(पवन कुमार)वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के नमूनों पर एक शोध किया है। इसके परिणाम भारतीय वातावरण के हिसाब से सुखद हैं। अध्ययन के मुताबिक, अगर धूप हो, तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो और नमी 80% तक हो तो जमीन पर वायरस की संख्या हर दो मिनट में आधी होती जाती है। अमेरिका की नेशनल बॉयोडिफेंस एनालिसिस काउंटरमेजर्स सेंटर (एनबीएसीसी) के वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के नमूनों पर छह स्थितियों में अध्ययन किया है। इसमें अलग-अलग तापमान और नमी के साथ, धूप और बिना धूप की स्थिति में वायरस की लाइफ को परखा गया है।
अध्ययन में देखा गया कि सूरज की रोशनी में वायरस के कण जल्दी खत्म हो रहे हैं, लेकिन तापमान ज्यादा भी हो, लेकिन धूपनहीं हो तो वायरस ज्यादा देरतक रहता है। भारत में इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बैलियरी साइंसेज (आईएलबीएस) के वॉयरोलॉजी विभाग की प्रोफेसर एकता गुप्ता का कहना है कि अमेरिका की स्टडी भारत के लिहाज से बहुत अच्छी है। लेकिन, संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस जाने का खतरा पहले की तरह बना रहेगा। लिहाजा संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क बेहद जरूरी है।
छह स्थितियों पर अध्ययन
- 22-23 डिग्री तापमान, 20% नमी और धूप नहीं निकली हो तो जमीन पर वायरस के कण 18 घंटे में आधे हो रहे हैं।
- 22-23 डिग्री तापमान, 80% नमी, धूप न हो तो जमीन पर 6 घंटे में कण आधे होते हैं।
- 36 डिग्री तापमान, 80% नमी, धूप न हो तो जमीन पर 1 घंटे में कण आधे होते हैं।
- 22-23 डिग्री तापामन, 20% नमी, धूप न हो तो हवा में 1 घंटे में कण आधे होते हैं।
- 22-23 डिग्री तापमान, 80% नमी, धूप हो तो जमीन पर 2 मिनट में कण आधे हो जाते हैं।
- 22-23 डिग्री तापमान, 20% नमी, धूप हो तो हवा में डेढ़ मिनट में कण आधे हो जाते हैं।
(यानी... हवा या जमीन पर कोरोनापूरी तरह खत्म होने में लगने वाला समय वायरस कणों की संख्या पर निर्भर करता है)
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