अमेरिका में कोरोना संक्रमण भी आय, नस्ल, उम्र के हिसाब से हो रहा है। संक्रमण से होने वाली मौतें और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या को इलाके के हिसाब से देखें, तो आप पाएंगे किइसमें भारी विषमता है। जहां अमीरों के इलाकों में संक्रमण और मौतों की संख्या कम है, वहीं गरीबों के इलाकों में मौतों की संख्या लगभग दोगुनी है।
इतना ही नहीं, कोरोना ने नस्ल और जातिगत रूप से भी लोगों को काफी प्रभावित किया है। न्यूयॉर्क के स्वास्थ्य विभाग ने न्यूयॉर्क में विभिन्न इलाकों के जिप कोड के आधार पर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें इन सब बातों का जिक्र किया गया है।
न्यूयॉर्क और ब्रुकलिन में कोरोना के असर में भारी अंतर
रिपोर्ट के मुताबिक, गरीबों के इलाके में प्रति एक लाख लोगों पर होने वाली मौतों की संख्या 232 हैं, जबकि समृद्ध माने जाने वाले क्षेत्रों में यह आंकड़ा करीब 100 है, यानी आधे से भी कम। खासतौर पर न्यूयॉर्क और ब्रुकलिन में कोरोना के असर में भारी विषमता देखने को मिल रही है।
न्यूयॉर्क में लैटिन अमेरिकी लोगों की मौत सबसे ज्यादा हुईंब्रोंक्स में कोरोनोवायरस के मामलों, अस्पताल में भर्ती लोगों और मौतों की दर सबसे ज्यादा है। वहीं, नस्ल या जाति के हिसाब से न्यूयॉर्क में लैटिन अमेरिकी लोगों की मौत सबसे ज्यादा हुई है। इसके अलावा उम्र भी एक बड़ा कारक रही है। जहां सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं, वहां की एक बड़ी आबादी 65 साल से ज्यादा उम्र की है।
मध्यम आय वाले परिवारों में ज्यादा मौतें
न्यूयॉर्क सिटी हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, अश्वेत और लैटिन अमेरिकी बहुल इलाकों में मौतें ज्यादा हुई हैं। यहां ज्यादातर कम और मध्यम-आय वाले परिसर हैं। जिप कोड डेटा में केवल वे मामले शामिल हैं जो कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव मिले हैं।
सबसे ज्यादा मौतें ब्रुकलिन के गरीब इलाकों में, सबसे कम मैनहट्टन में
ब्रुकलिन के स्टारेट सिटी के नाम से मशहूर स्प्रिंग क्रिक टॉवर्स में मृत्यु दर सबसे ज्यादा रही है। यहां प्रति एक लाख लोगों में 612 मौतें हुई हैं। क्वींस में 445, जबकि ब्रोंक्स में यह आंकड़ा 429 रहा है। वहीं मैनहट्टन जैसे अमीरों के इलाकों में मौतें लगभग नहीं के बराबर हुई हैं। सबसे कम मृत्यु दर वाले अधिकांश इलाके मैनहट्टन में हैं, और यहां हर व्यक्ति की औसत आय छह अंकों में है।
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