Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.This theme is Bloggerized by Lasantha Bandara - Premiumbloggertemplates.com.
अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में विरोधबढ़ता जा रहा है। राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत 40 शहरों मेंकर्फ्यू लगाया जा चुका है। रविवार रात को भी प्रदर्शनकारियों नेव्हाइट हाउस के सामने काफी प्रदर्शन किया, लिहाजा सुरक्षाबलोंको आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक,शुक्रवार को व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रपतिडोनाल्ड ट्रम्प को कुछ देर के लिए अंडरग्राउंड बंकर में ले जाना पड़ा था।
न्यूज चैनल सीएनएन के मुताबिक, वॉशिंगटन समेत 15 शहरोंमें करीब 5 हजार नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है। जरूरतपड़ने के लिहाज से 2 हजार गार्ड्स को मुस्तैद रहने को कहागया है।
व्हाइट हाउस पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी जुटने से लिया फैसला
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक व्यक्ति के हवाले से रिपोर्ट छापी। इसकेमुताबिक, शुक्रवार को व्हाइट हाउस पर सैकड़ों की तादाद मेंप्रदर्शनकारी जुटे। सुरक्षा के लिहाज से ट्रम्प को एक घंटे से कमवक्त के लिए एक अंडरग्राउंड बंकर में ले जाया गया।प्रदर्शनकारियों के पीछे हटाने में सीक्रेट सर्विस और यूनाइटेडस्टेट्स पार्क पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
अखबार के मुताबिक, ट्रम्प की टीम व्हाइट हाउस के बाहर इतनीबड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के जुटने से हैरान थे। हालांकि, यहसाफ नहीं हो पाया कि मेलानिया और बैरन ट्रम्प को बंकर में लेजाया गया या नहीं।
26 मई को फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था
मिनेपोलिस में 26 मई को फ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी केआरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर नेफ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकीगर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था। फ्लॉयड केहाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें46 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने कीगुहार लगाता रहा। उसने कहा, 'आपका घुटना मेरे गर्दन पर है।मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं... ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद होजाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’,तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पासकाफी भीड़ जमा हुई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकीमौत हो गई।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि अमेरिका चीनी सेना की क्षमताओं को देखते हुए भारत समेत दुनिया में अपने सहयोगी देशों को साथ ले सकता है। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में पोम्पियो ने कहा- चीन की सेना ने जो तरक्की हासिल की है, उसको सच माना जा सकता है।शी जिनपिंग सैन्य ताकत बढ़ाने चाहते हैं।चीन लंबे समय से भारत के लिए यह खतरे पैदा कर रहा है।
पोम्पियो के मुताबिक, “अमेरिकी रक्षा विभाग चीनी सेना से होने वाले खतरे को समझने के लिए सभी जरूरी उपायकर रहा है। मुझे भरोसा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व में हमारी सेना, रक्षा विभाग और सैन्य संस्थान इतने मजबूत हैं कि हम अमेरिकी लोगों की हिफाजत हमेशा कर सकेंगे।
‘हमसाथीदेशों के अच्छे साझेदार हो सकते हैं’
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, “ हमभारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, जापान और ब्राजील समेत दुनिया के अपने सभी साथी देशों के अच्छे साझेदार हो सकते हैं। इससे यह भी तय हो जाएगा कि पश्चिमी देशों में आजादी का जो अमेरिकी मॉडल हैवो इन देशों में भी हो।”भारत-चीन सीमा विवाद पर पोम्पियो ने कहा- यह मार्च से ही चल रहा है। चीन की कम्युनिस्टअपने फायदे के लिए ऐसा कर रही है। हालांकि, चीन लंबे समय से भारत के लिए यह खतरे पैदा कर रहा है।
पहली बार अमेरिकी सरकार ने चीन को जवाब दिया
पोम्पियो ने कहा- अमेरिका में पहली बार ऐसी सरकार है चीन को जवाब देने के लिए तैयार है। जिसने कहा है कि चीन की हरकतें सहन नहीं की जा सकतीं। इस सरकार ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं जो जरूरी थे। इससे यह भी पता चलता है कि हमारी सरकार चीन से अमेरिकी लोगों को बचाने के लिए कितनी गंभीर है।
अमेरिकी संसद में चीन के खिलाफ 60 बिल लंबित
अमेरिका के संसद में चीन के खिलाफ 60 बिल लंबित होने के बारे में उन्होंने कहा- मैं नहीं जानता कि इनमें से कौन से बिल राष्ट्रपति तक पहुंचेंगे।पिछले सप्ताह चीन के उईगर मुसलमानों से जुड़ा बिल लाया गया था। मैं सांसदों से अपील करूंगा कि वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को आगे बढ़ने से रोकने और अमेरिकी लोगों को सुरक्षित रखने में प्रशासन की मदद करें।
कोरोना से बचाव के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के इस्तेमाल को लेकर किए गए रिसर्च में अच्छे नतीजे आए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की स्टडी के मुताबिक एचसीक्यू के 6 या ज्यादा डोज लेने वाले 80% हेल्थकेयर वर्कर इन्फेक्शन से बच गए।
रिसर्च के मुताबिक एचसीक्यू के 4 डोज लेने के बाद इन्फेक्शन का रिस्क घटने लगता है। लेकिन, बचाव के लिए पीपीई किट और दूसरे उपाय भी जरूरी हैं। हेल्थकेयर वर्कर्स को दो ग्रुप- कोरोना पॉजिटिव और कोरोना निगेटिव में बांटकर ये रिसर्च की गई। पहले ग्रुप में 378 और दूसरे में 373 लोग शामिल थे।
स्किन रैशेज जैसे साइड इफेक्ट भी दिखे
दोनों ग्रुप में एचसीक्यू के तीन साइड इफेक्ट लगभग एक जैसे थे। दोनों ग्रुप के लोगों में उल्टी, सिरदर्द और दस्त की शिकायत सामने आई। कुछ लोगों को स्किन रैशेज भी हो गए। आईसीएमआर ने रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि हेल्थकेयर वर्कर्स में इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होने की वजह से दुनियाभर में चिंता है। ऐसे में इस स्टडी की अहमियत और बढ़ गई है।
डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते एचसीक्यू का ट्रायल रोका
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एचसीक्यू दवा के साइड इफेक्ट बताकर इसका क्लीनिकल ट्रायल फिलहाल के लिए रोक दिया है। हालांकि, आईसीएमआर ने कहा कि वो कोरोना के इलाज में एचसीक्यू का इस्तेमाल जारी रखेगा। आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा- काउंसिल ने इस टेबलेट को काफी कारगर पाया है। इसके साइड इफेक्ट्स भी कम देखे गए हैं। सरकार ने पिछले दिनों कहा था कि गैर कोविड-19 अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षाकर्मी भी इस दवा का इस्तेमाल कर सकेंगे।
कोरोना से बचाव के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के इस्तेमाल को लेकर किए गए रिसर्च में अच्छे नतीजे आए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की स्टडी के मुताबिक एचसीक्यू के 6 या ज्यादा डोज लेने वाले 80% हेल्थकेयर वर्कर इन्फेक्शन से बच गए।
रिसर्च के मुताबिक एचसीक्यू के 4 डोज लेने के बाद इन्फेक्शन का रिस्क घटने लगता है। लेकिन, बचाव के लिए पीपीई किट और दूसरे उपाय भी जरूरी हैं। हेल्थकेयर वर्कर्स को दो ग्रुप- कोरोना पॉजिटिव और कोरोना निगेटिव में बांटकर ये रिसर्च की गई। पहले ग्रुप में 378 और दूसरे में 373 लोग शामिल थे।
स्किन रैशेज जैसे साइड इफेक्ट भी दिखे
दोनों ग्रुप में एचसीक्यू के तीन साइड इफेक्ट लगभग एक जैसे थे। दोनों ग्रुप के लोगों में उल्टी, सिरदर्द और दस्त की शिकायत सामने आई। कुछ लोगों को स्किन रैशेज भी हो गए। आईसीएमआर ने रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि हेल्थकेयर वर्कर्स में इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होने की वजह से दुनियाभर में चिंता है। ऐसे में इस स्टडी की अहमियत और बढ़ गई है।
डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते एचसीक्यू का ट्रायल रोका
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एचसीक्यू दवा के साइड इफेक्ट बताकर इसका क्लीनिकल ट्रायल फिलहाल के लिए रोक दिया है। हालांकि, आईसीएमआर ने कहा कि वो कोरोना के इलाज में एचसीक्यू का इस्तेमाल जारी रखेगा। आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा- काउंसिल ने इस टेबलेट को काफी कारगर पाया है। इसके साइड इफेक्ट्स भी कम देखे गए हैं। सरकार ने पिछले दिनों कहा था कि गैर कोविड-19 अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षाकर्मी भी इस दवा का इस्तेमाल कर सकेंगे।
from Dainik Bhaskar /national/news/four-or-more-dosage-of-hcq-showed-significant-decline-of-covid19-among-healthcare-workers-icmr-study-127362610.html
via IFTTT
दुनिया में अब तक 62 लाख 62 हजार 805 संक्रमित हैं। 3 लाख 73 हजार 855 की मौत हो चुकी है। राहत की खबर यह कि इसी दौरान 28 लाख 46 हजार 523 संक्रमित स्वस्थ भी हुए। अमेरिका और ब्राजील दोनों महामारी से जूझ रहे हैं। लेकिन, एक-दूसरे की मदद का जज्बा बरकरार है। अमेरिका ने कहा है कि वो ब्राजील को एक हजार वेंटिलेटर्स और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 20 लाख टेबलेट भेजेगा। खाड़ी देश कतर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 24 घंटे में 1648 नए मामले सामने आए।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
18,37,170
1,06,195
5,99,867
ब्राजील
5,14,849
29,314
2,06,555
रूस
4,05,843
4,693
1,71,883
स्पेन
2,86,509
27,127
1,96,958
ब्रिटेन
2,74,762
38,489
उपलब्ध नहीं
इटली
2,32,997
33,415
1,57,507
भारत
1,90,609
5,408
91,852
फ्रांस
1,88,882
28,802
68,355
जर्मनी
1,83,494
8,605
1,65,200
पेरू
1,64,476
4,506
67,208
ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।
अमेरिका : ब्राजील को मदद
अमेरिका और ब्राजील ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि अमेरिका बहुत जल्द ब्राजील को एक हजार वेंटिलेटर्स और हायड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की 20 लाख गोलियां भेजेगा। बयान के मुताबिक, “ब्राजील में आम लोग ही नहीं बल्कि डॉक्टर्स, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ खतरे का सामना कर रहे हैं। इसलिए वहां एचसीक्यू टेबलेट भेजी जा रही हैं।” अमेरिका में इस टेबलेट का इस्तेमाल जारी है। जबकि, डब्लूएचओ कह चुका है कि वो इस टेबलेट की उपयोगिता के लिए रिसर्च कर रहा है।
कतर : तेजी से बढ़ता संक्रमण
यहां हेल्थ मिनिस्ट्री ने रविवार रात जानकारी दी कि 24 घंटे में 1648 नए मामले सामने आए हैं। इसी दौरान 4 हजार 451 लोग स्वस्थ भी हुए। खाड़ी के इस देश में कुल 56 हजार 910 संक्रमित पाए जा चुके हैं। यहां अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 22 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं। सरकार ने एक बयान में कहा है कि अगर जरूरत हुई तो देश में नई और सख्त बंदिशें लागू की जा सकती हैं।
ब्रिटेन : क्वीन एलिजाबेथ नजर आईं
महारानी एलिजाबेथ की रविवार को एक तस्वीर सामने आई। इसमें वो घुड़सवारी करती नजर आ रही हैं। ब्रिटेन में लॉकडाउन होने और फिर उसमें ढील दिए जाने के बाद पहली बार क्वीन नजर आईं। 94 साल की एलिजाबेथ शुरू से ही घुड़सवारी की शौकीन रही हैं। तस्वीर शुक्रवार की है लेकिन, इसे जारी रविवार को किया गया। ब्रिटेन में सरकार ने लॉकडाउन में ढील तो दी है लेकिन वहां के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इसका विरोध कर रहे हैं।
बांग्लादेश : लॉकडाउन हटाया
तेजी से बढ़ते मामले और डॉक्टरों की चेतावनी के बावजूद बांग्लादेश सरकार ने रविवार को लॉकडाउन में ढील दे दी। यहां संक्रमण का खतरा शहरों में काफी ज्यादा है क्योंकि बेहद घनी आबादी है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा, “हम लॉकडाउन हटा रहे हैं। जिंदगी अब पहले जैसी हो जाएगी। लोग पहले की तरह काम पर जा सकेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना जरूरी होगा।” रविवार को यहां 2545 मामले सामने आए। 40 लोगों की मौत हुई।
दुनिया में अब तक 62 लाख 62 हजार 805 संक्रमित हैं। 3 लाख 73 हजार 855 की मौत हो चुकी है। राहत की खबर यह कि इसी दौरान 28 लाख 46 हजार 523 संक्रमित स्वस्थ भी हुए। अमेरिका और ब्राजील दोनों महामारी से जूझ रहे हैं। लेकिन, एक-दूसरे की मदद का जज्बा बरकरार है। अमेरिका ने कहा है कि वो ब्राजील को एक हजार वेंटिलेटर्स और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 20 लाख टेबलेट भेजेगा। खाड़ी देश कतर में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 24 घंटे में 1648 नए मामले सामने आए।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
18,37,170
1,06,195
5,99,867
ब्राजील
5,14,849
29,314
2,06,555
रूस
4,05,843
4,693
1,71,883
स्पेन
2,86,509
27,127
1,96,958
ब्रिटेन
2,74,762
38,489
उपलब्ध नहीं
इटली
2,32,997
33,415
1,57,507
भारत
1,90,609
5,408
91,852
फ्रांस
1,88,882
28,802
68,355
जर्मनी
1,83,494
8,605
1,65,200
पेरू
1,64,476
4,506
67,208
ये आंकड़ेhttps://ift.tt/37Fny4L से लिए गए हैं।
अमेरिका : ब्राजील को मदद
अमेरिका और ब्राजील ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि अमेरिका बहुत जल्द ब्राजील को एक हजार वेंटिलेटर्स और हायड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की 20 लाख गोलियां भेजेगा। बयान के मुताबिक, “ब्राजील में आम लोग ही नहीं बल्कि डॉक्टर्स, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ खतरे का सामना कर रहे हैं। इसलिए वहां एचसीक्यू टेबलेट भेजी जा रही हैं।” अमेरिका में इस टेबलेट का इस्तेमाल जारी है। जबकि, डब्लूएचओ कह चुका है कि वो इस टेबलेट की उपयोगिता के लिए रिसर्च कर रहा है।
कतर : तेजी से बढ़ता संक्रमण
यहां हेल्थ मिनिस्ट्री ने रविवार रात जानकारी दी कि 24 घंटे में 1648 नए मामले सामने आए हैं। इसी दौरान 4 हजार 451 लोग स्वस्थ भी हुए। खाड़ी के इस देश में कुल 56 हजार 910 संक्रमित पाए जा चुके हैं। यहां अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 22 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं। सरकार ने एक बयान में कहा है कि अगर जरूरत हुई तो देश में नई और सख्त बंदिशें लागू की जा सकती हैं।
ब्रिटेन : क्वीन एलिजाबेथ नजर आईं
महारानी एलिजाबेथ की रविवार को एक तस्वीर सामने आई। इसमें वो घुड़सवारी करती नजर आ रही हैं। ब्रिटेन में लॉकडाउन होने और फिर उसमें ढील दिए जाने के बाद पहली बार क्वीन नजर आईं। 94 साल की एलिजाबेथ शुरू से ही घुड़सवारी की शौकीन रही हैं। तस्वीर शुक्रवार की है लेकिन, इसे जारी रविवार को किया गया। ब्रिटेन में सरकार ने लॉकडाउन में ढील तो दी है लेकिन वहां के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इसका विरोध कर रहे हैं।
बांग्लादेश : लॉकडाउन हटाया
तेजी से बढ़ते मामले और डॉक्टरों की चेतावनी के बावजूद बांग्लादेश सरकार ने रविवार को लॉकडाउन में ढील दे दी। यहां संक्रमण का खतरा शहरों में काफी ज्यादा है क्योंकि बेहद घनी आबादी है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा, “हम लॉकडाउन हटा रहे हैं। जिंदगी अब पहले जैसी हो जाएगी। लोग पहले की तरह काम पर जा सकेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना जरूरी होगा।” रविवार को यहां 2545 मामले सामने आए। 40 लोगों की मौत हुई।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख 90 हजार 609 हो चुकी है। कल रिकॉर्ड 8750 मरीज बढ़े। 4921 संक्रमित ठीक हुए और 223 ने जान गंवाई। यह लगातार तीसरा दिन था, जब 8 हजार से ज्यादा संक्रमित बढ़े और 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। मई महीने में देश में 1 लाख 55 हजार से ज्यादा मरीज बढ़े हैं। इस दौरान 83 हजार संक्रमित ठीक हुए हैं और 4253 लोगों की मौत हुई।
संक्रमण 28 राज्यों और7केंद्र शासित प्रदेश में फैला
कोरोनावायरससंक्रमण 28 राज्यों में फैला है। 7केंद्र शासित प्रदेश भीइसकी चपेट में हैं। इनमें दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पुडुचेरी और दादरा एवं नगर हवेलीशामिल हैं।
राज्य
कितने संक्रमित
कितने ठीक हुए
कितनी मौत
महाराष्ट्र
67655
29329
2286
तमिलनाडु
22333
12757
176
दिल्ली
19844
8478
473
गुजरात
16794
9919
1038
राजस्थान
8831
6032
195
मध्यप्रदेश
8089
4842
350
उत्तरप्रदेश
8075
4843
217
पश्चिम बंगाल
5501
2157
317
बिहार
3807
1520
23
आंध्रप्रदेश
3571
2340
62
कर्नाटक
3221
1218
51
तेलंगाना
2698
1428
82
जम्मू-कश्मीर
2446
927
28
पंजाब
2263
1987
45
हरियाणा
2091
1048
20
ओडिशा
1948
1126
9
असम
1340
164
4
केरल
1270
590
10
उत्तराखंड
907
102
5
झारखंड
610
256
5
छत्तीसगढ़
492
114
1
हिमाचल प्रदेश
330
109
6
चंडीगढ़
293
199
4
त्रिपुरा
316
172
0
लद्दाख
77
47
0
गोवा
71
44
0
मणिपुर
71
11
0
पुडुचेरी
57
23
0
नगालैंड
43
0
0
अंडमान-निकोबार
33
33
0
मेघालय
27
12
1
अरुणाचल प्रदेश
4
1
0
दादर एंड नगर हवेली
2
1
0
मिजोरम
1
1
0
सिक्किम
1
0
0
अन्य
5491
0
0
तीसरे दिन भी 8 हजार से ज्यादा मरीज मिले
कल महाराष्ट्र में 2487, तमिलनाडु में 1194, दिल्ली में 1295, गुजरात में 438, उत्तरप्रदेश में 374, पश्चिम बंगाल में 371, कर्नाटक में 299, बिहार में 242, राजस्थान में 214, मध्यप्रदेश में 198, तेलंगाना में 199, हरियाणा में 168, उत्तराखंड में 158, ओडिशा में 129 और असम में 123 मरीज मिले। लगातार तीसरा दिन था जब देश में 8 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित बढ़े। इससे पहले शनिवार को 8335 और शुक्रवार को 8138 रिपोर्ट पॉजिटिव आई थीं।
ये आंकड़े covid19india.org के आधार पर हैं। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 1 लाख 82 हजार 143 संक्रमित हैं। इनमें से 89 हजार 995 का इलाज चल रहा है। 86 हजार 983 ठीक हुए हैं, जबकि 5164 की मौत हो चुकी है।
5 दिन जब सबसे ज्यादा मामले
तारीख
केस
30 मई
8335
29 मई
8138
27 मई
7246
28 मई
7254
24 मई
7113
पांच राज्यों का हाल
मध्यप्रदेश: यहां रविवार को 198 नए मरीज सामने आए और 7 की मौत हुई। इनमें से इंदौर में 55, भोपाल में 45, अनूपपुर में 12, उज्जैन और बड़वानी में 10-10, सागर में 8 और विदिशा में 7 संक्रमित मिले। राज्य में अब तक 8089 मरीज हो गए हैं। शिवराज सरकार ने लॉकडाउन को 15 जून तक बढ़ा दिया है।
महाराष्ट्र: प्रदेश में रविवार को 2467 संक्रमित मिले, 89 ने जान गंवाई और 1248 मरीज ठीक हुए। अब तक संक्रमण के 67 हजार 655 मामले आ चुके हैं। इनमें से 36 हजार 40 का इलाज चल रहा है। 29 हजार 329 ठीक हो चुके हैं और 2286 लोगों की मौत हुई। उद्धव सरकार ने लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है।
उत्तरप्रदेश: यहां रविवार को 374 संक्रमित मरीज मिले। अब तक कुल 8075 मामले सामने आए। 217 की मौत हो चुकी है। राज्य में 8 जून से धार्मिक स्थल खोलने की मंजूरी दे दी गई है। उधर, 1 जून को गंगा दशहरा है। वाराणसी में पुलिस लोगोंं से अपील कर रही है कि वे इस दिन घाटों पर स्नान न करें।
राजस्थान: प्रदेश में रविवार को 214 नए मरीज सामने आए। इनमें जोधपुर में 54, जयपुर में 30, कोटा में 14, पाली और नागौर में 10-10, झालावाड़ में 15, भरतपुर में 18, झुंझुनूं में 7 और अजमेर में 6 संक्रमित मिले। जयपुर मे 2 मरीजों की मौत हुई। राज्य में इस बीमारी से अब तक 195 लोग जान गंवा चुके हैं।
बिहार: यहां रविवार को 242 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सबसे ज्यादा 47 नए मरीज बेगूसराय में मिले। भागलपुर में 34, मधुबनी में 17, जहानाबाद, पूर्णिया और सुपौल में 13-13, पटना और मुजफ्फरनगर में 11-11 और सारण में 9 मरीज मिले। राज्य में मरीजों की संख्या 3807 हो गई, 23 लोगों ने जान गंवाई।
from Dainik Bhaskar /national/news/coronavirus-india-today-news-updates-live-kerala-delhi-maharashtra-rajasthan-tamil-nandu-cases-novel-corona-covid-19-death-toll-127362358.html
via IFTTT
देश ने 68 दिन का दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन देखा। वो भी चार फेज में। इस दौरान सवा सौ करोड़ की आबादी बंदिशों में रही। पहला लॉकडाउन सबसे सख्त था। और 31 मई को खत्म हुए लॉकडाउन-4 में काफी छूट मिली हुई थी। पर अब कई बंदिशें हटा ली गई हैं। केंद्र और राज्य, दोनों स्तर पर। इसलिए 1 जून यानी आज से लॉकडाउन-5 की जो शर्तें रखी गई हैं, उसका नाम अनलॉक-1 कर दिया गया है। सरकार तो यही कह रही।
चलिये देखते हैं देश में आज से क्या-क्या खुल रहा है और कहां-कहां बंदिशें जारी रहेंगी... सिर्फ 13 तस्वीरों में...
कोरोनावायरस से जूझते-जूझते हमें 4 महीने पूरे हो गए। हमारे देश में कोरोनावायरस का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। उसके बाद 2 फरवरी तक ही केरल में 3 कोरोना संक्रमित सामने आ गए। ये तीनों ही चीन के वुहान शहर से लौटकर आए थे।
उसके बाद करीब एक महीने तक देश में कोरोना का कोई भी नया मरीज नहीं मिला। लेकिन, 2 मार्च के बाद से संक्रमितों की संख्या रोजाना बढ़ती चली गई।
4 महीने पूरे होने के साथ-साथ 29 मई को कोरोनावायरस के 18 हफ्ते भी पूरे हो चुके हैं। इस दौरान संक्रमण के मामले3 से बढ़कर 1.65 लाख से ज्यादा हो गए। लेकिन, चीन में इतने हफ्ते तक 84 हजार 494 मामले ही सामने आए। यानी कि अब तक हमारे देश में चीन की तुलना में 48% ज्यादा मामले हैं। हालांकि, 31 मई तक देश में 1.82 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं।
हालांकि, आबादी में हमसे चार गुना से भी कम अमेरिका में 18 हफ्तों में 14.77 लाख से ज्यादा मामले आ गए हैं। जबकि, इटली और स्पेन में अभी कोरोनावायरस को 17 हफ्ते ही हुए हैं और अभी तक वहां संक्रमितों की संख्या 2.30 लाख के पार पहुंच गई है।
114 दिन में हमारे यहां 1.28 लाख मरीज थे, अमेरिका में इतने मरीज 71वें दिन में हो गए थे
हमारे देश में एक अच्छी बात ये भी है कि बाकी देशों की तुलना में हमारे यहां कोरोनावायरस की रफ्तार भी धीमी है। हमारे यहां बाकी देशों की तुलना में केस के दोगुने होने का समय काफी ज्यादा है।
चीन में कोरोनावायरस के 100 मामले पहले ही दिन में मिल गए थे। जबकि, हमारे यहां इतने मरीज होने में 42 दिन लगे। लेकिन, अमेरिका में पहले 100 केस 44 दिन में सामने आए थे।
इसी तरह 1 हजार मरीज हमारे यहां 58वें दिन में हो गए थे। जबकि, चीन में 5वें दिन और अमेरिका में 53वें दिन में ही हो गए थे।
वहीं, 1 लाख 28 हजार से ज्यादा मरीज सामने आने में हमारे यहां 114 दिन लगे थे। जबकि, इतने ही मरीज अमेरिका में 73वें दिन में आ गए थे। अमेरिका में कोरोना का पहला मरीज 21 जनवरी को मिला था।
लॉकडाउन का फायदा मिला, तभी कोरोना की रफ्तार इतनी धीमी?
कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए सबसे पहले 22 मार्च को एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया। 21 मार्च तक कोरोना के नए मामलों में रोजाना 30% की ग्रोथ हो रही थी। लेकिन, उसके बाद मामलों की ग्रोथ रेट में कमी आने लगी।
25 मार्च से देश में पूरी तरह से लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन का पहला फेज 14 अप्रैल तक था। इस दौरान नए मामलों की ग्रोथ रेट घटकर 10% पर आ गई। उसके बाद दूसरे फेज का लॉकडाउन 3 मई को खत्म हुआ। तब तक कोरोना के नए मामलों की ग्रोथ रेट 7% रह गई। अब ये और घटकर 5% पर आ गई।
कोरोना के सबसे ज्यादा असर वाले 10 देशों में से 7 ने इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए टोटल (नेशनल लेवल पर) लॉकडाउन लगाया था। इन 7 देशों में भारत ही ऐसा देश था, जहां सबसे कम संक्रमित (536) मिलने पर लॉकडाउन लगा दिया गया था। भारत सरकार को इस कदम के लिए डब्ल्यूएचओ से तारीफ भी मिली थी और कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों को ट्रैक करने वाले ऑक्सफोर्ड गवर्मेंट यूनिवर्सिटी ट्रैकर ने उसे 100 में से 100 पॉइंट्स भी दिए थे।
लेकिन, अब इन 7 देशों में भारत ही एकमात्र देश है, जहां नए कोरोना संक्रमितों की संख्या का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। बाकी 6 देशों में हर दिन सामने आने वाले नए मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। इन 6 देशों ने कोरोना संक्रमण का फैलाव काफी हद तक रोक लिया है और इसीलिए इन देशों में पिछले दिनों धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलने के लिए प्रतिबंधों में ढील दी जाती रही है। भारत भी इसी तर्ज पर आज (1 जून) से लॉकडाउन खोलने की प्रोसेस शुरू कर रहा है, जबकि यहांहर दिन नए मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
इन सभी 7 देशों में लॉकडाउन लगने के 2-2 महीने पूरे हो चुके हैं। ऐसें में इन देशों में लॉकडाउन लगने के पहले और लॉकडाउन लगने के 2 महीने बाद नए संक्रमितों की संख्या में क्या बदलाव आया?, कहां लॉकडाउन सफल रहा?, कौन महामारी को फैलने से रोकने में कामयाब रहा? और कौन इन मोर्चों में नाकाम रहा?, इन्हीं सवालों के जवाब खोजती हमारी एक रिसर्च रिपोर्ट…
इटली, फ्रांस और जर्मनी में लॉकडाउन के नतीजे सबसे अच्छे रहे, भारत रेस में सबसे पीछे रह गया
1. इटली, फ्रांस और जर्मनी में लॉकडाउन के 2 महीने बाद नए मामलों की संख्या लॉकडाउन के पहले आ रहे मामलों की संख्या से कम हो चुकी है। जर्मनी रेस में सबसे आगे है। यहां लॉकडाउन के पहले की तुलना में 2 महीने बाद 9 गुना मामले कम आ रहे हैं। इसी तरह फ्रांस में नए मामलों की संख्या आधी हो गई है। इटली में भी डेढ़ गुना मामले घटे हैं।
2. स्पेन और ब्रिटेन में लॉकडाउन के 2 महीने बाद नए मरीजों की संख्या लॉकडान के पहले मिल रहे मरीजों की संख्या से तो ज्यादा है लेकिन यह 1 महीने पहले की तुलना में क्रमश: 3 गुना और 2 गुना कम हो गई है।
3. रूस में लॉकडाउन के बाद लगातार मामले बढ़े हैं। 2 महीने बाद यहां हर दिन 8 हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं। यह लॉकडाउन के पहले की तुलना में 45 गुना ज्यादा हैं और लॉकडाउन के 1 महीने बाद की तुलना में महज सवा गुना ज्यादा। लेकिन रूस में 6 से 12 मई के बीच हर दिन 10 हजार से ज्यादा केस आ रहे थे, इसकी तुलना में यहां लॉकडाउन के 2 महीने बाद मामले घट रहे हैं।
4. भारत में जब लॉकडाउन लगा तब हर दिन औसतन 81 मामले आ रहे थे। लॉकडाउन के एक महीने बाद यह 21 गुना बढ़ गए। यही नहीं लॉकडाउन के एक महीने बाद की तुलना में 2 महीने बाद हर दिन मिलने वाले मरीजों की संख्या 4 गुना हो गई।
लॉकडाउन के 2 महीने बाद भारत में सबसे ज्यादा मौतें हो रहीं
लॉकडाउन के 1 महीने बाद सभी देशों में मौतों की संख्या लॉकडाउन के पहले की तुलना में बढ़ीं। लेकिन 1 महीने बाद की तुलना में 2 महीने बाद हर दिन होने वाली मौतों की संख्या 7 में से 5 देशों में घट गई। लॉकडाउन के 1 महीने बाद की तुलना में 2 महीने बाद फ्रांस में 6 गुना, जर्मनी, यूके में 5 गुना और इटली, स्पेन में 3 गुना मौतें कम हुईं। रूस में यह संख्या डेढ़ गुना बढ़ गई। वहीं भारत में इसमें सबसे ज्यादा इजाफा हुआ। भारत में मौतें 3 गुना बढ़ गईं।
अमेरिका, ब्राजील में नेशनल लेवल परलॉकडाउन नहीं लगा,तुर्की में सिर्फ 2 और 4 दिनों के लिए लॉकडाउन रहा
1.अमेरिका में राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन नहीं है। यहां जब मामले बढ़ने लगे थे तो अलग-अलग प्रांतों के गवर्नरों ने अपने-अपने राज्य में लॉकडाउन लगाना शुरू किया। यहां 19 मार्च से लेकर 3 अप्रैल तक 17 राज्य स्टे एट होम पॉलिसी लागू कर चुके थे। यही कारण भी है कि अमेरिका में 3 अप्रैल के बाद से हर दिन आ रहे नए मामलों की संख्या अब कम हो रही है। अप्रैल के पहले हफ्ते में यहां हर दिन 30 हजार से ज्यादा मामले आ रहे थे, जो अब 20 से 25 हजार के बीच है।
2.अमेरिका की तरह ही ब्राजील में भी लॉकडाउन नहीं है। यहां राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो लॉकडाउन के खिलाफ रहे हैं। लेकिन यहां भी अलग-अलग राज्यों ने अपने स्तर पर लॉकडाउन लगा रखा है। हालांकि इसमें बहुत देर हुई। 5 मई को सबसे पहले ब्राजील के साओ लुईस शहर में लॉकडाउन लगाया गया। इसके बाद फोर्टालिजा समेत कई नाम जुड़ते गए और फिर देश के 27 में से कई राज्यों ने लॉकडाउन लगाना शुरू किया। फिलहाल यहां हर दिन 30 हजार केस सामने आ रहे हैं।
3.तुर्की में 16 मार्च को स्कूलों को बंद किया गया। कैफे, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट वैन्यू भी बंद किए गए। इसके बाद 11-12 अप्रैल और 18-19 अप्रैल को यहां 2-2 दिन के लॉकडाउन लगे। हाल ही में 23-26 मई तक ईद के मौके पर 4 दिन का लॉकडाउन लगा। यहां लंबे समय तक टोटल लॉकडाउन नहीं रहा। बावजूद इसके यहां नए मामलों की संख्या हर दिन कम हो रही है। अप्रैल के दूसरे-तीसरे हफ्ते में यहां हर दिन 4 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे, जबकि अब यह 1000 के आसपास सीमित हैं।
कोरोना के सबसे ज्यादा असर वाले 7 देशों में किस तरह लगा लॉकडाउन और स्टेटस क्या है?
1. रूस
कुल कोरोना संक्रमित: 2.86 लाख+, कोरोना से कुल मौतें: 27 हजार+ लॉकडाउन स्टेटस: रूस में 27 मार्च को कोरोना संक्रमितों की एक हजार के पार हुई थी। 28 मार्च से यहां लॉकडाउन लगा दिया गया। इसके बाद जब मामले 2.2 लाख पार हो गए तब राष्ट्रपति पुतिन ने लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील का एलान कर दिया। 12 मई से रूस में सभी सेक्टर में काम दोबारा शुरू करने की परमिशन दी गई। हालांकि यहां भीड़ इकट्ठे करने वाले कार्यक्रमों पर अभी भी प्रतिबंध जारी है।
2. स्पेन
कुल कोरोना संक्रमित: 2.86 लाख+, कोरोना से कुल मौतें: 27 हजार+ लॉकडाउन स्टेटस: स्पेन में 5 हजार संक्रमित मिलने के बाद ही 14 मार्च से लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई थी। यहां लोग सिर्फ जरूरी चीजें और जरूरी काम से ही बाहर निकल पा रहे थे।
11 मई से देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन के नियमों में ढील दी गई। इसके बाद आउटडोर कैफे, रेस्टोरेंट 50% क्षमता के साथ खुलने लगे। छोटी दुकानों को खोला जाने लगा। एक जगह पर 10 लोगों तक के इकट्ठे होने की परमिशन मिली। फिलहाल कुछ राहतों के साथ स्पेनमें लॉकडाउन 21 जून तक बढ़ सकता है।
3. ब्रिटेन कुल कोरोना संक्रमित: 2.72 लाख+, कोरोना से कुल मौतें: 38 हजार+ लॉकडाउन स्टेटस: ब्रिटेन में6 हजार मामले होने के बाद 23 मार्च से टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया था। 13 मई से ब्रिटेन में लॉकडाउन में छूट मिलना शुरू हुई। जो लोग घर से काम नहीं कर पा रहे थे, वे ऑफिस जाने लगे। गार्डन सेंटर और गोल्फ जैसे स्पोर्ट्स सेंटरों को खोल दियागया। 1 जून से यहां स्कूल खोल दिए जाएंगे। अब यहां घर के बाहर 6 लोगतक इकट्ठे हो सकते हैं।
4. इटली कुल कोरोना संक्रमित: 2.32 लाख+, कोरोना से कुल मौतें: 33 हजार+ लॉकडाउन स्टेटस: 22 फरवरी को इटली के वेनेटो और लोम्बॉर्डी में कुछ शहरों को लॉकडाउन किया गया था। इनके बाद उत्तरी हिस्से के कई शहरों में लॉकडाउन लगाया जाने लगा। 10 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू हुआ।
4 मई से इटली में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी जाने लगी। 44 लाख लोग काम पर लौटे। रेस्टोरेंट और छोटी दुकानों को खोलने की परमिशन मिली। फ्युनरल में 15 लोगों तकइकट्ठे होने की छूट मिली।16 मई को प्रधानमंत्री कोंटे ने धीरे-धीरे लॉकडाउन खोलने की बात कही। इसके बाद 25 मई से यहां कुछ नियमों के साथ जिम, स्पोर्ट्स सेंटर और स्विमिंग पूल भी खोल दिए गए।
5. फ्रांस कुल कोरोना संक्रमित: 1.88 लाख+, कोरोना से कुल मौतें: 28 हजार+ लॉकडाउन स्टेटस:फ्रांस में 29 फरवरी को 5 हजार से ज्यादा की भीड़ पर बैन लगाया गया।17 मार्च से फ्रांस में टोटल लॉकडाउन हो गया। 2 महीने के अंदर ही लॉकडाउन नियमों में राहत भी दी जाना शुरू हो गई। 11 मई से यहां दुकानें और स्कूल खोले जाने लगे। 10 लोगों के इकट्ठे होने की छूट मिली। जून के पहले सप्ताह से यहां कैफे, रेस्टोरेंट और समुद्री किनारों को भी खोल दिया जाएगा।
6. इंडिया कुल कोरोना संक्रमित: 1.85 लाख+, कोरोना से कुल मौतें: 5 हजार+ लॉकडाउन स्टेटस: 3 मार्च को दिल्ली सरकार ने सबसे पहले स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया। 10 मार्च के बाद कई राज्यों में स्कूल, कॉलेज को बंद करने के आदेश दिए गए। 15 मार्च से ही धार्मिक स्थलों को बंद करने के आदेश आए। 22 मार्च को एक दिन के लिए पूरे देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया। इसी दिन से देशभर के अलग-अलग शहरों में लॉकडाउन का ऐलान होने लगा। 25 मार्च से पूरे देश को ही लॉकडाउन कर दिया गया।
फिलहाल, यहां लॉकडाउन का चौथा फेज चल रहा है। यहां दूसरे फेज से ही प्रतिबंधों में ढील दी जाने लगी थी। फिलहाल यहां छोटी दुकानों औरशराब की दुकानों को खोलने की अनुमति है।7 दिन पहले से घरेलू उड़ानें भी शुरू हो चुकी हैं।और अब 1 जून से देश अनलॉक होना शुरू हो चुका है। इसके तहत अगले कुछ दिनों में धार्मिक स्थलों, सैलूनसमेत बाकीतमाम सेक्टर भी धीरे-धीरे फिर से खोले जाएंगे।
7. जर्मनी
कुल कोरोना संक्रमित: 1.83 लाख+, कोरोना से कुल मौतें: 8 हजार+ लॉकडाउन स्टेटस: 10 मार्च को जर्मनी के कई राज्यों ने 1000 से ज्यादा की भीड़ को बैन किया। 16 मार्च से स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए। 20 मार्च को जर्मनी के सभी राज्यों ने सोशल इवेंट और हर छोटी-बड़ी भीड़ पर पाबंदी लगाई। 23 मार्च से देश में टोटल लॉकडाउन लागू हुआ। 5 मई से यहांलॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी गई है। दूकानें फिर से खुलने लगी हैं। स्कूल्स खोल दिए गए हैं। जर्मन फूटबॉल लीग के मैच भी शुरू हो चुके हैं।
देश के कई तीरंदाजअर्जुन पुरस्कारके लिए अपने नामों की सिफारिश के चक्कर मेंराज्य संघों, खेल विभाग के अफसरों के आगे-पीछे घूमने को मजबूर हैं। भारतीय तीरंदाजी संघ को चुनाव के 5 महीने बाद भी मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में वह राष्ट्रीयखेल पुरस्कारों के लिए तीरंदाजों के नामों की सिफारिश नहीं कर सकता।
तीरंदाजी के कंपाउंड राउंड से मध्यप्रदेश की मुस्कान किरार और दिल्ली के अमन सैनी अर्जुन अवॉर्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं। इनके अलावा रिकर्व राउंड से पश्चिम बंगाल के अतनु दास और महाराष्ट्र के प्रवीण जाधव भी हैं।
एएफआई की 2012 में मान्यता रद्द हुई थी
आर्चरी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) का चुनाव कोर्ट के आदेश के बाद इस साल जनवरी में हुआ था। इससे पहले खेल मंत्रालय ने 2012 में स्पोर्ट्स कोड का पालन नहीं करने के कारण एएफआई की मान्यता रद्द कर दी थी। जबकि वर्ल्ड आर्चरी फेडरेशन (डब्ल्यूएएफ) ने 5 अगस्त 2019 को फेडरेशन पर प्रतिबंध लगाया था। तब से ही भारतीय खिलाड़ी सभी टूर्नामेंट में डब्ल्यूएएफ के झंडे तले हिस्सा ले रहे थे।
इसी साल जनवरी में हुए थे चुनाव
जनवरी में कोर्ट की ओर से दी गई गाइडलाइन के अनुसार खेल मंत्रालय, डब्ल्यूएएफ और एएफआई की निगरानी में चुनाव हुए थे। इसके बाद डब्ल्यूएएफ ने एएफआई पर से सशर्त प्रतिबंध हटा दिया था। लेकिन खेल मंत्रालय के पास कोर्ट की तरफ से चुनाव से जुड़े दस्तावेज नहीं पहुंचे। इसलिए खेल मंत्रालय ने अब तक फेडरेशन की मान्यता बहाल नहीं की है।
टोक्यो के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं अतनु
इंटरनेशनल आर्चर अतनु दास ने अर्जुन अवॉर्ड के लिए आवेदन किया है। उन्होंने भास्कर को बताया कि मेरे नाम की सिफारिशपिछले साल मेजर ध्यानचंद अवॉर्ड से सम्मानित कोच सी. लालरेमसांगा कर रहे हैं। फेडरेशन को मान्यता नहीं मिली है। इसलिए उन्हें और दूसरे तीरंदाजों को व्यक्तिगत रूप से राज्य संघों और राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर चुके कोच और अपने मूल विभाग से नाम भिजवाना पड़ा रह है। जबकि आम तौर पर यह काम फेडरेशन का होता है। वही खिलाड़ीका नाम खेल मंत्रालय को भेजती है।
अतनु ने एशियन चैम्पियनशिप में 3 ब्रॉन्ज मेडल जीते
अतनु ने पिछले साल एशियन तीरंदाजी चैम्पियनशिप में 3 ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। वहीं, 14 साल बाद वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर जीतने वाली टीम के सदस्य भी थे। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक के टीम इवेंट, सिंगल और मिक्स्ड डबल्स तीनों वर्ग में क्वालिफाई किया है।
कंपाउंड में देश के लिए अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुके अमन सैनी ने अब तक अर्जुन अवॉर्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं भेज पाए हैं। उन्होंने भास्कर को बताया कि आमतौर पर फेडरेशन सारी कागजी कार्रवाई पूरी करता है। लेकिन हमारे मामले में तीरंदाजी फेडरेशन को अब तक खेल मंत्रालय सेमान्यता नहीं मिली है। ऐसे में वो हमारे नाम की सिफारिश नहीं कर सकती है। इसलिए मैं खेल मंत्रालय कोऑनलाइन आवेदन भेजने के लिएस्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों से बात कर रहा हूं।
साई के पासमेरे पिछले तीन साल का रिकॉर्ड भी है। इस दौरान मेरा प्रदर्शन कैसा था। वह अच्छे से जानते हैं।इसलिए मैं अफसरों से अनुरोध कर रहा हूं कि वे पुरस्कार के लिए अप्लाई करने में मेरी मदद करें।
एशियन गेम्स में जीत चुके हैं मेडल
अमन ने 2018 एशियन गेम्स के टीम इवेंट में सिल्वर और 2019 वर्ल्ड चैम्पियनशिप के टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
अर्जुन अवॉर्ड के लिए मुस्कान किरार के नाम की सिफारिश मध्यप्रदेश स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट कर रहा है। वे 2016 से जबलपुर की आर्चरी अकादमी में ट्रेनिंग कर रही हैं।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता
मुस्कान ने 2018 एशियन गेम्स के तीरंदाजी कंपाउंड टीम इवेंट में रजत पदक जीता था। उन्होंने इसी साल थाईलैंड एशिया कप में स्वर्ण और कांस्य पदक दिलाया था। मुस्कान ने टर्की में वर्ल्ड कप स्टेज-2 में भी रजत अपने नाम किया था। 2019 वर्ल्ड चैम्पियनशिप के टीम इवेंट में भी ब्रॉन्ज जीता था।
महाराष्ट्र के प्रवीण जाधव पिछले साल वर्ल्ड तीरंदाजी चैम्पियनशिप में 14 साल बाद सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम के हिस्सा थे। उनके साथ टीम में तरूणदीप राय और अतनु दास शामिल थे। इन्होंने भी सम्मान के लिए आवेदन दिया है।
अप्लाई करने की आखिरी तारीख 3 जून
अर्जुन अवॉर्ड के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 3 जून है। इस बार खिलाड़ियों को ऑनलाइन आवेदन भेजना है। यह सम्मान सभी खिलाड़ियों को उनके पिछले 4 साल के प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है।
इस मामले परआर्चरीफेडरेशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी प्रमोद चांदुलकर ने बताया कि अभी फेडरेशन को खेल मंत्रालय से मान्यता नहीं मिली है। इसलिए हम अर्जुन अवॉर्ड के लिए किसी भी प्लेयर का नाम नहीं भेज सकते हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी में कोर्ट के आदेश पर चुनाव हुए थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण कोर्ट के आदेश से जुड़े दस्तावेजमंत्रालय में नहीं पहुंचे हैं। इस कारण मान्यता नहीं मिली है। प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही मान्यता मिल जाएगी।
-प्रमोद चांदुलकर,सेक्रेटरी,आर्चरीफेडरेशन ऑफ इंडिया