तिब्बत में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के अत्याचार दुनिया से छिपे नहीं हैं। वहां, लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सूचना के अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता जैसे अधिकारों से वंचित किया जाता है। इस मुश्किल परिस्थिति से बाहर आने के लिए अब तिब्बत के लोग अनोखा तरीका अपना रहे हैं। वे अब अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाते हैं और इसके जरिए वे बातें एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं। यह खुलासा ताइवान टाइम्स की रिपोर्ट में किया गया है।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी इंटरनेट पर सेंसरशिप लगाती है। तिब्बत सहित कब्जा किए गए कई इलाकों में पार्टी फेशियल रिकग्नीशन टेक्नोलॉजी और जीपीएस का बेजा इस्तेमाल कर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखती है। तिब्बत के अलावा पूर्वी तुर्कीस्तान, दक्षिणी मंगोलिया आदि इलाकों में भी उसका यही रुख है। इसके अलावा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सीसीपी से जुड़े अकाउंट के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाने का काम किया जाता है। वे उस तरह के कंटेंट पर हमला करते हैं जो चीन की सरकार की आलोचना में होते हैं। इसके अलावा वे यह भी दुष्प्रचार कर रहे हैं कि अमेरिका अब चीन के खिलाफ जैविक युद्ध लड़ रहा है।
इन सब के बावजूद तिब्बत के लोग अपने स्तर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाकर अपनी राय, खबरें और फोटो शेयर करते हैं। इनके प्लेटफॉर्म बहुत ज्यादा एडवांस्ड भले न हों, लेकिन मकसद पूरा करने के काम आते हैं। चीनी सरकार लगातार ऐसे प्लेटफॉर्म का पता लगाने और फिर उन्हें बंद कराने का काम करती है। इसके बावजूद हाल ही में तिब्बत के अंदर 156 सोशल मीडिया एक्टिविट्स की बातें जमकर शेयर हुईं। इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने अपने अनुभव स्थानीय सोशल मीडिया पर शेयर किए। इनके अलावा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर तिब्बत के लोगों को बीच होने वाली चर्चाओं की तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं।
गायकों और गीतकारों को भी गिरफ्तार कर रही चीन की सरकार
तिब्बती लोगों की आवाज दबाने के लिए सीसीपी ने इस साल लहासा में 10 स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया। उनके ऊपर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया गया। इससे पहले जुलाई में तिब्बती गीतकार खादो सेतन और गायक सेगाओ को क्रमशः सात और तीन साल की सजा सुनाई गई। इन्हें बिना ट्रायल के सजा सुनाई गई। सीसीपी का कहना है कि वे देश के कानूनों का उल्लंघन कर रहे थे और लोगों को भड़का रहे थे। इसके अलावा एक लड़की को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर गाना शेयर किया था।
गायकों और गीतकारों को भी गिरफ्तार कर रही चीन की सरकार
तिब्बती लोगों की आवाज दबाने के लिए सीसीपी ने इस साल लहासा में 10 स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया। उनके ऊपर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया गया। इससे पहले जुलाई में तिब्बती गीतकार खादो सेतन और गायक सेगाओ को क्रमशः सात और तीन साल की सजा सुनाई गई। इन्हें बिना ट्रायल के सजा सुनाई गई। सीसीपी का कहना है कि वे देश के कानूनों का उल्लंघन कर रहे थे और लोगों को भड़का रहे थे। इसके अलावा एक लड़की को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने सोशल मीडिया पर गाना शेयर किया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2La72nj
via IFTTT
0 comments:
Post a Comment