Tuesday, 2 June 2020

44 डिग्री में एक घड़े पानी के लिए घंटाें इंतजार, ट्रेनें शुरू होते ही सोशल डिस्टेंसिंग भूले लोग,

तस्वीर राजस्थान के पाली की है। यहां44 डिग्री तापमान के बीच राेहट के 20 से ज्यादा गांवों में लाेग एक घड़े पानी के लिए घंटाें टैंकर का इंतजार करते हैं। भास्कर के दाे रिपाेर्टर ने राेहट क्षेत्र में 90 किमी का सफर कर हालात जाने ताे प्यास का यह दिल दहला देने वाला भूगाेल सामने आया, पहले टिड्डी से फसलाें को चट होते देखा, अब कोरोना की लड़ाई में पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे, सिस्टम की नाकामी, 2000 लोगों की बस्ती में भेज रहे 20 हजार लीटर पानी का एक टैंकर।

पानी के लिए परेशान हो रही एशियाई खेलाें की गाेल्ड मेडलिस्ट

तस्वीर गुजरात के ‘चेरापूंजी’ कहलाने वाले आदिवासी बहुल डांग के कराडीआंबा गांव की है, जो भारी जलसंकट की चपेट में हैं। कराडीआंबा गोल्डगर्ल और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धावक सरिता गायकवाड़ का गांव है। सरिता 2018 के एशियाई खेलाें की गाेल्ड मेडल विजेता और गुजरात सरकार के पाेषण अभियान की ब्रांड एंबेसडर हैं। डांग में हर मानसून में 100 इंच से अधिक बारिश होती है। इसके बावजूद पेयजल संकट इतना गहरा है कि सरिता सहित तमाम ग्रामीणों को पेयजल की जुगाड़ के लिए एक किमी दूर कुएं से पानी लाने जाना पड़ता है।

लॉकडाउन में बीना जंक्शन ने बचाया 6.5 करोड़ लीटर पानी, नदी लबालब

तस्वीर मध्य प्रदेश के बीना की है। यहां शहर एवं बीना रेलवे जंक्शन की जीवनदायिनी कही जाने वाले बीना नदी हर साल मई माह तक सूखने लगती थी, लेकिन इस बार नदी लबालब है। इसका मुख्य कारण लॉकडाउन में ट्रेनें बंद होना है। दो माह ट्रेनें बंद होने से रेलवे नेकरीब साढ़े 6 करोड़ लीटर पानी की बचत की है। बीना स्टेशन से रोज करीब 125 ट्रेनें निकलती हैं। स्टेशन पर प्रतिदिन करीब 42 लाख लीटर पानी की खपत होती थी। लॉकडाउन के कारण 15 लाख लीटर प्रतिदिन पानी की खपत कम हुई। 45 दिनों तक 27 लाख लीटर पानी ही रेलवे ने लिया। इससे करीब साढ़े 6 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई। लॉकडाउन के बाकी दिनों में 4 मई से श्रमिक ट्रेनें चलने के कारण सप्लाई यथावत 42 लाख हो रही है।

सूखी बांडी नदी के गड्ढोंमें भरा गंदा पानी पीकर प्यास बुझा रहे ग्रामीण

तस्वीर राजस्थान के पाली की है । यहां जवाई बांध में पर्याप्त पानी होने के बाद भी पाइपलाइन से पानी की सप्लाई नहीं करने के कारण पानी की समस्या बनी हुई है। ऐसे में इन गांवों में ग्रामीण देश की सबसे प्रदूषित नदियों में शामिल बांडी नदी की खेलियों से रिस-रिसकर आने वाले पानी से प्यास बुझा रहे हैं।

किसी के लिए राहत तो किसी के लिए आफत बनकर बरसे बदरा

तस्वीर शिमला की है, यहांमंगलवार को अच्छी बारिश हुई। मौसम विभाग ने प्रदेश में आगामी चार से छह जून तक बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला से मिली जानकारी के मुताबिक चार जून को राज्य के मध्यम ऊंचाई वाले और पांच से छह जून यानी लगातार दो दिनों तक पूरे प्रदेश में बारिश होगी। उसके बाद आठ जून से समूचे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। मंगलवार को भी राजधानी शिमला समेत राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश हुई। शिमला में दिन भर बादल छाए रहे। दाेपहर बाद हल्की बारिश हुई। शिमला में अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

बिजली लाइव: गुजरात में कैमरे में कैद हुई गिरती बिजली, पेड़ से निकलीं चिंगारियां

तस्वीर गुजरात के पालीताणा की है। मंगलवार को शहर के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में तेज गर्ज ना के साथ आसमानी बिजली गिरी। यह कुदरती कोप इतना तेज था कि इस पेड़ पर बिजली गिरते ही आग लग गई। उससे
चिंगारियां निकलने लगीं। शुक्र रहा कि हादसे में किसी की जान नहीं गई।

गर्मी से इन्हें भी राहत: सरथाणा जू में मौसमी फलआम खाते दिखे ऊदबिलाव

तस्वीर गुजरात के सूरत की है। यहांभीषण गर्मी के बाददो दिन से शहर के मौसम में बदलाव देखने को मिला। आसमान में बादल छाए रहने और तापमान में भी कमी आई। मौसम में ठंडकहोने से इंसानोंको ही नहीं जानवरों को भी राहत मिली है। मंगलवार को सरथाणा जू मेंतालाब में तीन ऊदबिलाव आम खाते दिखे।

मौसम ठंडा हुआ तो पेड़ पर आराम फरमाता नजर आया तेंदुआ

तस्वीर गुजरात के सूरत की है।लगातार आग बरसा रहे आसमान ने पिछले दो दिनों में कुछ नरम रुख अख़्तियार किया। इस कारणमौसम में खासा बदलाव महसूस किया गया। गर्मी की मार झेल रहे लोगों ने सुकून भरी सांस ली। तापमान में गिरावट आने से मौसम में हल्की ठंडक महसूस की गई। इस दौरान जानवरों ने भी मौसम का भरपूर आनंद लिया। मंगलवार को सरथाणा जू में एक तेंदुआ पेड़ पर सोता दिखा नजर आया।

अपने पैर पर मार रहे कुल्हाड़ी,जनशताब्दी में टूटे नियम, नहीं दिखी दूरी

तस्वीर चंडीगढ़रेलवे स्टेशन की है। यहां से मंगलवार को 70 दिन के बाद पहली बार दिल्ली के लिए जनशताब्दी एक्सप्रेस रवाना हुई। पहले दिन दिल्ली की ट्रेन शुरू हाेने से यात्रियाें के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। लेकिन बाहर मारामारी रही, अंदर भी दो गज की दूरी का पालन नहीं किया गया। कोच फुल थे और लाेग एक दूसरे से सटकर बैठे हुए थे। 16 मिनट की देरी से दिल्ली रवाना हुई ट्रेन में 427 पैसेंजर गए।

अंधविश्वास आपको खतरे में डाल सकता है

तस्वीर झारखंड के गढ़वा की है।मेराल प्रखंड के कई गांवों में अफवाह उड़ गई कि छठ की तरह सूर्योपासना करने से कोरोना से बचाव होगा। सिर्फ यही नहीं, अगर आधार कार्ड लेकर पूजा करेंगे तो सरकार इसकी मानिटरिंग कर पाएगी और सरकारी मदद भी मिलेगी। अफवाह ऐसी चली कि कई गांवों में महिलाएं वाकई में आधार कार्ड सामने रख जलाशयों के आगे सूर्य की उपासना करने इकट्‌ठा हो गईं। मगर जिस महामारी से बचने के लिए पूजा होनी थी, उससे बचाव का मूल मंत्र यानी सोशल डिस्टेंसिंग ही लोग भूल गए। यानी बीमारी से बचाव के बजाय उसके शिकार होने के ज्यादा करीब पहुंच गए।

दो जून की रोटी के लिए बाहर गए दो जून को घर वापस लौट, खुशी का ठिकाना नहीं

यह तस्वीर मोतिहारी की है।आंखों में सपने लिए अपने वतन से दूर जाकर दो वक्त की रोटी के लिए कितने प्रवासी दूसरे वतन में जाकर अपना जुगाड़ कर रहे थे। मगर कोरोना महामारी को लेकर सभी प्रवासी का सपना टूट गया। अपने वतन लौटने के लिए न जाने कितने प्रवासी को कितने कठिनाई का सामना करना पड़ा। अपने वतन लौटने पर प्रवासी के साथ साथ उनके बच्चे पे भी साफ खुशी दिख रहा थी।



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A pitcher in 44॰ waiting hours for water, people forget social distancing as soon as trains start


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