Friday, 29 May 2020

काेराेना वाली सतह छूने से पाॅजिटिव हाेने का कितना जाेखिम, विशेषज्ञ बोले- उन हाथाें से चेहरा, नाक-आंख न छुएं और साबुन से हाथ धाे लें 

संक्रमित सतह काे छूने से काेराेनावायरस हाेने के डर के चलते ही हम पिछले महीनाें से सब्जियां धाे रहे हैं, पैकेट लाकर कुछ समय यूं ही छाेड़ देते हैं और लिफ्ट का बटन दबाते वक्त तनाव में रहते हैं। लेकिन, वायरस वाली सतह या किसी वस्तु से काेविड-19 हाेने का असल खतरा कितना है?

हाल ही में सीडीसी (सेंटर्स फाॅर डिसीज कंट्राेल एंड प्रिवेंशन) ने सतह से संक्रमण फैलने की अपनी चेतावनी काे शिथिल कर दिया था। उसके मुताबिक सतह से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं था। इसके तत्काल बाद उसने फिर चेतावनी जारी कर स्पष्ट किया कि संक्रमित सतह से अप्रत्यक्ष संपर्क (फाेमाइट ट्रांसमिशन) से भी काेविड-19 हाेने का खतरा बना रहता है।

'लिफ्ट के बटन या रैलिंग जैसी सतह संक्रमण फैलने के मुख्य वाहक नहीं'

यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स के कंपेरेटिव इम्यूनाेलाॅजिस्ट एरिन ब्राेमेज कहते हैं, ‘डाेअरनाॅब्स, लिफ्ट के बटन या रैलिंग जैसी सतह संक्रमण फैलने के मुख्य वाहक नहीं हैं, लेकिन फिर भी अपने चेहरे काे छूना मुश्किल परिस्थिति बना सकता है। यदि काेई संक्रमित अपने हाथ पर खांसता है, फिर आपसेहाथ मिला लेता है और उन्हीं हाथाें से आप अपनी आंखें मल लेते हैं ताे आपसंक्रमित हाे जाएंगे। यदि काेई ग्लास से पानी पी रहा है और आप उस ग्लासकाे पकड़ लें और फिर वही हाथ आंखोंया मुंह पर मल लें ताे आप संक्रमित हाे जाएंगे।’

शाेध बताते हैं कि प्लास्टिक और स्टील पर वायरस 3 दिन रहता है

अप्रत्यक्ष ट्रांसमिशन इसी तरह होता है। शाेध बताते हैं कि प्लास्टिक और स्टील पर वायरस 3 दिन रहता है, लेकिन एक बार सतह पर आने के बाद कुछ घंटाें में विघटित हाेने लगता है। यानी छींक से निकला ड्राॅपलेट कुछ समय तक ताे संक्रमण फैला सकता है, लेकिन कुछ दिनाें बाद तक नहीं। काेलंबिया यूनिवर्सिटी के डाॅ. डैनियल वाइनट्स्की कहते हैं, ‘हाथ धाेना फाेमाइट ट्रांसमिशन ही नहीं, व्यक्ति से व्यक्ति में ट्रांसमिशन के लिए भी जरूरी है।’

हाथ धाेकर संक्रमण की चेन ताेड़ना सबसे बेहतर

सतह के वायरस से संक्रमित हाेने के लिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में वायरस हाथ में आ पाएं और फिर आप आंखों,नाक या मुंह काे छुएं। यह सब सिलसिलेवार हाे गया ताे ही आप बीमार पड़ेंगे। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में इंफेक्शियस डिसीज इपिडेमियाेलाॅजिस्ट जूलिया मार्कस कहती हैं, ‘ग्राॅसरी, मेल, कंटेनर या किसी सतह से संक्रमण के लिए लंबी चेन की जरूरत हाेती है। सबसे बेहतर तरीका है अपने हाथ धाेकर इस चेन काे ताेड़ दें।’



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
शाेध बताते हैं कि प्लास्टिक और स्टील पर वायरस 3 दिन रहता है, लेकिन एक बार सतह पर आने के बाद कुछ घंटाें में विघटित हाेने लगता है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2TSjsBu
via IFTTT

0 comments:

Post a Comment