कोरोनावायरस के संक्रमण से जूझ रहे हैं तो नमक के पानी से गरारेकरने पर राहत मिल सकतीहै। यह दावा ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च का है। इसकेमुताबिक, नमक के पानी से गरारेकरने पर संक्रमण के लक्षणों को कम करने के साथ बीमारी की अवधि को भी घटाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण से जूझ रहे 66 मरीजों पर यह रिसर्च की। इन मरीजों की नाक और गले में कोरोना का संक्रमण था।
इलाज के साथ गरारेकराए गए
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना के मरीजों को इलाज के साथ नमक के पानी केगरारे कराए गए। 12 दिन बाद इनकी नाक से सैम्पल लिए गए। रिसर्च रिपोर्ट में सामने आया कि संक्रमण के लक्षणों में कमी आई।
औसतन 2.5 दिन में संक्रमण घटा
जर्नल ऑफ ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित शोध के मुताबिक, कोरोना के जिन मरीजों ने गरारा किया उनमें औसतन 2.5 दिन में संक्रमण घटा। शोधकर्ता डॉ. संदीप रामालिंगम का कहना है कि गरारे करने पर कोरोना के संक्रमण पर असर दिखता है और कम समय में बीमारी से ठीक होने की उम्मीद बढ़ती है।
पूरी रिपोर्ट इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ी जा सकती है।
जल्द ही ट्रायल शुरू होगा
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस पर जल्द ही ट्रायल शुरू किया जाएगा। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय वायरस विशेषज्ञों की एक टीम ने माउथवॉश से कोरोना के असर को कम करने का दावा किया था। उनका कहना है कि माउथवॉश कोशिका को संक्रमित करने से पहले ही कोरोनावायरस को खत्म कर सकता है।
कोरोनावायरस के चारों तरफ एक चर्बी से बनी खोल होती है जिसे माउथवॉश में मौजूद रसायन गला सकते हैं। इस तरह इसे मुंह में ही खत्म करके गले तक पहुंचने से रोका जा सकता है।
गरारा गले की सफाई के साथ सूजन भी दूर करता है
आयुर्वेद और नेचुरोपैथ विशेषज्ञ डॉ. किरन गुप्ता कहती हैं कि नमक से गरारा करने पर गला साफ होता है और म्यूकस के जरिए बैक्टीरिया और वायरस निकलजाते हैं। नमक में क्लोरीन होने के कारण यह एक तरह से गले की सफाई होती है और खांसी के बाद आई सूजन भी दूर होती है।
कोरोना के इस दौर में गरारा करें तो ध्यान रखें कि किसी भी इंसान से कम से कम 6 फीट की दूरी पर ही करें। इसके अलावा गरारे का पानी खुली जगह पर न डालें।
हल्दी, नमक और तुलसी का गरारा भी फायदेमंद
डॉ. किरन गुप्ता के मुताबिक, पानी में हल्दी और नमक मिलाकर इससेगरारेकर सकते हैं या तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर उबालें। इस पानी से भीगरारेकरना फायेदमंद है। हल्दी और तुलसी दोनों में ही एंटीवायरल खूबियां होती हैं। तुलसी या हल्दी का पानी पी भी सकते हैं। इसके अलावा काढ़ा ले सकते हैं यहशरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। आयुष मंत्रालय ने भी काढ़े को अपने रूटीन में शामिल करने की सलाह दी है।
ऐसे बनाएं काढ़ा
तुलसी की 4 पत्तियां, 1 लौंग, थोड़ी सी दालचीनी और 5-10 ग्राम अदरक को कूटकरडेढ़ कप कप पानी में उबालें। जब यह एक कप रह जाए तो उसमें शहद डालकर पीएं। अगर मधुमेह की बीमारी है तो उसमें चीनी या शहद न डालें।
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