(डूंगरसिंह राजपुरोहित)कोरोना का तोड़ है- क्वारैंटाइन। राजस्थान के 7 कलेक्टरों ने इसे बखूबी समझ लिया और इन शहरों की करीब 90 फीसदी तक आबादी को क्वारैंटाइन कर दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि कोरोना बेकाबू नहीं हो सका। ये 7 शहर हैं- डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, करौली, नागौर, पाली, सवाई माधोपुर।डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, पाली और कराैली तो कोरोनामुक्त हो चुके हैं। यहां अब एक भी रोगी नहीं है। सवाई माधाेपुर में सबसे अंत में कोरोना ने दस्तक दी। यहां अब तक कुल 8 रोगी ही हैं, जिनमें 5 तो एक ही दिन में आए थे।
उदयपुर में एक महीने पहले दो दिन में 4 रोगी आए थे, उसके बाद से कोई नया रोगी नहीं आया। नागौर में बासनी और परबतसर थाने और लाडनूं के अलावा जिला मुख्यालय में एक भी पॉजिटिव नहीं है। उदयपुर ने तो प्रदेश में सबसे अधिक 82 हजार लोगों को होम क्वारैंटाइन कर दिया, जो रिकाॅर्ड है।
बड़े शहरों में क्वारैंटाइन किए लोगों की संख्याछोटे जिलों की चौथाई तक नहीं
वहीं, कोरोना के एपि सेंटर बन चुके जयपुर, जोधपुर और कोटा जैसे बड़े शहरों में क्वारैंटाइन किए लोगों की संख्या डूंगरपुर, पाली, करौली जैसे छोटे जिलों की भी चौथाई तक नहीं है। लिहाजा पाॅजिटिव केस आने पर संदिग्धों को घरों में बंद न किए जाने का नतीजा यह रहा कि जयपुर में 740, जोधपुर में 307 और कोटा में 122 केस हो गए।
राजस्थान 24-25 अप्रैल को अपने छात्रों को घर भेज देगा
घर वापसी के लिए कोटा में मौजूद बिहार के कोचिंग छात्रों ने अनशन शुरू किया है। बिहार के सीएम नीतीश काेटा से बच्चाें काे उनके राज्याें में भेजने का विराेध जता चुके हैं और वे अपने राज्य के बच्चाें काे बुलाने को तैयार नहीं हैं। अब कोचिंग स्टूडेंट्स ने अनशन की राह अपनाई है। वहीं, राजस्थान सरकार प्रदेश के छात्रों को 24 व 25 अप्रैल को घर भेजेगी। 25 अप्रैल को सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और अजमेर के लिए बसें रवाना होंगी। बाकी सभी जिलाें के बच्चे 24 अप्रैल काे रवाना कर दिए जाएंगे।
सरकारी क्वारैंटाइन में 2885 और आइसोलेशन में 253 हैं
जयपुुर में 40 लाख आबादी है और केवल 17,647 लोगों को होम क्वारैंटाइन किया गया है। सरकारी क्वारैंटाइन में 2,885 और आइसोलेशन में 253 हैं। प्रदेश के सबसे ज्यादा 737 रोगी जयपुर में ही हैं। जोधपुर की आबादी 10.33 लाख है, लेकिन 1,464 लोगों को ही होम क्वारैंटाइन किया गया है। सरकारी क्वारैंटाइन में 1,561 और आइसोलेशन में 314 हैं। कोटा की आबादी भी 10.01 लाख है लेकिन वहां 2,509 ही होम क्वारैंटाइन किए गए। सरकारी क्वारैंटाइन 55 और आइसोलेशन में सिर्फ 120 ही है।
ये 7 शहर बने मिसाल... डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, करौली, नागौर, पाली, सवाई माधोपुर। क्योंकि यहां सबसे ज्यादा क्वारैंटाइन हैं।
शहर | आबादी | होम क्वारैंटाइन |
उदयपुर | 4.74 लाख | 81114 |
चित्तौड़गढ़ | 4.74 लाख | 46302 |
डूंगरपुर | 47 हजार | 37813 |
पाली | 2.30 लाख | 37640 |
नागौर | 1.11 लाख | 34422 |
करौली | 82960 | 32482 |
सवाई माधोपुर | 1.21 लाख | 23019 |
अजमेर से सबक... सर्वे करते तो 85 रोगी नहीं बढ़ते
अजमेर में 10 दिन पहले तक 20 हजार से अधिक लोग क्वारैंटाइन किए गए। तब तक यहां हालात नियंत्रण में थे, लेकिन जैसे ही सर्वे रोका तो अचानक कोरोना भड़क गया और पिछले पांच दिन के अंदर ही 85 से अधिक केस आने से आंकड़ा बढ़कर 104 हो गया।
भीलवाड़ा में क्वारैंटाइन करने वालों की संख्या 15 जिलों से कम
भीलवाड़ा भले ही एक ही अस्पताल के सारे कोरोना पेशेंट मिलने और एरिया विशेष पर फोकस करके हालात नियंत्रण में लाने में काफी हद तक सफल रहा और देशभर के लिए मॉडल बन गया। लेकिन, हकीकत यह है कि भीलवाड़ा में होम क्वारैंटाइन किए जाने वाले लोगों की संख्या 15 जिलों से कम है। भीलवाड़ा में कुल 11036 क्वारैंटाइन किए गए।
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