामजी महतो दिल्ली से अपने घर के लिए पैदल ही निकल पड़े। दिल्ली से बेगूसराय के बीच की दूरी 1100 किमी है। उन्होंने 850 किमी का सफर तय भी कर लिया था। रामजी 3 अप्रैल को दिल्ली से निकले, लेकिन 16 अप्रैल को यूपी के वाराणसी में बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें एंबुलेंस में चढ़ाया ही था कि उन्होंने दम तोड़ दिया।
जिन घर वालों के पास पहुंचने के लिए रामजी बिना कुछ सोचे-समझे पैदल ही निकल पड़े थे, उन घर वालों के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे वाराणसी जाकर रामजी का शव ले सकें और उनका अंतिम संस्कार कर सकें। बाद में वाराणसी पुलिस ने ही उनका अंतिम संस्कार किया।
चौथी कहानी : 300 किमी जाना था, 200 किमी चलने के बाद पुलिस के मुताबिक हार्टअटैक से मौत हो गई
39 साल के रणवीर सिंह मध्य प्रदेश के मुरैना के बादफरा गांव के रहने वाले थे। तीन साल पहले पत्नी और तीन बच्चों की परवरिश के लिए दिल्ली आ गए। यहां आकर एक रेस्टोरेंट में डिलीवरी बॉय का काम भी किया। लेकिन, लॉकडाउन की वजह से सब काम बंद हो गया। इससे रणवीर दिल्ली से मुरैना के लिए पैदल ही निकल गए।
दिल्ली से उनके गांव तक की दूरी 300 किमी के आसपास थी। वे 200 किमी तक चल भी चुके थे, लेकिन 28 मार्च को रास्ते में ही आगरा पहुंचते ही उनकी मौत हो गई। उनके घरवालों का कहना था कि रणवीर की मौत भूख-प्यास से हुई है। जबकि, पुलिस का कहना था कि पोस्टमार्टम के मुताबिक, उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई है।
पांचवी कहानी : 25 दिन में 2800 किमी का सफर तय कर गुजरात से असम पहुंचे जादव
पैदल घर जाने वालों में एक नाम जादव गोगोई का भी है। वे असम के नागांव जिले में रहते हैं। लेकिन, मजदूरी गुजरात के वापी शहर में करते हैं। लॉकडाउन लगने के बाद 27 मार्च को जादव वापी से अपने घर आने के लिए निकल पड़े। 25 दिन में 2800 किमी का सफर तय करने के बाद, 19 अप्रैल को आखिरकार जादव अपने घर पहुंच ही गए।
46 साल के जादव चार हजार रुपए लेकर वापी से निकले थे। कभी पैदल तो कभी ट्रक वालों से लिफ्ट भी ली। ऐसा करते-करते बिहार तक आ गए। बिहार से फिर पैदल ही असम भी पहुंच गए।
शाम के सात बजने को हैं। रमजान का महीना है और दिल्ली के जामा मस्जिद में मगरिब की अजान होने में बस कुछ ही मिनट बाकी हैं। आम तौर पर रमजान के दिनों में जामा मस्जिद के इस इलाके में पैर रखने की भी जगह नहीं होती। करीब 15 से 20 हजार लोग हर शाम यहां रोजा खोलने और नमाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इन दिनों कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में यह पूरा इलाका सन्नाटे में डूबा हुआ है।
जामा मस्जिद के गेट नंबर 1 के बाहर दिल्ली पुलिस के कुछ जवान तैनात हैं। उनके साथ ही अर्धसैनिक बलों की एक टुकड़ी भी यहां मौजूद है। इन लोगों के अलावा सड़क पर दूर-दूर तक कोई इंसान नजर नहीं आ रहा। मुख्य सड़क पर एक-एक दुकान बंद है और एक-एक गली खाली।
दिल्ली पुलिस की एक गाड़ी अभी-अभी लगभग 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 1 नंबर गेट से तीन नंबर गेट की तरफ गई है। दशकों में शायद पहली बार ऐसा हुआ है जब इस इलाके में कोई गाड़ी इस रफ्तार से चली है। पुरानी दिल्ली का यह इलाका जिसने भी देखा है, वह समझ सकता है कि यहां किसी गाड़ी का ऐसे गुजरना कितनी गैर-मामूली घटना है। जिसने यह इलाका नहीं देखा वह इस तथ्य से अंदाजा लगा सकता है कि ये देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे व्यस्त इलाकों में शामिल है और यहां पैदल आगे बढ़ना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता।
17वीं सदी में बनी जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। सदियों से यहां रमजान के दौरान रोजेदारों की भीड़ आती रही है। मस्जिद की मीनारों से उठती अजान की आवाज के साथ ही हजारों सिर सजदे में झुकते रहे हैं। आज भी ठीक सात बजते ही अजान तो हमेशा की तरह हुई है लेकिन सजदे में झुकने वाले सर नदारद हैं। मस्जिद के बाहर सड़क पर बैठे एक बेघर शख्स के अलावा आज यहां ऐसा कोई नहीं है जो अजान होने पर रोजा खोलता नजर आया हो।
पुरानी दिल्ली के रहने वाले अबू सूफियान बताते हैं, ‘रमजान के दौरान मटियामहल से लेकर तिराहा बैरम खां तक बड़ा जबरदस्त बाजार सजता रहा है। खाने-पीने की तमाम दुकानों से लेकर कपड़ों और जूतों तक की दुकानें यहां लगती हैं जिनमें खरीददारी के लिए लोग देश भर से आते हैं। यह बाजार सिर्फ दिन में ही नहीं बल्कि रात भर भी लगा करता था और चौबीसों घंटे रौनक रहती थी। इस रौनक की कमी खलती तो है लेकिन यह लॉकडाउन बेहद जरूरी भी है।’
लॉकडाउन ने पुरानी दिल्ली में होने वाली रमजान के बाजारों की रौनक को ही नहीं बल्कि ऐसी कई परंपराओं पर भी अल्पविराम लगा दिया है जो बीते कई दशकों से यहां होती आई थी। मसलन रोजा खुलने के वक्त मस्जिद से हरा झंडा फहराया जाता था, फिर पटाखों का शोर होता था और इसके साथ ही सबको मालूम चलता था कि इफ्तार का वक्त हो गया है। इस बार ऐसा कुछ नहीं है, सिर्फ मस्जिद की अजान ही है जिसे लोग अपने-अपने घरों में सुनकर ही रोजा खोल रहे हैं।
अबू सूफियान बताते हैं, ‘सहरी के वक्त गली-गली में जाकर लोगों को जगाने वाले लोग खास तौर से आया करते थे। इनके अलावा कई लोग रात के दो-ढाई बजे तक नात-ए-पाक गाते थे जिसे सुनना बेहद दिलचस्प होता था। मस्जिद के अंदर भी रात भर रौनक रहती थी क्योंकि ईशा की नमाज के बाद तरावीह पढ़ने का दौर चलता था। तरावीह वो लोग पढ़ते हैं जो हफिजी कुरान होते हैं, यानी जिन्हें पूरी कुरान कंठस्थ होती है। उनके पीछे आम लोग पढ़ते हैं। लोग साल भर इस मौके का इंतजार करते हैं।’
पुरानी दिल्ली का यह इलाका खान-पान के लिए खास तौर से जाना जाता है। मस्जिद के एक नंबर गेट के ठीक सामने वाली गली में मौजूद करीम और अल-जवाहर जैसी दुकानें तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बना चुकी हैं। इसके अलावा तौफीक की बिरयानी, असलम का बटर चिकन, बड़े मियां की खीर और चंदन भाई का ‘वेद प्रकाश बंटा लेमन’ खास तौर से लोगों को आकर्षित करता रहा है। मजेदार है कि रमजान के दौरान पूरी रात बंटा-लेमन बेचने वाले चंदन भाई इसे गंगाजल मिलाकर तैयार करते हैं और दिन भर रोजे में रहने वाले हजारों खुश्क गले रात भर इसकी ठंडक से तरावट पाते हैं।
जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर उज्मा अजहर अली बताती हैं, ‘रमजान के दौरान पुरानी दिल्ली में कई फूड वॉक हुआ करती हैं जिनके लिए लोग बहुत पहले से बुकिंग शुरू कर देते हैं। इस दौरान कई लोग तो सिर्फ और सिर्फ नहारी बनाया करते हैं और पूरे साल की कमाई इसी दौरान करते हैं। शीरमाल, शाही टुकड़ा और खजला-फेनी जैसे व्यंजन भी रमजान में खास तौर से बनाए जाते हैं और लोग दिल्ली के कोने-कोने से यहां इनका लुत्फ लेने आते हैं। इसके अलावा एक शेक वाला भी पुरानी दिल्ली में खासा मशहूर है जहां रमजान के दौरान खूब भीड़ हुआ करती है। फलों से बनने वाला वह शरबत ‘प्यार मोहब्बत का शरबत’ के नाम से पुरानी दिल्ली में मशहूर है।’
ये सारी रौनक इस साल सिर्फ लोगों की यादों तक ही सिमट गई है। लेकिन लोगों में इसे लेकर कोई नाराजगी का भाव नहीं दिखता। जामा मस्जिद के ठीक सामने ही रहने वाले मोहम्मद अब्दुल्ला कहते हैं, ‘इस वक्त जब पूरी दुनिया ही ठप पड़ी है तो पुरानी दिल्ली क्यों न हो। ये महामारी ही ऐसी है कि इससे निपटने के लिए घरों में कैद रहना जरूरी है। ये महामारी निपट जाए तो रौनक तो अगले साल फिर से लौट ही आएगी। उन लोगों के नुकसान की चिंता जरूर होती है जो पूरे साल रमजान का इंतजार किया करते थे कि इस दौरान कुछ कमाई हो सके।’
रमजान के दौरान पुरानी दिल्ली में सैकड़ों करोड़ का कारोबार होता है। असंगठित क्षेत्र के इस कारोबार का कोई सटीक आंकड़ा मिलना मुश्किल है लेकिन इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां छोटी-मोटी दुकान चलाने वाला आदमी भी रमजान के दौरान औसतन दस हजार रुपए का कारोबार हर दिन करता है।
मटियामहल के रहने वाले सैय्यद आविद अली कहते हैं, ‘ईद नजदीक आती है तो हर कोई खरीददारी करता है। घर के बच्चे से लेकर बूढ़े तक, सभी उस दिन नए कपड़े पहनते हैं। जूतों से लेकर रूमाल तक नया रखते हैं। जाहिर है कि इतनी खरीददारी होती है तो इतनी ही बिक्री भी होती है। बहुत लोगों के लिए रमजान का महीना पूरे साल की कमाई का समय होता है। उन लोगों के लिए ये वक्त बेहद मुश्किल बन पड़ा है।’
शाम को सुनसान नजर आ रही पुरानी दिल्ली की इन गलियों मेंइन दिनों बस कुछ देर की ही चहल-पहल हो रही है। कई बार तो यह चहल-पहल भगदड़ में भी बदल जाती है। कोरोना संक्रमण के चलते यहां कई इलाकों को ‘रेड जोन’ घोषित किया गया है लिहाजा पूरे क्षेत्र में पाबंदियां कुछ ज्यादा हैं। इन दिनों पुरानी दिल्ली के अधिकतर इलाकों में सिर्फ तीन या चार घंटों के लिए फल-सब्जी जैसी जरूरी चीजों की दुकानें खुल रही हैं। सीमित वक्त के खुल रही इन दुकानों पर कई बार बहुत ज्यादाभीड़ हो जाती है।
मोहम्मद अब्दुल्ला बताते हैं, पहले यहां दुकानें करीब चार घंटे सुबह और चार घंटे शाम को खुल रही थी। लेकिन बीते कुछ समय से सिर्फ दोपहर तीन से शाम के छह बजे तक ही दुकान खुल रही हैं। इस कारण कभी इतनी भीड़ हो जाती है कि भगदड़ जैसा माहौल बन पड़ता है। दो दिन पहले तो पुलिस ने यहां लाठी चार्ज करके भीड़ को हटाया है।’
पुरानी दिल्ली में रमजान की ऐतिहासिक रौनक को कोरोना संक्रमण ने इस साल फीका कर दिया है। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो इसे सकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं और धार्मिक पहलू से इसे बेहतर मान रहे हैं। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के मुखिया डॉक्टर उमेर अहमद इलयासी कहते हैं, ‘इससे बेहतर क्या होगा कि इस बार लोग पूरा महीना घरों में बंद हैं तो इबादत को गंभीरता से ले रहे हैं।
जामा मस्जिद को भी इबादत के लिए मशहूर होना चाहिए, लेकिन वो इलाका खाने-पीने के लिए ज्यादा मशहूर है। वहां लोग इबादत से ज्यादा खाने-पीने पहुंचते थे। इस बार कुछ नया अनुभव करने का मौका है। लोगों को घरों में रह कर सच्चे मन से इबादत करनी चाहिए। रमजान का महीना आखिर इबादत का ही होता है।
(श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश जांगिड़ की भास्कर के लिए लाइव रिपोर्ट)देश में खास श्रद्धा स्थलों में से एक है माता वैष्णोदेवी का मंदिर। जम्मू में स्थित इस शक्तिपीठ पर शीश नवाने हर साल 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन इन दिनों यहां सन्नाटा है। कोरोना के चलते 18 मार्च से वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा स्थगित कर दी थी, लेकिन श्राइन बोर्ड जिम्मेदारी से कार्य को अंजाम दे रहा है। इसकी बागडोरश्राइन बोर्ड के सीईओ आईएएस रमेश कुमार जांगिड़ के हाथों में है। वे बाड़मेर (राजस्थान) के भियाड़ गांव के हैं। जांगिड़ ने बाड़मेर के दोस्त अली को ताजा हालात बताए।
उनके मुताबिक,मंदिर में 35 पुजारियों को ही मंदिर परिसर में जाने की अनुमति है। बारी-बारी से 5-5 पुजारी आरती करते हैं। पहले पिंडी दर्शन का सीधा प्रसारण होता था। अब सुबह-शाम की आरती और लाइव दर्शन कर पा रहे हैं। मंदिर तक 27 किमी ट्रैक सहित कटरा को सैनिटाइज किया गया है। जम्मू स्थित वैष्णवी धाम, कालिका धाम और सरस्वती धाम जहां 1 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था होती है, इसे 600बेड के क्वारैंटाइन सेंटर के लिए तैयार किया गया है।
देश की पहली काेरोना मरीज केरल की मेडिकल छात्रा उषा राम मनोहर संक्रमण से उबरकर फिर से पढ़ाई में जुट गई हैं। 20 वर्षीय उषा ने बताया कि वह चीन के वुहान में अपने विवि की ऑनलाइन क्लासलेने के साथ खाना पकाने में मां का हाथ भी बंटा रही हैं। तीन महीने पहले जब कोरोना संक्रमित पाए जाने की पुष्टि हुई थी, तो भी डरी नहीं थीं। अस्पताल में ठीक होने में उषा कोतीन हफ्ते लगे। मेडिकल में तीसरे वर्ष की छात्रा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अब कैसी है उसकी लाइफ और क्या बदलाव आए...
‘सेमेस्टर खत्म होने के बाद छुट्टियों हाेने के कारण मैं वुहान विवि से केरल स्थित अपने घर लौटी थी। मुझे गले में खराश और सूखी खांसी थी। 30 जनवरी को मुझे कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद मुझे त्रिशूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया। तीन सप्ताह तक इलाज के बाद मुझे संक्रमण मुक्त पाया गया। 20 फरवरी को मुझे अस्पताल से छुट्टी दी गई। इसके बाद मैंने जल्द ही अपनी ऑनलाइन कक्षाएं लेनी शुरू कर दीं। मेरी क्लास सुबह 5:30 बजे (चीन के समयानुसार सुबह 8 बजे) शुरू होती हैं और सुबह 9 बजे तक चलती हैं। बीच में 10 मिनट का अल्पावकाश मिलता है।
उषा ने कहा- विमान सेवाएं शुरू होने के बाद हीवुहान जा पाएंगे
यूनिवर्सिटीके फैकल्टी मेंबर्स में चीन, पाकिस्तान और श्रीलंका के शिक्षक हैं, लेकिन हमारे संकाय सदस्य ज्यादातर चीन के हैं और वे अंग्रेजी में पढ़ाते हैं। हालांकि, यूनिवर्सिटी ने कहा है कि छात्रों की वापसी पर क्लास नए सिरे से लगेंगी। लेकिन, अभी तक कोई समय सीमा तय नहीं है। हमें बताया गया है कि शायद वुहान में अब कोई मरीज नहीं है, लेकिन विमान सेवाएं शुरू होना जरूरी है, तभी हम वहां जा सकेंगे।’
दुनिया में 32 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमण और 2.23 लाख से ज्यादा मौतों के बावजूद 32 देश ऐसे हैं, जहां कोरोनावायरस नहीं पहुंच पाया है। वहां कोरोना का एक भी मामला नहीं मिला है। हालांकि, उत्तर कोरिया पर संशय हो सकता है। 29 अप्रैल तक की स्थिति में 247 देशों में से 215 में कोरोना फैल चुका है। ताजा नाम तजाकिस्तान का है, जहां गुरुवार को पहला मामला सामने आया।
9 देशों की आबादी एक लाख से ज्यादा
जिन 32 देशों में कोरोना अभी तक नहीं पहुंच पाया है, उनमें से 9 देशों की आबादी एक लाख से ज्यादा है। सबसे ज्यादा 2.57 करोड़ आबादी उत्तर कोरिया की है। हालांकि, वह चीन के करीब है और वहां की ज्यादा जानकारी बाहर नहीं आ पाती। ऐसे में वहां के आंकड़ों की जानकारी को लेकर संशय की स्थिति है। सबसे कम आबादी कोकोस आइलैंड की है।
ज्यादा आबादी वाले देश
उत्तर कोरिया- जनसंख्या 2.6 करोड़
तुर्कमेनिस्तान-जनसंख्या 60 लाख
लीसोथो-जनसंख्या 21.4 लाख
कोमोरोस-जनसंख्या 8.7 लाख
माइक्रोनेशिया-जनसंख्या 5.5 लाख
कम आबादी वाले देश
कोकोस आइलैंड- जनसंख्या 596
तोकलाऊ- जनसंख्या 1357
क्रिसमस आइलैंड- जनसंख्या 1402
नियू आइलैंड- जनसंख्या 1626
सेंट हेलेना- जनसंख्या 6077
इन 5 देशों ने संक्रमण पूरी तरह खत्म किया
अंगुला, ग्रीनलैंड, कैरिबियन आइलैंड, सेंट बार्ट्स एंड सेंट लूसिया और यमन।
214 में से 166 देशों में कोरोना की वजह से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई।
ओशिनिया में 29 देशों और क्षेत्रों में से केवल 8 में संक्रमण के मामले आए हैं।
पिछले दो दिनों में बॉलीवुड ने अपने दो बेहतरीन कलाकार खो दिए। दोनों को वह बीमारी थी, जो दुनिया की हर छठीमौत का कारण बनती है।ऋषि कपूर को ब्लड कैंसर था और इरफान खान को ब्रेन कैंसर। दोनों का इलाज देश में भी चला और विदेश में भी, लेकिन इलाज के 2 साल के अंदर ही दोनों की मौत हो गई।
हर साल देश और दुनिया में कैंसर से लाखों मौत होती हैं। डबल्यूएचओ के एक अनुमान के मुताबिक, 2018 में कैंसर से कुल 96 लाख मौतें हुईं थीं। इनमें से 70% मौतें गरीब देश या भारत जैसे मिडिल इंकम देशों में हुईं। इसी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कैंसर से 7.84 लाख मौतें हुईं। यानी कैंसर से हुईं कुल मौतों की 8% मौतें अकेले भारत में हुईं।
जर्नल ऑफ ग्लोबल एंकोलॉजी में 2017 पब्लिश हुईएक स्टडी के मुताबिक, भारत में कैंसर से मरने वालों की दर विकसित देशों से लगभग दोगुनी है। इसके मुताबिक भारत में हर 10 कैंसर मरीजों में से 7 की मौत हो जाती है जबकि विकसित देशों में यह संख्या 3 या 4 है। रिपोर्ट में इसका कारण कैंसर का इलाज करने वाले डॉक्टरों की कमी बताया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2000 कैंसर मरीजों पर महज एक डॉक्टर है। अमेरिका में कैंसर मरीजों और डॉक्टरों का यही रेशियो 100:1 है, यानी भारत से 20 गुना बेहतर।
कम डॉक्टर होने के बावजूद भारत में कैंसर के कई बड़े अस्पताल हैं, जहां स्पेशलिस्ट और सुविधाएं बेहतर हैं। खाड़ी देशों समेत कई अफ्रीकी देशों के मरीज भी यहां इलाज के लिए आते हैं। इसका एक बड़ा कारण यह है कि विकसित देशों के मुकाबले में भारत में कैंसर का बेहद सस्ता इलाज होता है। लेकिन इसके बावजूद भारत से कई लोग विदेशों में कैंसर का इलाज करवाना पसंद करते हैं।
ऋषि कपूर अपने इलाज के लिए न्यूयॉर्क गए थे। इसी तरह इरफान खान का इलाज लंदन में चला था। बॉलीवुड में यह फेहरिस्त लंबी है। इसमें सोनाली बेंद्रे और मनीषा कोइराला और क्रिकेटर युवराज सिंह जैसे सितारे भी शामिल हैं, जिनका इलाज अमेरिका के ही कैंसर अस्पतालों में हुआ।
एक्सपर्ट मानते हैं कि कैंसर के इलाज में भारत कहीं भी विकसित देशों से पीछे नहीं हैं लेकिन जब लोगों के पास पैसा होता है तो वे और बेहतर के विकल्प खोजते रहते हैं। हां यह जरूर है कि भारत में सभी मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता इसलिए विकसित देशों के मुकाबले डेथ रेशियो ज्यादा है, लेकिन जिन्हें भी सही इलाज मिल जाता है, तो ठीक होने की संभावना विकसित देशों के ही बराबर ही होती है।
भारत: साल 2018 में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में कैंसर के मामले कम रहे, लेकिन मौतें ज्यादा हुईं
डब्लूएचओ की ही रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2018 में महिलाओं में कैंसर के 5.87 लाख मामले आए थे जबकि पुरुषों में यह संख्या 5.70 लाख थी। हालांकि कैंसर से हुईं मौतों के मामले में पुरुषों की संख्या महिलाओं से 42 हजार ज्यादा थी। 2018 में कैंसर से 4.13 लाख पुरुषों की मौत हुई जबकि महिलाओं की संख्या 3.71 लाख थी। पुरुषों में जहां सबसे ज्यादा मामले मुंह और फेफड़ों के कैंसर के आए, वहीं महिलाओं में सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट और गर्भाशय के कैंसर के रहे।
-भारत में साल 2018 में ब्रेस्ट कैंसर से 87 हजार महिलाओं की मौत हुई यानी हर दिन 239 मौत। इसी तरह गर्भाशय के कैंसर से हर दिन 164 और अंडाशय के कैंसर से हर दिन 99 मौतें हुईं।
दुनिया : 18% मौतें फेफड़ों के कैंसर से
साल 2018 में कैंसर के कुल 1.81 करोड़ मामले आए। इसमें पुरुषों के 94 लाख और महिलाओं के 86 लाख मामले थे। मौतें भी पुरुषों में ज्यादा देखी गई। 53.85 लाख पुरुषों की कैंसर से मौत हुई, वहीं महिलाओं की संख्या 41.69 लाख रही। पुरुषों में सबसे ज्यादा मामले फेफेड़ों, प्रोस्टेट और मलाशय कैंसरके आए। वहीं महिलाओं में ब्रेस्ट, मलाशय और फेफड़ों के कैंसर के ज्यादा केस थे।
- दुनियाभर में साल 2018 में कैंसर की22% मौतों का कारण महज तंबाकू था। गरीब और मिडिल इनकम देशों में कैंसर के25% मामले हैपेटाइटिस और एचपीवी जैसे वायरस इंफेक्शन के कारण हुए।
from Dainik Bhaskar /dboriginal/news/in-india-7-out-of-every-10-cancer-patients-die-here-a-doctor-carries-a-burden-of-2000-patients-127262568.html
via IFTTT
(श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश जांगिड़ की भास्कर के लिए लाइव रिपोर्ट)देश में खास श्रद्धा स्थलों में से एक है माता वैष्णोदेवी का मंदिर। जम्मू में स्थित इस शक्तिपीठ पर शीश नवाने हर साल 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन इन दिनों यहां सन्नाटा है। कोरोना के चलते 18 मार्च से वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा स्थगित कर दी थी, लेकिन श्राइन बोर्ड जिम्मेदारी से कार्य को अंजाम दे रहा है। इसकी बागडोरश्राइन बोर्ड के सीईओ आईएएस रमेश कुमार जांगिड़ के हाथों में है। वे बाड़मेर (राजस्थान) के भियाड़ गांव के हैं। जांगिड़ ने बाड़मेर के दोस्त अली को ताजा हालात बताए।
उनके मुताबिक,मंदिर में 35 पुजारियों को ही मंदिर परिसर में जाने की अनुमति है। बारी-बारी से 5-5 पुजारी आरती करते हैं। पहले पिंडी दर्शन का सीधा प्रसारण होता था। अब सुबह-शाम की आरती और लाइव दर्शन कर पा रहे हैं। मंदिर तक 27 किमी ट्रैक सहित कटरा को सैनिटाइज किया गया है। जम्मू स्थित वैष्णवी धाम, कालिका धाम और सरस्वती धाम जहां 1 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था होती है, इसे 600बेड के क्वारैंटाइन सेंटर के लिए तैयार किया गया है।
देश की पहली काेरोना मरीज केरल की मेडिकल छात्रा उषा राम मनोहर संक्रमण से उबरकर फिर से पढ़ाई में जुट गई हैं। 20 वर्षीय उषा ने बताया कि वह चीन के वुहान में अपने विवि की ऑनलाइन क्लासलेने के साथ खाना पकाने में मां का हाथ भी बंटा रही हैं। तीन महीने पहले जब कोरोना संक्रमित पाए जाने की पुष्टि हुई थी, तो भी डरी नहीं थीं। अस्पताल में ठीक होने में उषा कोतीन हफ्ते लगे। मेडिकल में तीसरे वर्ष की छात्रा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अब कैसी है उसकी लाइफ और क्या बदलाव आए...
‘सेमेस्टर खत्म होने के बाद छुट्टियों हाेने के कारण मैं वुहान विवि से केरल स्थित अपने घर लौटी थी। मुझे गले में खराश और सूखी खांसी थी। 30 जनवरी को मुझे कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद मुझे त्रिशूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया। तीन सप्ताह तक इलाज के बाद मुझे संक्रमण मुक्त पाया गया। 20 फरवरी को मुझे अस्पताल से छुट्टी दी गई। इसके बाद मैंने जल्द ही अपनी ऑनलाइन कक्षाएं लेनी शुरू कर दीं। मेरी क्लास सुबह 5:30 बजे (चीन के समयानुसार सुबह 8 बजे) शुरू होती हैं और सुबह 9 बजे तक चलती हैं। बीच में 10 मिनट का अल्पावकाश मिलता है।
उषा ने कहा- विमान सेवाएं शुरू होने के बाद हीवुहान जा पाएंगे
यूनिवर्सिटीके फैकल्टी मेंबर्स में चीन, पाकिस्तान और श्रीलंका के शिक्षक हैं, लेकिन हमारे संकाय सदस्य ज्यादातर चीन के हैं और वे अंग्रेजी में पढ़ाते हैं। हालांकि, यूनिवर्सिटी ने कहा है कि छात्रों की वापसी पर क्लास नए सिरे से लगेंगी। लेकिन, अभी तक कोई समय सीमा तय नहीं है। हमें बताया गया है कि शायद वुहान में अब कोई मरीज नहीं है, लेकिन विमान सेवाएं शुरू होना जरूरी है, तभी हम वहां जा सकेंगे।’
from Dainik Bhaskar /national/news/usha-the-countrys-first-cancer-patient-said-did-not-fear-if-the-infection-occurred-it-was-cured-in-three-weeks-127262551.html
via IFTTT
(अंकिता जोशी). जयप्रकाश चौकसे फिल्म समीक्षक हैं और ऋषि कपूर के पुराने दोस्त भी। ऋषि की रुख्सती से चौकसे साहब दुखी हैं। उनकी यादों में अलग किस्म का ऋषि बसता है। वह अटेंशन सीकर एक्टर भी है और तुनकमिजाज दोस्त भी। अपनी ही दुनिया में मगन रहने वाला इंसान भी है और बच्चों की फिक्र में रात भर बेचैन रहनेवाला पिता भी। लड़कियों के सिरहाने मिलने वाला खूबसूरत नौजवान भी है और जीवनभर सिर्फ नीतू को चाहते रहने वाला सच्चा आशिक भी। ऋषि की ऐसी ही शख्सियत के कुछ अलहदा रंग चौकसे साहब ने कुछ यूं बयां किए।
''मूडी, गुस्सैल, शॉर्ट टेम्पर्ड, मुंहफट...सब थे वो। लेकिन, ऋषि कपूर की शख्सियत को एक लफ्ज में बयां करना हो तो उनकी आत्मकथा का शीर्षक ‘खुल्लमखुल्ला' सटीक शब्द होगा। वे हर बात उतनी ही साफगोई से रख देते थे, जैसी उनके दिल-ओ-दिमाग में आती थी। उनके दोस्त कम ही रहे, लेकिन जो उनके करीबी हैं वो जानते हैं कि ऋषि जितनी जल्दी गुस्सा हो जाते, गलती का अहसास होने पर उतनी ही जल्दी माफी भी मांग लेते। हम भी कई बार उलझे, लेकिन ऋषि कपूर से कोई ज्यादा देर नाराज नहीं रह पाता था। एक दफा मैं और ऋषि रात दो बजे आर के स्टूडियो से निकले। उनकी गाड़ी में थे हम। मैंने कहा मुझे एयरपोर्ट छोड़ दीजिए, पांच बजे मेरी फ्लाइट है। रास्ते में किसी बात पर हमारी कहासुनी हो गई।
उन्होंने मुझे एयरपोर्ट पर ड्रॉप कर दिया। मैं जब यहां इंदौर स्थित अपने घर पहुंचा तो पत्नी ने बताया कि ऋषि जी के तीन फोन आ चुके हैं, आपके लिए। मैंने उन्हें फोन लगाया कि क्या बात हो गई। वो बोले- ‘मैं माफी मांगना चाहता हूं, गुस्से में बहुत कुछ बोल गया।’ गुस्सा तो वो करते थे, बहुत जल्दी और बहुत ज्यादा करते थे, लेकिन माफी मांगने में देरी नहीं करते थे। ऐसे ही थे ऋषि...।''
झूम-झूम कर गीत गाए थे नेहरू स्टेडियम में, सुरीले थे
ऋषि कपूर दो बार इंदौर आए। एक बार 1986 में फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' के फंक्शन के लिए। नेहरू स्टेडियम में हुआ था वह कार्यक्रम औरऋषि ने प्रेम रोग का गीत- मैं हूं प्रेम रोगी गाया था। मस्त होकर झूम-झूमकर गाया था। गाने के शौकीन थे ऋषि और ठीकठाक गा लेते थे। सुरीले थे। दूसरी बार वो 2008 में इंदौर आए थे। साहित्यकार हरिकृष्ण प्रेमी जन्म शताब्दी समारोह में शामिल होने। मेरे इस घर में दो बार हम लोगों के साथ लंच कर चुके हैं। खाने-पीने के खूब शौकीन थे। मेरी आखिरी मुलाकात उनसे तब हुई थी, जिस दिन श्रीदेवी की मौत की खबर आई थी।
"ना' से होती थी "हां' की शुरुआत
सुबह उठना, नाश्ता करना, आरके स्टूडियो जाना, जो भी उन्हें जानता था, उसे मालूम था कि ऋषि महीनों तक उन्हें फोन नहीं करेंगे और फिर मिलने पर शिकायत भी करेंगे कि तुम मुझे भूल गए। नाराज हो जाएंगे। रूठ कर चले भी जाएंगे। उन्हें हर चीज़ को पहली बार में 'ना' कहने की आदत थी। जैसे किसी फिल्म का ब्रीफ उन्हें देकर पूछें कि करेंगे, तपाक से कह देते- नहीं करूंगा। फिर थोड़ी देर बाद दोबारा स्क्रिप्ट सुनेंगे। बातचीत करेंगे और फिर ऐसे उत्साह से उस फिल्म के लिए हां कहते, जैसे किसी बच्चे को नया खिलौना मिल गया हो। ताल फिल्म का डिस्ट्रीब्यूशन था मेरे पास। मैंने उन्हें ट्रैक सुनाया। उन्होंने सुना और बोले छोड़ दे यह फिल्म। बकवास है। फिर एक-दो पैग पीने के बाद दोबारा सुना और बोले कमाल है यह ट्रैक। बढ़िया फिल्म है।
नीतू ने अपने लिए कुछ मंगाया और ऋषि तीन सूटकेस में अपने कुत्ते के बिस्किट ले आए
ऋषि को जानने वाला हर शख्स इस बात से राजी होगा कि इतने साल ऋषि कपूर के साथ सुखी दाम्पत्य में रहने के लिए नीतू को वीरता पुरस्कार देना चाहिए। मामूली नहीं था ऐसे मूडी इंसान के साथ निबाह करना, लेकिन नीतू विलक्षण महिला हैं। किसी का स्नेह पात्र बनने की अदभुत क्षमता है उनमें। एक बार ऋषि अमेरिका गए। नीतू ने उनसे अपने लिए कुछ चीजें लाने को कहा। ऋषि तीन सूटकेस लेकर लौटे। नीतू को लगा इस बार तो सारी फरमाइशें पूरी हो गईं, लेकिन जब सूटकेस खोले तो देखा कि ऋषि तीनों सूटकेस में अपने लाडले डॉगी के बिस्किट भर लाए हैं। नीतू बहुत नाराज़ हुई थीं तब।
बिना फर्स्ट ऐड फिल्माते रहे रऊफ लाला के एक्शन सीन
सिनेमा के लिए उनका जुनून बेमिसाल था। तीन साल की उम्र में पहला फिल्म श्री 420 में उन्होंने शॉट दिया था। 63 की उम्र तक कई बेहतरीन फिल्में कीं, लेकिन मेरी पसंदीदा है दो दूनी चार। अग्निपथ में रऊफ लाला का किरदार उनका सबसे अलहदा किरदार था। इस फिल्म के एक्शन दृश्यों में ऋषि को कई चोटें आईं, लेकिन वो बिना फर्स्ट ऐड के शूट करते गए। वो पूरी तरह किरदार में उतर चुके थे और वे एक पल को भी यह महसूस नहीं करना चाहते थे कि वो एक फूहड़, बर्बर कसाई नहीं, बल्कि ऋषि कपूर हैं। अभी अपना बंगला तोड़कर 22 माले की जो इमारत वे बना रहे थे, वह किराए से देने के लिए नहीं है। उसमें 4 फ्लोर पर तो स्टूडियो बनवा रहे थे ऋषि। सिनेमा के लिए ऐसा जुनून था उनमें।
यात्रा पूरी होने पर जब तक उन्हें 'जय माता दी' टेक्स्ट न करते, वो बेचैन रहते
हां वो मूडी थे, शॉर्ट टेम्पर्ड भी कह सकते हैं, लेकिन अपनों के प्रति बेहद फिक्रमंद रहते थे। एक पैक्ट था उनकी फैमिली का, परिवार में से कोई भी कहीं जाता तो टेक ऑफ पर और फ्लाइट लैंड होते ही ऋषि को 'जय माता दी' टेक्स्ट करना होता था। जब तक उन्हें यह मैसेज न मिले वो बेचैन रहते। एक बार रणबीर ने उन्हें फ्लाइट में बैठने के बाद मैसेज भेज दिया, लेकिन टेक ऑफ देर से हुआ। ऋषि ने अनुमान लगा लिया कि अब तो फ्लाइट लैंड हो गई होगी, लेकिन रणबीर का मैसेज नहीं आया। ऋषि ने सारा घर सर पर उठा लिया। लौटने पर रणबीर को उन्होंने डांटा भी कि उसने पहले ही मैसेज क्यों भेज दिया।
आखिर उन्होंने नहीं ली 'रिश्वत'
उन्होंने एक से एक फिल्में कीं जिनमें से मेरी पसंदीदा है मुल्क और दो दूनी चार। लेकिन, एक फिल्म की कहानी जो राज कपूर साहब ने सिर्फ मुझे सुनाई थी, वह फिल्म मैंने ऋषि को करने को कहा था। फिल्म का टाइटल था रिश्वत। एक रिटायर्ड मास्टर था, जिसका बेटा मंत्री बन जाता है। मास्टर उससे मिलने दिल्ली पहुंचता है, लेकिन रास्ते में सामान चोरी हो जाता है। संतरी उसे अंदर नहीं आने देता। वो पीछे के दरवाजे से किसी तरह घर के भीतर पहुंच जाता है और देखता है कि उसका बेटा किसी करोड़पति से रिश्वत ले रहा है। मास्टर उसे बेल्ट से पीटते हुए संसद ले जाता है और कहता है यह तुम्हारी औलाद है। मैंने तो इस शहर में अपना ईमानदार बच्चा भेजा था। लेकिन, ऋषि ठहरे मूडी। उन्होंने यह फिल्म नहीं की।