Wednesday 22 April 2020

ये 10 एप्स घर बैठे ऑनलाइन इलाज करवाने और फिट रहने में कर सकते हैं आपकी मदद

कोरोनावायरस के डर ने इन दिनों सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए भी डॉक्टर के पास जाना मुश्किल कर दिया है। ऐसे में टेलीमेडिसिन यानी ऑनलाइन माध्यमों से डॉक्टर से इलाज करवाने के ट्रेंड के बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मौजूदा महामारी को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा टेलीमेडिसिन अपनाने की सलाह दी है, ताकि अस्पतालों में भीड़ कम हो सके। अमेरिका में तो अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कोविड-19 में टेलीमेडिसिन से हुए इलाज के दावे भी स्वीकारने लगी हैं।

इस बीच, भारत में अब टेलीमेडिसिन का ट्रेंड जोर पकड़ने के आसार हैं। वहीं, लॉकडाउन की वजह से जिम बंद होने और घर से बाहर जाने पर लगी रोक की वजह से फिटनेस एप्स का इस्तेमाल भी बढ़ा है। मोबाइल मार्केट डाटा देने वाली फर्म एप-एनी की रिपोर्ट के मुताबिक,दुनिया में फिटनेस एप्स के डाउनलोड में 45% इजाफा हुआ है जबकि भारत में यह आंकड़ा 30% है। जानिए टॉप टेलीमेडिसिन और फिटनेस एप्स।

टॉप मुफ्त टेलीमेडिसिन एप्स
1. 1mg
दवाइयों की होमडिलीवरी करने वाली ये एप मुफ्त में ऑनलाइन डॉक्टर भी उपलब्ध करवाती है। आप डॉक्टरों से प्राइवेट चैट से सलाह ले सकते हैं। अपॉइंटमेंट लेने की सुविधा भी है।
2. Aayu
इस एप पर सभी तरह के रोगों के लिए 1000 से भी ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं। इस पर पूरे परिवार के मेडीकल रिकॉर्ड्स भी रखे जा सकते हैं, साथ ही डॉक्टर का पर्चा भी मिलता है।
3. mfine
यह एप 25 से ज्यादा स्पेशिएलिटीज से जुड़े डॉक्टरोंसे मरीजों को जोड़ती है। इसके लिए चैट, ऑडियो और वीडियो कॉल की सुविधा देती है। हालांकि, इसमें डॉक्टर की फीस देनी होती है।
4. Practo
इस पर डॉक्टर्स से अपॉइंटमेंट लेने के अलावा 24 घंटे, सातों दिन डॉक्टरों से चैट करकेकंसल्ट करने की सुविधा है। अपना डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड भी रख सकते हैं।
5. DocsApp
एक बार कंसल्टेशन फीस देकर चैट, ऑडियो/वीडियो कॉल से डॉक्टर से बात कर सकते हैं। डॉक्टर की बताई दवाओं कीहोम डिलीवरी भी होती है।

टॉप हेल्थ एंड फिटनेस एप्स
1. Home Workout

इसमें बताई गई एक्सरसाइज के लिए किसी इक्विपमेंट की जरूरत नहीं है। जुलाई 2020 तक इसमें सभी प्रीमियम वर्कआउट मुफ्त में दिए जा रहे हैं। वार्मअप और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी दी गई हैं।
2. Cure.fit
इस एप पर ऑनलाइन वर्कऑउट्स, योग, मेडिटेशन, हेल्थ फूड के अलावा टेली-कंसल्टेशंस की सुविधा भी उपलब्ध है। कई हेल्दी रेसीपीज भी दी गई हैं।
3. Lose Weight
यह एप वजन कम करने से जुड़े वर्कआउट बताती है। इस पर आप वजन हिसाब रख सकते हैं। साथ ही देख सकते हैं कि कितनी कैलोरीज बर्न कीं। वर्कआउट के लिए एनीमेशन वीडियोज भी उपलब्ध हैं।
4. HealthifyMe
यह एप पर्सनल डाइन प्लान बनाने और उसे ट्रैक करने में मदद करती है। इसमें एआई पॉवर्ड न्यूट्रीशनिस्ट भी है, जिससे कभी भी डाइट संबंधी सवाल पूछ सकते हैं।
5. Google Fit
गूगल का यह एप फोन और स्मार्टवॉच से वर्कआउट को ट्रैक करने और अपने फिटनेस गोल तय करने में मदद करता है। इसे कई दूसरी एप्स से भी जोड़ा जा सकता है।

50 साल पहले शुरू हुआ था टेलीमेडिसिन का ट्रेंड
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 1970 के दशक में पहली बार सामने आए इस शब्द का मतलब है, ‘दूर से इलाज करना’। यानी हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स द्वारा इंफॉर्मेशन और कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बीमारी और चोट पहचानना, इलाज करना और रोकथाम करना। आमतौर पर टेलीमेडिसिन के तीन स्तर माने जाते हैं। ग्लूकोमीटर या ब्लड प्रेशर मानीटर से मिले रियल-टाइम डेटा के आधार पर वॉइस कॉल, वीडियो कॉल्स या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से रोग की पहचान करना।

भारत में ट्रेंड कम, फिर भी टॉप 10 मार्केट्स में शामिल
मैककिंसी डिजिटल इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीमेडिसिन मॉडल में यह क्षमता है कि वह अभी डॉक्टरों से व्यक्तिगत रूप से मिलने जा रहे आधे मरीजों को संभाल सके। अब तक हुए टेलीमेडिसिन ट्रायल्स से साबित हुआ है कि खुद जाकर डॉक्टर को दिखाने की तुलना में रिमोट कंसल्टेशन यानी घरे बैठे डॉक्टर को दिखाने खर्चा 30% तक कम हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक टेलीमेडिसिन इंडस्ट्री 405 अरब रुपए की इंडस्ट्री हो जाएगी। भारत अभी टेलीमेडिसिन के टॉप 10 मार्केट में है।

सरकार ने टेलीमेडिसिन के लिए गाइडलाइन दी
भारत सरकार ने पिछले महीने ही पहली बार टेलीमेडिसिन को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक, टेलीमेडिसिन के माध्यम से केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर ही इलाज कर सकते हैं। ये वीडियो, टेक्स्ट मैसेज, ईमेल और ऑडियो कॉल जैसे माध्यमों का इस्तेमाल कर सकते हैं। गाइडलाइन आने का फायदा यह हुआ है कि जिन डॉक्टरों को टेलीमेडिसिन में अपनीसेवाएं देने में कानूनी पचड़ों में फंसने की आशंका होती थी, वे भी अब यह सेवा मरीजों को खुलकर दे सकेंगे। इसके अलावा कई स्टार्टअप्स के रास्ते भी खुलेंगे।



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एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में फिटनेस एप्स के डाउनलोड में 45% इजाफा हुआ है जबकि भारत में यह आंकड़ा 30% है। -प्रतीकात्मक फोटो


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