अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए रूस कोरोना को लेकर भ्रम फैला रहा है। इसके लिए रूसी जासूसी एजेंसी जीआरयू इनफोरोस, वन वर्ल्ड प्रेस, टास, ग्लोबल रिसर्च-सीए जैसी वेबसाइटों की मदद ले रही है। एक खुफिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसके मुताबिक, एजेंसी ने वेबसाइटों से कहा है कि वे चीन के उस आरोप का समर्थन करें, जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी सेना ने ही कोरोनावायरस बनाया था।
हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शुरू से कहते रहे हैं कि कोरोना चीन के लैब में बना था। जीआरयू के कहने पर वेबसाइटों ने मई से जुलाई तक अमेरिका और कोरोना को लेकर करीब 150 भ्रामक लेख प्रकाशित किए। एलायंस फॉर सिक्योरिंग डेमोक्रेसी के डायरेक्टर लॉरा रोसेनबर्गर ने भी कहा कि अमेरिकी वोटरों को गुमराह करने में रूसी जासूसी एजेंसियां केंद्रीय भूमिका में हैं।
यूरोप में कोरोना पर भ्रम फैलाने की साजिश से खुलासा
अमेरिका के अधिकारी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी मैडिएंट की एक रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे थे। उसी दौरान यह बात सामने आई कि पूर्वी यूरोप में नाटो की बदनामी और कोरोना पर गलत सूचनाएं फैलाने का अभियान चल रहा है। हालांकि, मैडिएंट की रिपोर्ट में रूसी एजेंसियों का जिक्र नहीं था, पर यह नोट किया गया कि इस अभियान से रूस के हित जुड़े हैं।
ट्रम्प के अधिकारी ही उनके खिलाफ- वेबसाइट
कोरोना पर गलत सूचनाएं फैलाने के आरोपों पर वन वर्ल्ड प्रेस ने एक बयान जारी किया है। इसमें उसने कहा है कि वह रूसी जासूसी एजेंसी के लिए काम नहीं करता है। उस पर लगाए गए आरोप अनुचित हैं। रूस के बारे में अमेरिका के अधिकारी ही गलत सूचनाएं फैला रहे हैं। इन अधिकारियों का मकसद राष्ट्रपति ट्रम्प को चुनाव में नहीं जीतने देना है।
-न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39D6j5W
via IFTTT
0 comments:
Post a Comment