आज 29 अगस्त है। 115 साल पहले आज के ही दिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जन्म हुआ था। ध्यानचंद ने भारत को लगातार तीन बार ओलिंपिक में स्वर्ण पदक दिलवाया था। ध्यानचंद की बॉल पर पकड़ बेजोड़ थी, इसलिए उन्हें ‘दी विज़ार्ड’ कहा जाता था। ध्यानचंद ने अपने अन्तरराष्ट्रीय करियर में 400 से अधिक गोल किए। उन्होंने अपना आखिरी अन्तरराष्ट्रीय मैच 1948 में खेला था। दिलचस्प यह है की इस जादूगर को बचपन में हॉकी से बिलकुल लगाव नहीं था। उन्हें रेसलिंग बहुत पसंद थी।
उन्होंने पेड़ की डाली से हॉकी स्टिक और पुराने कपड़ों से बॉल बनाकर आसपास के दोस्तों के साथ हॉकी खेलना शुरू किया था। 14 साल की उम्र में वे अपने पिता के साथ एक हॉकी मैच देखने गए। वहां एक टीम 2 गोल से हार रही थी। ध्यानचंद ने अपने पिता से कहा कि वो इस हारने वाली टीम के लिए खेलना चाहते हैं। वह आर्मी का मैच था, उनके पिता ने ध्यानचंद को खेलने की इजाज़त दे दी। ध्यानचंद ने उस मैच में 4 गोल किए। 1922 में 16 साल की उम्र में ध्यानचंद पंजाब रेजिमेंट से एक सिपाही बन गए, जहां उन्होंने हॉकी को और अच्छे से सीखा और इस तरह से दुनिया को हॉकी का जादूगर मिल गया।
67 साल पहले सोवियत संघ ने किया था पहला न्यूक्लियर टेस्ट
आज ही के दिन 1953 में सोवियत संघ ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था। इससे ठीक एक साल पहले 1952 में अमेरिका ने हाइड्रोजन बम बनाया था, जिसकी आधिकारिक घोषणा अमेरिका ने 1953 में की थी। सोवियत संघ को भी यह जानकारी पहले ही हो गई थी, जिसके जवाब में ठीक एक साल बाद उसने भी आज ही के दिन हाइड्रोजन बम बना लिया। उस दौरान हाइड्रोजन बम की ताकत हासिल करने की ऐसी होड़ मची थी कि इसमें रूस, अमेरिका और ब्रिटेन एक-दूसरे को पछाड़ने में लगे थे। हाइड्रोजन बम एटॉमिक बम से हजार गुना ज्यादा ताकतवर होता है। रूस (तब के सोवियत संघ) ने यह परिक्षण द पॉलिगन में किया था। जो अब कजाखस्तान में है।
कई बार टूटी और कई बार बनी किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की लोकदल
1974 आज ही के दिन किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर लोकदल की स्थापना की थी। पहले इसका नाम भारतीय क्रांति दल रखा गया था। इसके गठन के तीन साल बाद 1977 में जनता पार्टी में इसका विलय हो गया था। उसके बाद जनता पार्टी जब 1980 में टूटी तो चौधरी चरण सिंह ने अलग जनता पार्टी एस का गठन किया। 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में इस दल का नाम बदलकर दलित मजदूर किसान पार्टी हो गया और इसी बैनर तले चुनाव लड़ा गया। पार्टी में विवाद के चलते हेमवती नंदन बहुगुणा इससे अलग हो गए। 1985 में चौधरी चरण सिंह ने लोकदल का गठन किया। इसी बीच, 1987 में चौधरी अजित सिंह के राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते पार्टी में फिर विवाद हुआ और लोकदल बना। लोकदल का 1988 में जनता दल में विलय हो गया।
इतिहास के पन्नों में आज के दिन को इन घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है...
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1612: सूरत की लड़ाई में अंग्रेजों के हाथ पुर्तगालियों को हार का सामना करना पड़ा।
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1833: ब्रिटिश दास उन्मूलन अधिनियम को कानून का रूप दिया गया।
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1931: शक्तिशाली नगा आंदोलन की बुनियाद रखने वाले नगा आध्यात्मिक गुरु जदोनांग का निधन।
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1941: रूस में जर्मन इंस्तजकमांडो ने 1469 यहूदी बच्चों की हत्या की।
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1949: भारत के शीर्ष वैज्ञानिकों में से एक के. राधाकृष्णन का जन्म। उनके नेतृत्व में ही भारत ने पहले ही प्रयास में मंगल पर अपने मंगलयान को पहुंचाया।
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1969: करगिल युद्ध में शहीद हुए मेजर मनोज तलवार का जन्म हुआ था।
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1996: आर्कटिक द्वीप के स्पिट्सबर्गेन की पहाड़ी में विमान हादसा। वनुकोवो एयरलाइंस के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 141 लोगों की मौत।
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1998: पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित।
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