
बर्मिंघम की रहने वाली 106 साल की परदादी कोनी टिट्चेन, जो ब्रिटेन में कोविड से ठीक होने वाली सबसे बुजुर्ग महिला भी हैं, कोरोना को हराने वाले योद्धाओं में शामिल हो गई हैं। बुधवार को जब उन्हें बर्मिंघम सिटी हॉस्पिटल से छुट्टी दी गई, तो पूरा स्टाफ तालियां बजाते हुए उन्हें विदाई देने लॉबी में आया।
कोनी से जब पूछा गया कि उन्हें अब कैसा लग रहा है, तो उनका कहना था- ‘मैं लकी हूं जो कोरोना को हरा सकी, परिवार से मिलने के लिए बेचैन हूं और कुछ अच्छा खाना चाहती हूं क्योंकि मुझे भूख लगी है।’
दादी हमेशा से ही एक्टिव रही हैं- पोती
उनकी पोती एलेक्स जॉन्स बताती हैं ‘दादी हमेशा से ही एक्टिव रही हैं। वे अक्सर अपने लिए खाना भी बनाती हैं। उन्हें डांस करना, साइकिल चलाना और गोल्फ खेलना भी पसंद है।’ 1913 में जब टि्टचेन का जन्म हुआ था, तब ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम थे। उन्होंने 1917 की रूसी क्रांति भी देखी और दोनों विश्वयुद्ध भी, अब कोविड 19 को हराने के बाद टि्टचेन योद्धा बन गई हैं। उन्हें मार्च में भर्ती किया गया था।
भारतीय मूल की महिला ठीक हुई, तो अस्पताल में जश्न
इधर, साउथ लंदन हॉस्पिटल ने भी अपने आईसीयू से ठीक होकर निकली पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज को कोनी जैसी ही विदाई दी। 51 साल की जोथी केसावन के डिस्चार्ज पर हॉस्पिटल स्टाफ ने लॉबी में खड़े होकर उन्हें विदाई दे रहा है। केसावन को 17 मार्च को कोविड पॉजिटिव पाए जाने पर भर्ती किया गया था। बाद में उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था।
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