यह तस्वीर दिल्ली की नहीं, दक्षिण अमेरिकी देश पेरु की राजधानी लीमा की है। यहां के खेतिहर कामगार भी वहां के विवादित कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। इन्होंने करीब 300 किमी लंबा पैनामेरिकाना सुर हाईवे 5 दिनों से जाम कर रखा है। इससे यहां सैकड़ों गाड़ियां फंसी हैं।
अधिकतम सैलरी और लाभ में हिस्से की मांग: खेतिहर कामगारों का कहना है कि देश का कृषि कानून बेहद पुराना है। उन्हें अधिकतम सैलरी और खेती में लाभ का एक निश्चित हिस्सा मिलना चाहिए। पेरु में खेतिहर कामगारों को 39 हजार से 2.39 लाख रु. तक मासिक सैलरी मिलती है।
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