Saturday 25 April 2020

कोरोनावायरस टेस्ट के मामले में भारत पाकिस्तान और श्रीलंका से भी पीछे, स्थिति सुधरे इसलिए आएंगी एक करोड़ जांच किट

पवन कुमार/विनोद यादव.सरकार का लक्ष्य मई अंत तक प्रतिदिन एक लाख मरीजों की जांच करने का है। बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या हम इस लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे? क्योंकि, अभी हम प्रतिदिन करीब 30 हजार जांच ही कर पा रहे हैं। इस समय कोरोना संक्रमित देशों की संख्या करीब 213 है। इन देशों में प्रति दस लाख आबादी के हिसाब से भारत सिर्फ 33 देशों से ज्यादा टेस्ट कर रहा हैजबकि 38 देशों के जांच के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।

सार्क मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर कहते हैं कि हमारे यहां बहुत ही कम टेस्टिंग हो रही है। आज की स्थिति में कम से कम एक लाख टेस्ट रोज होने चाहिए। पिछले करीब डेढ़ माह में आईसीएमआर में 82 कंपनियों ने आरटी-पीसीआर किट सत्यापित करवाने के लिए आवेदन किया है। इनमें 17 कंपनियों को वैलिडेट किया गया है। इनकी मशीन और किट के परिणाम सही हैं।

मई की शुरुआत में किट मिलनी शुरू हो जाएंगी

वहीं, दूसरी तरफ जांच का दायरा बढ़ाते हुए आईसीएमआर ने 1.07 करोड़ आरटी-पीसीआर टेस्ट किट का टेंडर निकाला है। इसमें 52.25 लाख वीटीएम किट, 25 लाख रीयल टाइल पीसीआर कॉम्बो किट, 30 लाख आरएनए एक्सट्रेक्शन किट शामिल हैं। ये किट मई की शुरुआत में मिलनी शुरू हो जाएंगी।

डॉ. डैंग के मुताबिक, करीब 700 करोड़ रु. खर्च होने का अनुमान

डैंग लैब के प्रमुख डॉ. नवीन डैंग के अुनसार, एक वीटीएम किट की कीमत 250-500 रु., आरटी-पीसीआर के एक किट की कीमत 1000-1500 रु., आरएनए एक्सट्रेक्शन किट की कीमत 300-700 रु. होती है। करीब 700 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

देश में दो तरह के टेस्ट हो रहे हैं, आरटी-पीसीआर टेस्ट से संक्रमण का पता चलता है

  1. आरटी-पीसीआर टेस्ट: यह बताती है परिणाम:कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या निगेटिव, यह आरटी-पीसीआर जांच से पता चलता है। इसमें सैंपल लेने की स्ट्रिप के अलावा कई तरह के रीएजेंट्स का इस्तेमाल होता है। पूरी प्रक्रिया में करीब 5 घंटे लगते हैं।
  2. रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट: सिर्फ सर्विलांस के लिए है :यह स्ट्रिप की मदद से किया जाता है। इसका परिणाम केवल 15 मिनट में आ जाता है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. गंगा खेडकर का कहना है कि यह टेस्ट सिर्फ किसी इलाके में सर्विलांस करने के लिए है।

आरटी-पीसीआर किट से टेस्ट ऐसे होता है-बता रहे हैं मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर यूनिट हेड डॉ. प्रशांत बोराडे-

  1. पहले वीटीएम से नमूने लेते हैं:पहले एक ट्यूब की मदद से गले या नाक के पिछले हिस्से से टेस्टिंग के लिए स्वैब लिया जाता है।यहां इस ट्यूब को 20 सेकंड तक रखा जाता है। स्वैब वाली स्ट्रिप और नमूनों को रखने वाले बक्से को वीटीएम यानी वायरस ट्रांसमिशन मीडिया कहते हैं।
  2. फिर आरएनए निकालते हैं:इसके बाद आरएनए यानी (राइबोन्यूक्लिक एसिड) एक्स्ट्रैक्शन मशीन से सैंपल में से आरएनए निकालते हैं। इस मशीन की कीमत 40 लाख से एक करोड़ रुपए तक है। कई लैब्स में अभी ये महंगी मशीन नहीं है। ऐसे में उन्हें मैनुअल आरएनए निकालना पड़ता है।
  3. आरटी-पीसीआर मशीन से परिणाम:अब आरटी-पीसीआर मशीन में आरएनए डालते हैं। इसके साथ में कुछ रीएजेंट्स भी डाले जाते हैं। मशीन को करीब डेढ़ घंटे चलाते हैं। इसके बाद पता चलता है कि मरीज पॉजिटिव है या नहीं जबकि रैपिड टेस्ट किट के आधार पर मरीज को पॉजिटिव नहीं गिन सकते हैं।

इन दो बातों को भी जानिए:

  1. सस्ता हो सकता है कोरोना का टेस्ट:आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट बनाने वाली ह्यूवेल लाइफसाइंसेस की सीईओ रचना त्रिपाठी बताती हैं कि हमने जो किट बनाई है, उससे एक सैंपल की जांच करने में 900 से 1100 रु. लगेंगे। इसकी जानकारी भी सरकार को दी है। हम अधिकांश कंपोनेंट स्वयं बना रहे हैं।
  2. अब 352 लैब्स में हो रही है कोरोना जांच:आईसीएमआर के रिसर्च मैनेजमेंट, पॉलिसी प्लानिंग एंड बायोमेडिकल कम्युनिकेशन विभाग के हेड डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव कहते हैं कि अब 352 से अधिक लैब्स में जांच हो रही है। वहीं, दूसरी तरफ सरकार तैयारी में है कि जरूरत पड़ी तो दो शिफ्टों में भी लैब्स काम करेंगी।


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India surpasses Pakistan and Sri Lanka in coronavirus test compared to other countries, situation will improve so one crore test kit will come


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