Tuesday, 24 November 2020

उस विस्फोटक की खोज, जो बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स गिरा देता है; बनाने वाले को कहते थे- मौत का सौदागर

25 नवंबर 1867। ये वो दिन था, जब दुनिया को खतरनाक विस्फोटक 'डायनामाइट' के बारे में पता चला था। डायनामाइट को बारूद भी कहते हैं। इसकी खोज मशहूर वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल ने की थी। वही अल्फ्रेड नोबेल, जिनके नाम पर हर साल शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। इसी डायनामाइट ने नोबेल को मशहूर किया और इसी की वजह से उन्होंने शांति का रास्ता चुना।

21 अक्टूबर 1833 को स्वीडन में अल्फ्रेड नोबेल का जन्म हुआ। इसी साल उनके पिता इमैनुएल दिवालिया हो गए। इमैनुएल रूस के पीटर्सबर्ग चले गए और वहां एक मैकेनिकल वर्कशॉप शुरू की। 9 साल बाद उनका पूरा परिवार पीटर्सबर्ग आ गया। अल्फ्रेड नोबेल 17 साल की उम्र में पेरिस पहुंचे। यहां से इटली, जर्मनी और अमेरिका गए। इटली में उनकी मुलाकात आसकानिया सुबरेरो से हुई। आसकानिया ने 1847 में नाइट्रोग्लिसरीन की खोज की थी।

नाइट्रोग्लिसरीन एक खतरनाक विस्फोटक था, लेकिन इसे लाने-ले जाने में काफी दिक्कत होती थी। इसलिए अल्फ्रेड और उनके पिता ने नाइट्रोग्लिसरीन पर काम शुरू किया। एक दिन जब अल्फ्रेड उस पर एक्सपेरिमेंट कर रहे थे, तभी उसमें विस्फोट हो गया और उनके भाई एमिल की मौत हो गई।

1866 में अल्फ्रेड ने एक्सपेरिमेंट के दौरान पाया कि एक महीन रेत, जिसे किएसेल्गुर्ह (Kieselguhr) कहते हैं, उसे अगर नाइट्रोग्लिसरीन में मिलाया जाए, तो इससे वह लिक्विड सॉलिड पेस्ट में बदल जाता है। बस यहीं से बना डायनामाइट। उन्होंने 25 नवंबर 1867 को डायनामाइट का पेटेंट कराया।

डायनामाइट का इस्तेमाल वैसे तो पत्थर तोड़ने, सुरंग खोदने, नहर बनाने, बिल्डिंग को ढहाने जैसे कामों में किया जाता है। लेकिन बाद में इसका दुरुपयोग भी होने लगा।

अल्फ्रेड नोबेल 5 भाषाएं जानते थे और उन्होंने अपने जीवन में 355 पेटेंट हासिल किए थे।

1888 में अल्फ्रेड के भाई लुदविग की मौत हो गई। तब एक फ्रेंच अखबार ने अनजाने में छाप दिया कि अल्फ्रेड नोबेल का निधन हो गया। इसके साथ अखबार ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें 'Merchant Of Death' यानी 'मौत का सौदागर' बताया।

इसी बात ने अल्फ्रेड को परेशान कर दिया और वो शांति के काम में लग गए। उन्होंने अपनी मौत के एक साल पहले वसीयत लिखी, जिसमें उन्होंने संपत्ति का सबसे बड़ा हिस्सा ट्रस्ट बनाने के लिए अलग कर दिया। 10 दिसंबर 1896 को उनकी मौत हो गई। उन्हीं के सम्मान में 1901 से हर साल 10 दिसंबर को नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है।

भारत और दुनिया में 25 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैंः

  • 1716: अमेरिका में पहली बार किसी शेर को प्रदर्शनी में रखा गया।
  • 1866: इलाहाबाद हाईकोर्ट का उद्घाटन।
  • 1930: जापान में एक ही दिन में भूकंप के 690 झटके रिकॉर्ड किए गए।
  • 1936: जर्मनी और जापान के बीच कोमिंटन (कम्युनिस्ट इंटरनेशनल) विरोधी समझौते पर हस्ताक्षर।
  • 1945: अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में आए बर्फीले तूफान के कारण हुई स्कूल बस दुर्घटना में 15 बच्चों की मौत हो गई।
  • 1948: भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की स्थापना हुई।
  • 1949: स्वतंत्र भारत के संविधान पर संवैधानिक समिति के अध्यक्ष ने हस्ताक्षर किए और इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया।
  • 1960: टेलीफोन की STD व्यवस्था का भारत में पहली बार कानपुर और लखनऊ के बीच प्रयोग किया गया।
  • 1965: फ्रांस ने अपना पहला सैटेलाइट लॉन्च किया।
  • 1973: ग्रीस में हफ्तों से फैली अशांति के बीच आज ही के दिन वहां की सेना ने तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज पापाडोपोलस का तख्ता पलट दिया था।
  • 2004: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कश्मीर फार्मूले को पाक-कश्मीर समिति ने खारिज किया।
  • 2013: इराक की राजधानी बगदाद के कैफे में हुए धमाके में 17 लोगों की मौत हो गई। 37 घायल हुए।


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