
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की आखिरी वोटिंग 3 नवंबर को होनी है। अब तक सियासी दल 54 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। यह 2016 में खर्च हुई राशि 50 हजार करोड़ से ज्यादा है। ऐसे में अनुमान है कि इस चुनाव में खर्च 88 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
चुनावी खर्च की निगरानी करने वाली संस्था सेंट्रल फॉर रिस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स (सीपीआर) की सीईओ शीला क्रुमोलज ने बताया कि 2018 के मिड टर्म्स चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ फंडिंग देखी थी और 2020 में ऐसी फंडिंग की तो हमने कभी कल्पना नहीं की थी। चुनावों में इतनी ज्यादा फंडिंग ने हमारी उम्मीदों को कुचल दिया है।
यह अमेरिकी इतिहास का सबसे महंगा चुनाव हो चुका है और फाइनल वोटिंग में करीब 1 महीने का वक्त बचा है। क्या यह भविष्य के चुनावों का न्यू नॉर्मल है। कोरोना वायरस की वजह से वोटर्स और दानदाताओं से नहीं मिल पा रहे हैं। सीआरपी ने नोटिस किया है कि डिजिटल ऐड के जरिए लोग वोटर्स तक पहुंच रहे हैं और वोटर को खर्च करने के लिए उत्साहित कर रहे हैं।
वहीं वेस्लियन मीडिया प्रोजेक्ट की स्टडी बताती है कि डिजिटल माध्यम से खर्च करने के मामले में बाइडेन की टीम ट्रम्प से आगे है। बाइडेन ने सितंबर में टीवी विज्ञापनों के जरिए 686 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। वहीं ट्रम्प ने 299 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
टीम बाइडेन ने फेसबुक और गूगल विज्ञापनों पर 234 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि ट्रम्प ने 167 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसकी वजह यह है कि ट्रम्प अप्रैल से चुनावी कैंपेन में सक्रिय हैं और अगस्त से कैंपेन शुरू किया है। ओवरऑल खर्च में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों का हिस्सा 54% और ट्रम्प की रिपब्लिकन का 39% है।
ट्रम्प इलेक्शन कैंपेन व दूसरी डिबेट में भी ले सकेंगे हिस्सा
ट्रम्प के डॉक्टर सीन कोनले ने कहा कि ट्रम्प शनिवार से सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे। हालांकि अमेरिकी गाइडलाइंस के मुताबिक संक्रमित शख्स की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे 10 दिन आइसोलेशन में रहना पड़ता है। अभी तक ट्रम्प की निगेटिव रिपोर्ट के बारे में कोई सूचना नहीं आई है।
2016 की तुलना में 8% बढ़ गई है छोटे दानदाताओं की संख्या
- महिलाएं 2020 के इस चुनाव में 12.4 हजार करोड़ रुपए दान कर चुकी हैं। 2016 में महिलाओं ने 9.5 हजार करोड़ रुपए का चंदा दिया था।
- 200 डॉलर (करीब 14, 600 रु.) से कम राशि दान करने वाले लोग दानदाताओं की संख्या 2016 की तुलना में 8% बढ़कर 22% पहुंच गई है।
- छोटे डोनर ने बाइडेन को 472 करोड़ रुपए की राशि दी है, वहीं ट्रम्प को इस समूह से महज 122 करोड़ रुपए का चंदा मिला है।
- बड़ी कंपनियों के 15 सीआईओ ने ट्रम्प को 19 करोड़ रुपए का चंदा दिया है और बाइडेन को 30 कंपनियों के सीईओ ने महज 4 करोड़ रुपए दिए हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2I9OBxf
via IFTTT
0 comments:
Post a Comment