एक ओर जहां कोरोनावायरस की वजह से देश में कई तरह के व्यापार और व्यवसायमंदी के दौर से गुजर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर दो महीने से भी कम समय में देश में पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) किट का बड़ा बाजार तैयार हो गया है। सिर्फ जनवरी से लेकर अब तक की मांग देखी जाए तो पीपीई किट का कारोबार सालाना 20 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि आने वाले समय में पीपीई किट का व्यापार और बढ़ेगा। देश में हर दिन करीब चार लाख पीपीई किट तैयार हो रही हैं और उनका इस्तेमाल भी हो रहा है। सिर्फ मई के लिए एक हजार करोड़ के आर्डर बुक हो चुके हैं,जबकि जून में 1500 करोड़ रुपए के आर्डर मिले हैं।
गैर कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे हेल्थ वर्कर्स पीपीई किट ले रहे
अब ऐसे अस्पतालों की ओर से भी पीपीई किट की डिमांड बढ़ रही है जहां नॉन कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है। यह अस्पताल प्रोटेक्शन के लिए पीपीई किट ले रहे हैं। अभी तक पीपीई किट का इस्तेमाल सिर्फ कोरोना महामारी के मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स ही कर रहे हैं।
विदेशों में भी निर्यात की तैयारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और देश के वैज्ञानिकों ने भी कहा है कि अब कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। लिहाजा इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि इसके व्यापार में आने वाले समय में और बढ़ोतरी होगी। कुछ समय के बाद विदेशों में भी निर्यात किया जाएगा। फिलहाल पीपीई किट के निर्यात पर रोक लगी है।
अभी रोजाना करीब 40 करोड़ रुपए की पीपीई किट बन रही
एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री (एआईएमईडी) के को-ऑर्डिनेटर राजीव नाथ का कहना है कि फिलहाल हर दिन दो लाख पीपीई किट केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दी जा रही है। इतनी ही पीपीई किट राज्यों और निजी क्षेत्र के अस्पतालों में सप्लाई हो रही है।
500 से 2 हजार में मिल रही पीपीई किट
प्रति पीपीई किट की कीमत 500 से दो हजार रुपए तक है। हर दिन अभी करीब 40 करोड़ रुपए की पीपीई बनाई और बेची जा रही है, जो जून में 50 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। एक हजार करोड़ से ज्यादा का मास्क का बाजार हो गया है। पीपीई और मास्क बनाने वाले मैन्युफैक्चरर्स की संख्या करीब 200 पहुंच गई है।
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