शाम के 5 बजे हैं। भारत-पाक सीमा पर मौजूद डेरा नानक बाबा में चहल-पहल है। सफेद मार्बल से बने गुरुद्वारे में सफाई का काम चल रहा है। विदेशी श्रद्धालु व स्थानीय भारत की तरफ जाने वाले रास्ते को सूना देख दुखी हैं। कोरोना की वजह से भारत ने श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा रखी है। यह तीर्थस्थल अमृतसर से 4.7 किमी दूर है।
हालांकि, भारत द्वारा यात्रा पर रोक लगाए जाने से स्थानीय सिख समुदाय में नाराजगी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी बताते हैं कि सिख समुदाय की मांग पर बीते साल गुरुनानक जी के 550वीं जयंती पर कॉरिडोर खोला था। उन्होंने कहा, श्रद्धालुओं को भेजने का फैसला भारत सरकार करेगी। हमारी ओर से कोई रोक नहीं है।
चारों ओर पसरा है सन्नाटा
करतारपुर कॉरिडोर के चारों ओर सन्नाटा पसरा है। श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे में दाखिल होने से पहले 5 चेक पाॅइंट से गुजरना होता है। अधिकारी सभी श्रद्धालुओं के डॉक्यूमेंट जांचते हैं। हर श्रद्धालु को गुरुद्वारे में जाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक परमिशन कार्ड देते हैं। गुरुद्वारे के अंदर बड़े से आंगन में मॉर्बल से बनी तीन बिल्डिंग हैं। इनमें से एक बाबा गुरुनानक का समाधि स्थल है। बाकी दो में गुरुद्वारा और लंगर स्थल है।
श्रद्धालु बोलीं- प्रार्थना है कि दोनों देश अच्छे पड़ोसियों की तरह रहें
करतारपुर आईं वीरपाल कौर दुबई में रहती हैं। भारत और पाक के संबंधों पर कौर कहती हैं, ‘मैं सियासी बात नहीं करना चाहती। हालांकि, मैं नानक साहब से प्रार्थना करती हूं कि एक दिन दोनों देश अच्छे पड़ोसी की तरह रहने लगेंगे। अन्य देशों में दोनों देशों के लोग दोस्त की तरह रहते हैं।’
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