चीन ने कोरोनावायरस पर जीत हासिल करने की घोषणा कर दी है।वुहान में कामकाज भी शुरू हो गया है, लेकिन उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। यह खुलासा टेक्सास में रहने वाली पत्रकार ट्रेसी वेन लीयू ने वुहान में संक्रमण के शुरूआती दौर में काम कर चुके डॉक्टरों से बातचीत के बाद किया है।
लोगों को 8-8 घंटे इंतजार करना पड़ रहा था- डॉ. ली
वुहान के नंबर-4 हॉस्पिटल के डॉक्टर ली (बदला हुआ नाम) ने बताया, "सुबह हॉस्पिटल में देखा कि एक व्यक्ति फर्श पर पड़ा है। थोड़ी दूर एक और व्यक्ति पड़ा था और मुश्किल से सांस ले पा रहा था। एक युवा फोन पर लगभग चिल्लाते हुए मदद मांग रहा था। हर तरफ मरीज और उनके परिजन थे। पूरा फ्लोर कचरे, खून, उल्टी और थूक से भरा था। लोगों को 8-8 घंटे इंतजार करना पड़ रहा था। इस दौरान कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े। कईमौत के करीब पहुंचे और कई लोगों की मौत भी हो गई।"
कर्मचारी शवों को बैग में भरकर ट्रक में फेंकते थे- डॉ. ली
डॉ. ली ने बताया, " लोगों की मौत सेगुस्साए लोग डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करने लगे। कपड़े, मास्क फाड़ने लगे। वे कहते थे- अगर बीमार होंगे, तो साथ में और मरेंगे तो भी साथ में। हमारे पास न तो पर्याप्त मैन पावर था और न ही उपकरण। हम लोगों की मदद के लिए संघर्ष कर रहे थे। शुरू में ही कई लोगों की मौत हो गई। अस्पताल से वैन में भरकर लाशें जाने लगीं। बाद में तो कार्गो ट्रक का इंतजाम करना पड़ा। कर्मचारी शवों को बैग में भरकर ट्रक में फेंकते थे।"
डॉ. ली के मुताबिक,"कोरोना ने हमें मानसिक रूप से भयानक झटका दिया है। न खा सकते हैं और न सो सकते हैं। अक्सर रो पड़ता हूं। लोग हमें हीरो कहते हैं, लेकिन हम हीरो नहीं हैं क्योंकि हम कई लोगों की जान नहीं बचा सके।"
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2S0MVZc
via IFTTT
0 comments:
Post a Comment