अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण दुनिया में सबसे ज्यादा होना सम्मान की बात है। उन्होंने व्हाइट में कहा सोमवार को कहा, ‘‘जब आप कहते हैं कि हम संक्रमण के मामलों में आगे हैं तो मैं इसे बुरा नहीं मानता। इसका मतलब है कि हमने किसी और से कहीं ज्यादा टेस्टिंग की है। मैं इसे एक विशेष मामले में सम्मान की तरह देखता हूं। यह एक अच्छी बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि हमारी टेस्टिंग बेहतर है। इसलिए मैं इसे एक ‘सम्मान के तमगा’के तौर पर देखता हूं। वाकई यह एक सम्मान की बात है।’’
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में अब तक 10 लाख 50 हजार से भी ज्यादा मामले आए हैं और 92 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। दूसरे नंबर पर रूस है जहां करीब 3 लाख लोग संक्रमित मिले हैं।
डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने ट्रम्प के इस बयान की आलोचना की है। कमेटी ने ट्वीट किया देश में कोरोना के 10 लाख से ज्यादा केस मिलना पूरी तरह से हमारे देश के लीडरशिप की नाकामी है। इससे पहले पिछले हफ्ते सिनेट की बैठक में भी इस पर सवाल किए गए थे। रिपब्लिक के रिप्रेजेंटेटिव मिट रॉम्नी ने कहा कि था देश का टेस्टिंग रिकार्ड अच्छा नहीं है। हमारे यहां फरवरी मार्च में मामले सामने आने शुरू हुए थे। इस लिहाज से देखें तो अब तक हुई टेस्टिंग पर्याप्त नहीं हैं। इसमें खुश होने जैसे कोई बात नहीं।अमेरिकी के सेंटर्स फॉर डीजीज कंट्रोल के मुताबिक, मंगलवार तक अमेरिका में 1 करोड़ 60 लाख टेस्ट हुए हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी आधारित एक साइंटिफिक पब्लिकेशन के मुताबिक अमेरिका पर कैप्टा टेस्टिंग के आधार पर काफी पीछे है। प्रत्येक 1 हजार लोगों की टेस्टिंग के मामले में यह दुनिया में 16 वें स्थान पर है। इस लिस्ट में यह आईसलैंड, न्यूजीलैंड, रूस और कनाडा जैसे देशों से पीछे है। पिछले एक सप्ताह में यह हर दिन 3 से 4 लाख के बीच टेस्ट कर रहा है। हालांकि हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के मुताबिक, इसे अपनी अर्थव्यवस्था खोलने के लिए हर दिन कम से कम 50 लाख टेस्ट करने की जरूरत है।
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