Sunday, 3 January 2021

अमेरिका में हर छठवां नागरिक भूख से जूझ रहा, यहां 2008 की मंदी से भी बुरे हालात

कोरोना की वजह से कई देशों और उनके नागरिकों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। अर्थव्यवस्था के आकार के लिहाज से दुनिया का सबसे समृद्ध देश अमेरिका भी इससे अछूता नहीं रहा। महामारी के कारण वहां बड़े पैमाने पर लोगों ने रोजगार गंवाया और इसका असर यह हुआ कि अमेरिका में भूख की समस्या खड़ी हो गई।

हर चौथा अमेरिकी बच्चा भूखा
अमेरिका की सबसे बड़ी भूख राहत संस्था फीडिंग अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां दिसंबर के आखिर में 5 करोड़ से ज्यादा लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे। यानी हर छठवां अमेरिकी भूख से जूझ रहा था। बच्चों के मामले में स्थिति और बुरी है। हर चौथा अमेरिकी बच्चा भूखा रहने को मजबूर है।

जरूरतमंदों की संख्या बढ़ रही
रिपोर्ट में कहा गया है कि जून से ही अमेरिका में खाने के जरूरतमंदों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। ओवरऑल पूरे देश में ऐसे जरूरतमंद महामारी से पहले की तुलना में दोगुने हो गए हैं। वहीं, ऐसे जरूरतमंद परिवारों की संख्या, जिनमें बच्चे भी मौजूद हैं, तीन गुना बढ़ी है।

एक महीने में 54.8 करोड़ खाने के पैकेट बांटे
फीडिंग अमेरिका नेटवर्क ने एक महीने में 54.8 करोड़ खाने के पैकेट बांटे। महामारी शुरू होने से पहले की तुलना में यह 52% ज्यादा है। जहां भी खाद्य सामग्रियां बांटी जाती हैं, इसे लेने के लिए लंबी लाइन लग रही है। संस्था शहर में क्रिसमस से ठीक पहले हर साल औसतन 500 लोगों को खाना मुहैया कराती थी। इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 8,500 हो गया।

अमीरों के शहर न्यूयॉर्क में बढ़ी भूख की समस्या
न्यूयॉर्क में 1.20 लाख लोग ऐसे हैं, जिनके पास 50 लाख डॉलर (करीब 36 करोड़ रुपए) या इससे अधिक की संपत्ति है। यह दुनिया में सबसे अधिक है। फिर भी यह शहर भूख की समस्या से बच नहीं पाया। महामारी के दौरान न्यूयॉर्क फूड बैंक ने 7.7 करोड़ खाने के पैकेट बांटे हैं। यह किसी अन्य साल की तुलना में 70% ज्यादा है। ब्लैक समुदाय के लोगों की स्थिति और भी बुरी है।

कम्युनिटी फ्रिज के जरिए खाना बांट रहे
खाद्य संकट से निपटने के लिए अमेरिका में लोग अब एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। सरकारी मदद में देरी की वजह से लोगों को यह कदम उठाना पड़ा। कई जगह लोगों ने कम्युनिटी फ्रिज लगाए हैं। जिनके पास खाना नहीं है, वे इन फ्रिज से मुफ्त खाना ले जा सकते हैं। एक फ्रिज की जिम्मेदारी दो लोगों को सौंपी गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए भी भूखों की मदद की जा रही है।



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उटा में खाद्य सामग्री हासिल करने के लिए कारों में बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते लोग। अमेरिका में ऐसे नजारे अभी आम हैं।


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