दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 43 लाख 23 हजार 081 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 68 लाख 66 हजार 511 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 28 हजार 227 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। फ्रांस में संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। यहां एक दिन में पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए। सरकार ने कहा कि वो हालात की जल्द समीक्षा करेगी।
फ्रांस: फिर पांच हजार मामले
फ्रांस में बुधवार को 5429 नए मामले सामने आए। खास बात यह है कि ये सभी मामले उन इलाकों में सामने आए हैं, जहां दूसरी बार लॉकडाउन हटाया गया है। इसके अलावा कुछ ऐसे क्लस्टर भी सामने आए हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि यहां हाई रिस्क जोन अब भी बने हुए हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि अप्रैल के बाद कुछ इलाकों में मामले तेजी से बढ़े हैं। अगर जरूरत हुई तो इन इलाकों में फिर लॉकडाउन किया जाएगा। फ्रांस में कुल मामले ढाई लाख से ज्यादा हो चुके हैं।
स्पेन : यहां भी हालात ठीक नहीं
यूरोपीय देश संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, 3594 अकेले बुधवार को सामने आए। आज यहां हेल्थ मिनिस्ट्री के अफसरों की मीटिंग भी होने जा रही है। इसमें वैक्सीन के काम की समीक्षा के अलावा हालिया तौर पर उपलब्ध दवाओं के बारे में विचार किया जाएगा। देश में छह महीने पहले पहला मामला सामने आया था। लॉकडाउन हटाने के बाद एक बार फिर मामले तेजी से बढ़े हैं।
जॉर्डन : अम्मान ने लॉकडाउन
जॉर्डन में एक बार फिर लॉकडाइन की तैयारी है। पहले चरण में राजधानी अम्मान में लॉकडाउन किया जाएगा। यहां की हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा- अब सख्त कदम उठाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। अगर लोग सावधानी रखते तो शायद इस तरह के कदम नहीं उठाने पड़ते। शुक्रवार को अम्मान में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। लॉकडाइन इतना सख्त रहेगा कि मेडिकल स्टोर्स के अलावा किसी बिजनेस को खोलने की मंजूरी नहीं दी गई है।
साउथ कोरिया : डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द
दक्षिण कोरिया में मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। यही वजह है कि यहां सभी डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं और उन्हें काम पर लौटने को कहा गया है। खास बात यह है कि इन सबके बावजूद देश के डॉक्टर तीन दिन की हड़ताल पर जाने पर अड़े हैं। दूसरी तरफ सरकार ने कहा है कि वो समय रहते हालात पर काबू पाना चाहती है, इसके लिए सख्त कदम उठाने पर भी विचार किया जा सकता है।
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