Thursday 23 April 2020

अक्षय तृतीया, शुक्र-चंद्र और रोहिणी नक्षत्र का योग 23 वर्षों के बाद, गुरु भी अपनी नीच राशि में

रविवार, 26 अप्रैल को वैशाख मास की तृतीया तिथि है। इसे अक्षय तृतीया, आखा तीज कहा जाता है। इस साल आखा तीज पर स्वराशि शुक्र के साथ चंद्र और रोहिणी नक्षत्र का योग है। ये योग लाभदायी रहेगा। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्रदेव ही हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया पर शुक्र-चंद्र की युति वृषभ राशि में रहेगी। वृषभ शुक्र की राशि है और चंद्र की उच्च राशि है। इस दिन नक्षत्र भी रोहिणी भी रहेगा। ये योग 23 वर्षों के बाद बना है। 9 मई 1997 को भी ऐसे ही योगों में आखा तीज आई थी, उस समय गुरु भी नीच का यानी मकर राशि में ही था। इस तिथि पर दान करने का विशेष महत्व है।

रोहिणी नक्षत्र में अक्षय तृतीया शुभ रहेगी

पं. शर्मा के अनुसार अक्षय तृतीया पर अगर रोहिणी नक्षत्र ना हो तो बुरी शक्तियों का बल बढ़ता है, लेकिन इस साल अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इस नक्षत्र में चंद्र वृषभ राशि में होता है। वृषभ चंद्र की उच्च राशि है। चंद्र वनस्पतियों का स्वामी होने के साथ ही धन और मन का देवता भी है। अक्षय तृतीय को रोहिणी नक्षत्र होने से देश और विश्व के लिए आने वाला समय सुखदायक होने के योग हैं। विश्वभर में फैली हुई महामारी का प्रकोप का असर कम होने लगेगा। इस दिन शनि भी अपनी स्वंय की राशि में रहेगा। सूर्य और मंगल उच्च के रहेंगे। गुरु नीच का रहेगा।

स्वयं सिद्ध मुहूर्त है आखा तीज

हिन्दी पंचांग में चार स्वयं सिद्ध मुहूर्त बताए गए हैं। देवउठनी एकादशी, वसंत पंचमी और भड़ली नवमी के साथ ही अक्षय तृतीया को भी अबूझ मुहूर्त माना गया है। अक्षय का अर्थ है जिसका कभी क्षय ना हो, जो स्थाई रहे। इसी तिथि पर परशुरामजी का जन्म हुआ था। परशुरामजी चिरंजीवी हैं। उनकी आयु का क्षय नहीं होगा, इसीलिए इसे चिरंजीवी तिथि भी कहा जाता है। त्रेतायुग का आरंभ इस तिथि से हुआ था, इसकारण इसे युगादितिथि भी कहते हैं। चारों धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के पट इसी दिन से खुलते हैं, लेकिन इस साल कोरोनावायरस की वजह से बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। इस दिन किया गया दान, पूजन, हवन, दी गई दक्षिणा का फल अक्षय रहता है। भगवान नर-नारायण, हयग्रीव का जन्म भी इसी तिथि पर हुआ था। स्वयं सिद्ध मुहूर्त होने की वजह से इस दिन शुभ काम शुरू करना बहुत अच्छा माना जाता है।

इस तिथि पर दान जरूर करना चाहिए

अक्षय तृतीया पर किए गए दान का अक्षय पुण्य मिलता है। इस दिन जौ, गेहूं, चना, दही, चावल, फलों का रस, दूध से बनी मिठाई, सोना और जल से भरा कलश, अनाज आदि चीजों का दान करना चाहिए। अभी गर्मी का समय है, ऐसे में छाता और जूते-चप्पल का दान भी करना चाहिए। अक्षय पर पितरों के लिए विशेष पूजा-पाठ करनी चाहिए।



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Akshaya Tritiya 2020 26th April Durlabh Yog | Jupiter Transit (Guru Rashi Parivartan) In Makar, Chandra Shukra and Rohini Nakshatra Ka Yog After 23 Years


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