पिछले साल की शुरुआत में कोरोना ने दस्तक दी। इससे पहले कि दुनिया इसे थोड़ा-बहुत समझ पाती, यह कोने-कोने में फैल गया। मार्च आते-आते भारत में भी इसने पैर पसार लिए। इसका कारण और इलाज तब-तक किसी के पास नहीं था। डॉक्टरों ने बताया कि इम्यून सिस्टम जितना स्ट्रॉन्ग रहेगा, हम कोरोना से उतना ही सुरक्षित रहेंगे।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए डॉक्टरों ने विटामिन-C लेने की सलाह दी। लोगों ने सप्लीमेंट, फलों, सब्जियों समेत विटामिन युक्त चीजों को खूब खाया। लेकिन, अब अमेरिका के एक्सपर्ट्स का कहना है कि जरूरत से ज्यादा विटामिन-C बैक-फायर यानी नुकसान कर सकता है।
रायपुर में डायटीशियन डॉ. निधि पांडे कहती हैं कि सप्लीमेंट या दवाइयों के फॉर्म में विटामिन-C का ज्यादा सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं है। यह न केवल हमारे डाइजेशन पर बुरा असर डालता है बल्कि इसके और भी कई नुकसान हैं।
ज्यादा विटामिन-C के सेवन हो सकते हैं ये 4 नुकसान
- जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है आयरन, हो सकती हैं दूसरी बीमारियां
विटामिन-C आयरन का सबसे अच्छा स्रोत है, इसमें आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। आयरन शरीर के लिए बहुत जरूरी तो है, लेकिन अगर यह ज्यादा हो जाए तो कई बीमारियों की वजह बनता है। आयरन की अधिकता होने से शरीर के इंटरनल ऑर्गन डैमेज होते हैं। साथ ही ब्रेन पर भी बुरा असर पड़ता है। - किडनी खराब होने का खतरा
विटामिन-C के ज्यादा सेवन से किडनी पर असर बुरा असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक किडनी पर प्रेशर नॉर्मल से 40% ज्यादा तक बढ़ जाता है। ऐसे में किडनी डैमेज होने का जोखिम भी बना रहता है। साथ ही यह स्टोन यानी पथरी की वजह बन सकता है। - शरीर में हो सकता है न्यूट्रिएंट का असंतुलन
जरूरत से ज्यादा विटामिन-C के सेवन को लेकर जो सबसे बड़ी चिंता है, वह है शरीर में दूसरे न्यूट्रिएंट का असंतुलन या इम्बैलेंस होना। जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो यह शरीर की दूसरे न्यूट्रिएंट ऑब्जर्व करने की क्षमता को कम कर देता है। यानी शरीर दूसरे न्यूट्रिएंट को उतनी मात्रा में नहीं लेगा, जितने की जरूरत होती है। इसके चलते शरीर में पोषक तत्व असंतुलित हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, विटामिन-C शरीर में विटामिन B-12 और तांबे के स्तर को कम कर सकता है। - इनसोम्निया की वजह बन सकता है
विटामिन-C एक ऐसा न्यूट्रिएंट है जो शरीर के इम्यून सेल को बहुत एक्टिव कर देता है। यानी शरीर एक्टिव रहता है, थकान नहीं होती। इसके अलावा भी यह कई मायनों में हमें एक्टिव रखता है। लेकिन, जब इसका स्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है तो यह रात में शरीर को सोने के मोड में जाने से रोकता है। यानी ज्यादा विटामिन-C इनसोम्निया की वजह बन सकता है।
अगर सप्लीमेंट के फॉर्म में ले रहे हैं तो यह ज्यादा खतरनाक
- अगर आप दिन में दो संतरे या दो नींबू ले रहे हैं तो यह आपके शरीर में एक दिन के विटामिन-C के लिए बहुत है। लेकिन क्या आपको पता है कि विटामिन-C के सप्लीमेंट में इसकी मात्रा कितनी होती है? डॉ. निधि बताती हैं कि टैबलेट और पावडर की फॉर्म में दुकानों पर उपलब्ध विटामिन-C सप्लीमेंट की आधी टैबलेट या पावडर का आधा चम्मच हमें दो संतरे से कहीं ज्यादा विटामिन-C देता है। अब आप सोचिए कि कहीं आप उनमें से तो नहीं, जो इस तरह के सप्लीमेंट रोज या दिन में दो बार लेते हैं? अगर ऐसा है तो इन्हें लेना आज ही बंद कर दें।
- एक्सपर्ट्स के मुताबिक सप्लीमेंट के फॉर्म में लिये जाने वाले विटामिन-C में दवाइयों को प्रिजर्व करने वाले केमिकल्स का भी इस्तेमाल होता है। ये हमारी किडनी पर प्रेशर डालते हैं। इसके अलावा कलर और फ्लेवर भी इनमें डाला जाता है। सप्लीमेंट के फॉर्म में विटामिन-C का सेवन फायदे से ज्यादा नुकसानदेह है।
एक लिमिट में नेचुरल विटामिन-C जरूरी
- डॉ. निधि पांडे कहती हैं कि न केवल बेहतर इम्यून सिस्टम, बल्कि मजबूत आई साइट के लिए भी विटामिन-C जरूरी है। विटामिन-C युक्त फलों और सब्जियों को इग्नोर करना भी कतई ठीक नहीं है। हम नेचुरल सोर्स से रोज एक लिमिट में विटामिन-C ले सकते हैं।
- डॉ. निधि कहती हैं कि विटामिन-C युक्त ज्यादातर चीजें या तो खट्टी होती हैं या फिर खट्टी-मीठी, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर खट्टी या खट्टी-मीठी चीज में विटामिन-C हो। उदाहरण के तौर पर विनेगर भी खट्टा होता है, लेकिन उसमें एसेटिक एसिड पाया जाता है जो विटामिन-C नहीं है। जबकि विटामिन-C में साइट्रिक एसिड पाया जाता है।
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