Saturday, 9 January 2021

मॉल में आप एआई से लैस कैमरों की नजर में; चोरी के आदी हैं तो ये घुसते ही अलर्ट करते हैं- ‘वो आ गया’

यदि आपको शॉपिंग मॉल या सुपर बाजार की रैक से चाेरी-छुपे सामान उठाने की आदत है तो संभल जाएं। ब्रिटेन के सुपर बाजार और शॉपिंग मॉल में अब आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआई) से लैस फेशियल रिकग्निशन तकनीक वाले कैमरों से निगाह रखकर ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है।

दरअसल, ब्रिटेन में फेशियल रिकग्निशन तकनीक से जुड़े स्टार्टअप फेसवॉच ने ऐसे लोगों पर नजर रखकर पता लगाया कि लोग सबसे ज्यादा नैपीज, रेजर ब्लेड, डियोडोरेंट जैसी चीजें अपनी जेबों में रख लेते हैं। कंपनी ने अब ऐसी प्रवृत्ति वाले लोगों की ‘वॉचलिस्ट’ तैयार की है और उसे स्टोर व शॉपिंग मॉल को उपलब्ध करवा दिया है।

खास बात यह है कि संबंधित व्यक्ति के शॉपिंग मॉल या सुपर बाजार में प्रवेश करते ही या सीसीटीवी कैमरे में दिखते ही एआई आधारित फेशियल रिकग्निशन तकनीक स्टोर कर्मचारियों को मोबाइल एप पर अलर्ट भेज देती है कि पिछले दिनों सामान उठाने वाला व्यक्ति आ गया है।

इस तकनीक से स्टाफ को ऐसे लोगों से निपटने का पर्याप्त समय मिलने लगा है। वे आसानी से तय कर लेते हैं कि क्या कदम उठाने हैं। जैसे पहले सम्मानपूर्वक समझाया जाता है कि वे स्टोर से बाहर चले जाएं। न मानने पर पुलिस बुलाने जैसी कार्रवाई भी की जाती है। दरअसल कई मामलों में ऐसे लोग स्टाफ पर हमला भी कर देते हैं। एक को-ऑपरेटिव स्टोर के प्रवक्ता के मुताबिक, शॉपलिफ्टिंग से जुड़े मामलों में हिंसा पिछले सालों में 80% तक बढ़ी है। इसलिए अनुरोध न मानने पर पुलिस बुला ली जाती है।

हर साल 3 लाख मामले, 18 माह में 3000 से अधिक चोरी रोकी

ब्रिटेन में हर साल शॉपलिफ्टिंग के 3.40 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं। इस एडवांस्ड तकनीक से 18 महीनों में शॉपलिफ्टिंग के 3000 से अधिक मामले रोकने में मदद मिली है। कोरोना महामारी के दौर में फेशियल रिकग्निशन तकनीक में एक और आयाम जुड़ गया है। अब मास्क पहने लोगों को भी यह तकनीक पहचान लेती है।



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फाइल फोटो


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