Monday 25 May 2020

घर लौटते प्रवासियों पर चढ़ते पारे की मार, दांडी में नमक की चादर से ढंका राष्ट्रीय नमक स्मारक का तालाब

प्रचंड गर्मी के बीच सोमवार को अपने परिवार के साथ ये बच्चा भी स्पेशल ट्रेन से बिहार के बेगूसराय जा रहा था। ट्रेन का इंतजार करते हुए नंगे पैर ही ये बच्चा प्लेटफार्म पर इधर से उधर घूम रहा था। बच्चा जैसे ही खुले में आया तो तपती टाइल्स पर नंगे पैर खड़े रहना भी मुश्किल हो गया। कुछ देर तक बच्चे ने अपने पंजे ऊपर करके एडी के बल खड़े रहने की काेशिश की। इसके बाद बच्चा दौड़कर अपने पिता के पास गया तो उनके जूतों के ऊपर अपने पैर रख दिए। इसके बाद पिता ने बच्चे को गोद में उठा लिया।
नमक की चादर से ढंक गयातालाब

गुजरात के दांडी स्थित ऐतिहासिक राष्ट्रीय नमक स्मारक का कृत्रिम तालाब नमक की चादर से ढंक गया है। लॉकडाउन के दौरान तालाब का पानी वाष्पीकृत होकर समय से पहले सूख गया। सतह पर सिर्फ नमक बचा है, जो सफेद चादर की तरह चमक रहा है। लॉकडाउन के कारण नमक हटाया नहीं जा सका था, लेकिन छूट मिलने पर महिलाओं की मदद से हटाने का काम शुरू हो गया है।

गर्मी से पिघलने लगी सड़कें

तस्वीर हरियाणा केअम्बाला की है। जहां भीषण गर्मी के चलते सड़क का डामर पिघलने लगा।

प्यास सेबेजुबानकी मौत

तस्वीर जयपुर के झालाना की है जहां एक बंदर के बच्चे ने प्यास से दम तोड़ दिया। यह बंदर तपती गर्मी में जंगल के बाहर सरकारी पार्क में पानी की उम्मीद लिए पहुंचा था पर बदनसीब को खेली रीती मिली।

गर्मी से तेज इनका जज्बा

तस्वीर पंजाब के पठानकोट की है। मई का आखिरी सप्ताह पठानकोट वासियों को 42 से 44 डिग्री के तापमान में तपाएगा। सोमवार को शहर का अधिकतम पारा 42 डिग्री रहा। चिलचिलाती धूप में एफसीआई मजदूर काम करते दिखे, क्योंकि इन कंधों पर अन्न का भार है।

भीषण गर्मी में देश की रक्षा करते जवान

तस्वीर जैसलमेर की है। जहां झुलसा देनी वाली गर्मी के बीच बीएसएफ के जवान भारत-पाक सीमा पर देश की रक्षा कर रहे हैं।

प्यास बुझाने पहुंचे वनराज

नौतपे के पहले ही दिन बढ़े तापमान से वन्य जीव भी बेहाल रहे। बाघ वन विभाग द्वारा बनाए गए पोखर और सॉसर में बैठकर राहत महसूस कर रहे हैं। भानपुर सब रेंज में सोमवार को पोखर में बैठा एक बाघ कैमरे में कैद हुआ है।

घर के लिए रवाना हुए प्रवासी

तस्वीर जीरकपुर की है। जहांउत्तर प्रदेश और बिहार के लिए रवाना हाेने वाले प्रवासी अपना सामान भी साथ ले जा रहे हैं।

गर्मी से बचने यमुना में डुबकी

तस्वीर नई दिल्ली की है। सोमवार को गर्मी के तीखे तेवर के बीच बच्चों का एक समूह यमुना नदी में डुबकी लगााकर गर्मी से बचने का प्रयास करते हुए।

मां ने अपने आंचल की छांव से बेटे को बचाया

तस्वीर राजस्थान के श्रीगंगानगर की है। जहां दाेपहर सवा एक बजे यह महिला अपने मासूम बच्चे काे आंचल की छांव में लपेटे साधुवाली स्थित स्टेट बाेर्डर पर पहुंची।

42º तापमान में सड़क बनाते मजदूर

तस्वीर पंजाब के होशियारपुर शहर की है। जहां 42 डिग्री के बीच मजदूर सड़क निर्माण में जुटे हैं। काम कर रहे मजदूरों ने कहा, उनका पूरा जीवन अग्निपथ के समान है। हम लोगों को तो दोपहर में ही पूरा काम करना पड़ता है, चाहे धूप जितनी भी तेज हो।

तस्वीर राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क की है। यहां प्रभुत्व और अपने इलाके के लिए बाघिन मां-बेटी के बीच संघर्ष हुआ। लड़ाई करीब 20 सेकंड तक चली। संघर्ष बढ़ने पर मां नूर ने हार मान ली और बेटी सुल्ताना को छोड़कर वहां से चली गई। इन तस्वीरों को महाराष्ट्र के फोटोग्राफर पराग भट्‌ट ने अपने कैमरे में कैद किया है। उन्होंने बताया कि पिछले 15 साल में मैंने ऐसी लड़ाई नहीं देखी।

पीपीई किट पहनकर फ्लाइट में आए, लेने आने वाले लेट हुए तो वर्क फ्रॉम एयरपोर्ट

तस्वीर जयपुर एयरपोर्ट की है। जोधपुर निवासी राम नितेश इन दिनों बेंगलुरू में थे। वापसी के लिए सोमवार को पीपीई किट पहनकर ही फ्लाइट पकड़ी। जयपुर एयरपोर्ट पर उन्हें लेने आने में घरवालों को थोड़ी देर हो गई। अभी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर तो है ही। नितेश लगेज ट्रॉली पर ही बैठ गए और लैपटॉप खोलकर वर्क फ्रॉम एयरपोर्ट करने लगे।

अब सुरक्षा जरूरी

दिल्ली और दूसरे शहरों से आने वाले यात्री और रायपुर से दिल्ली व दूसरे शहरों में जाने वाले ज्यादातर यात्रियों ने फेस शील्ड लगाए रखा था। छोटे-छोटे बच्चे मास्क पहनकर आए।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
यह तस्वीर सीकर की है। तपती जमीन पर जब नंगे पैर जलने लगे तो पिता ने बेटे को अपने जूतों पर खड़ा कर लिया। ये कदम उन मजबूर प्रवासियों के हैं, जो इस भीषण गर्मी में अपने घरों तक पहुंचने के लिए अब भी सड़कों पर भटक रहे हैं।


from Dainik Bhaskar /national/news/struggle-to-reach-home-of-migrants-continues-amidst-the-scorching-heat-of-45-127341277.html
via IFTTT

0 comments:

Post a Comment