Saturday 23 May 2020

धमतरी में बहू और बेटी ने दिया कंधा, इंदौर में कोरोना संक्रमित महिला स्वस्थ जुड़वा बच्चों की मां बनी

ऊपर कीतस्वीर छत्तीसगढ़ के धमतरी की है। यहांसंभवत:पहला ऐसा मामला है,जब घर की बेटी और बहू ने घर के बुजुर्ग को कांधा दिया और श्मशान घाट तक पहुंचीं। मोहन लाल साहू का शनिवार को निधन हो गया। उनके बेटे की पहले ही मौत हो चुकी है। लिहाजा बहू और बेटी ने कांधा दिया। लॉकडाउन के कारण सीमित लोगों को ही अंतिम संस्कार में शामिल होने दिया। इस तरह न सिर्फ अपने संस्कार निभाए, बल्कि अपनी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाई। मुखाग्नि उनके नाती साहिल ने दी।

इंदौर: मां को मिली डबल इम्युनिटी...

यह खुशनुमा तस्वीर शनिवार को इंदौर से आई। कोरोना संक्रमित नंदानगर निवासी 35 वर्षीय महिला ने एमटीएच अस्पताल में जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। इस तरह का यह प्रदेश का पहला और देश का तीसरा मामला है। एमटीएच अस्पताल के प्रभारी डॉ. सुमित शुक्ला ने बताया कि दोनों बच्चे लड़के हैं और उनका वजन 1.6 किलो है। महिला को तय समय से महीनेभर पहले प्रसव हुआ है, इससे बच्चे सामान्य से कम वजन के हैं। महिला का दूसरा सैंपल शनिवार को भेजा जाएगा, उसकी रिपोर्ट आने के बाद तय होगा कि बच्चों की कोरोना जांच करवाई जाए या नहीं। फिलहाल दोनों बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं।

रोहतक: 4 महीनेके बच्चे की नाक से सैंपल लिए गए

रोहतक केसिविल अस्पताल में शनिवार को बड़े बाजार का एक परिवार कोरोना टेस्ट करवाने के लिए पहुंचा। इस दौरान डॉक्टर भी चिंतित दिखे, क्योंकि जांच कराने आए परिवार में एक चार माह का बच्चा भी था। जब बच्चे के टेस्ट की बारी आई तो मां ने कहा कि वह नन्हीं सी इस जान की जांच नहीं देख पाएगी। बच्चे के पिता ने तब अपनी मां को बुलाया। फिर दादी ने उसे गोद में लिया। जब डॉक्टर बच्चे के नाक से सैंपल ले रहे थे, तब दादी भी यह सब देख न पाईं।

जयपुर: श्मशान और मंदिरों में लॉक हैं 4000 अस्थियां

फोटो आदर्श नगर श्मशान घाट की है। कभी यहां 10 से अधिक अस्थियां भी नहीं रखी जाती थीं। आज 300 अस्थियां हैं। संख्या इतनी बढ़ गई है कि अलमारियों के बाद अब जमीन पर भी बड़ी संख्या में अस्थियां रखी हुई हैं।वहीं, विसर्जन के लिए मंदिरों और श्मशानों में रखी अस्थियों की संख्या 4000 पहुंच गई है। वहीं अब उत्तराखंड सरकार की तरफ से हरिद्वार तक जाने के लिए बसों की छूट देने के बाद अस्थियों को विसर्जित किया जा सकेगा।इससेपरिजनों के मन को थोड़ी शांति मिलेगी।

खंडवा:प्रवासी मजदूरों को 11 दिन से बसों में छोड़ा जा रहा है

यह तस्वीर खंडवा की है। महाराष्ट्र से मप्र की सीमा में आ रहे मप्र सहित यूपी बिहार के मजदूरों को 11 दिन से बसों में छोड़ा जा रहा है। एसडीएम ने बताया कि शानिवार सुबह 6 बजे से शाम तक 167 बसों से बिहार एवं उत्तप्रदेश जाने वाले मजदूरों को देवास भेजा गया है। वहीं मध्यप्रदेश के मजदूरों को 3 बसों से विभिन्न जिला मुख्यालयों तक भेजा गया।

पंचकूला:माइग्रेंट्स को उनके गंतव्य स्थल तक भेजा जा रहा है

हरियाणा के पंचकूला मेंमाइग्रेंट्स को उनके गंतव्य स्थल तक भेजा जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से बसें भेजी गई है। पंचकूला, कालका, मंढावाला, सकेतड़ी से लगभग 94 बसों में माइग्रेंट्स को भेजा गया है। डीसी मुकेश कुमार आहुजा ने बताया कि सोशल डिस्टेंस के साथ माइग्रेंट्स को बैठाने से पहले बसों को सेनेटाइज किया गया। डीसी ने बताया कि पंचकूला से 37 हजार 173 व्यक्तियों ने अन्य राज्यों में जाने के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया है। इनमें लगभग 23 हजार माइग्रेंट्स उत्तर प्रदेश व लगभग 8 हजार माइग्रेंट्स बिहार से है। दूसरी तरफ कई माइग्रेंट्स घर के लिए बस में चढ़ने से पहले सिर झुकाकर हाथ जाेड़ते हुए भी नजर आए।

कटिहार: प्रशासन के निर्देश का सख्ती से पालन

गुजरात से बिहार के कटिहार पहुंचामजदूर विकास खुद को क्वारैंटाइनकरने के लिए दिन भर कार्यालय का चक्कर लगाता रहा, लेकिन कहीं उसे क्वारैंटाइननहीं किया गया। अनुमंडल अस्पताल प्रशासन ने होम क्वारैंटाइनरहने को कहा। जबकि पड़ोसी एवं घर वालों ने घर में प्रवेश तक नहीं करने दिया। अंत में विकास ने सड़क किनारे ठेला लगाकर खुद को क्वारैंटाइनकर लिया।

कोटा: लॉकडाउन के बाद पहली बारखुले बाजार

राजस्थान के कोटा मेंलॉकडाउन के बाद कर्फ्यू लगने से सब्जी मंडी क्षेत्र का बाजार 2 महीने तक बंद रहा। प्रशासन ने क्लॉथ मार्केट, जीएम प्लाजा, न्यू सराफा बाजार आदि खोलने के आदेश दिए तो व्यापारियों ने पूरे मार्केट को सैनिटाइजकिया। शनिवार को व्यापारी मार्केट में दुकानें खोलने पहुंचे, जहां पर उन्होंने सबसे पहले परिवार की रोजी रोटी को नमन किया।

पिपरिया:प्रशासन ने बनवा दी जोड़ी

शादी की खरीदारी के लिएइंदौर गई दुल्हन रेखा साहू अचानक लॉकडाउन होने के कारण वहीं फंस गई थी। तमाम कोशिश के बाद वह पिपरिया तो पहुंच गई, लेकिन इंदौर से लौटने की वजह से प्रशासन ने सीधे क्वारैंटाइनसेंटर भेज दिया। प्रशासन को जब यह पता चला कि क्वारैंटाइनअवधि में ही युवती की शादी है तो उसने रास्ता निकाला। वर पक्ष से बात कर उन्हें क्वारैंटाइनसेंटर में शादी कराने के लिए मनाया और शनिवार को फेरे भी करा दिए। अब दुल्हन को कम से कम 10 दिन क्वारैंटाइनरहना है जो 24 मई को पूरा होगा। ऐसे में वह ससुराल जा सकेगी या नहीं यह साेमवार को तय होगा।



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Daughter-in-law and daughter-in-law gave shoulder to shoulder, corona infected in Indore gave birth to two healthy twins


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