शरद पाण्डेय.लॉकडाउन की वजह से जनजीवन भले पूरी तरह ठप हो, लेकिन इसका दूसरा फायदा यह हुआ कि वाहनों के रोड पर न आने से सड़क हादसों में कमी आई है। इस वजह से 12 हजार से अधिक लोगों की जान बच गई हैै। सेव लाइफ फाउंडेशन के अनुसार इस दौरान सौ के करीब लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है।
सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, देशभर में औसतन रोज करीब 415 और हर महीने 12,450 लाेगोंं की मौत होती है। लेकिन लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर सिर्फ जरूरी समान ढो रहे वाहन ही चल रहे हैं। सेव लाइफ फाउंडेशन के अनुसार एक माह में देशभर मेें हुए सड़क हादसों में 117 लोगों की मौत हुई है, यानी एक माह में 1% से अधिक लोगों ने जान गंवाई है।
यह आंकड़ा और भी कम होता, लेकिन कुछ राज्यों में लॉकडाउन की शुरुआत में घर लौट रहे प्रवासी मजदूर वाहनों की चपेट में आए थे। फाउंडेशन के सीईओ पीयूष तिवारी ने बताया कि जिन हादसों की पुलिस रिपोर्ट दर्ज है, उन्हीं को शामिल किया गया है। इस दौरान हादसों का कारण सड़कें खाली होना है। जरूरी सामान ढो रहे वाहनों के चालक स्पीड से गाड़ी चलाते हैं, जिससे असंतुलित होकर वाहन टकरा रहे हैं।
(इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान असम, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली, नगालैंड, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में मौत के आंकड़े दर्ज किए।)
स्रोत : प्रति माह औसत आंकड़े सड़क परिवहन मंत्रालय, लॉकडाउन के दौरान आंकड़े सेव लाइफ फाउंडेशन
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