भारत ने अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी आयोग(यूएससीआईआरएफ) की रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है। इसमें कहा गया था कि भारत में 2019 में धार्मिक स्वतंत्रता में भारी गिरावट आई है। यहां पहले के मुकाबले अल्पसंख्यकों का शोषणबढ़ गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुरागश्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि हम यूएससीआईआरएफ की सालाना रिपोर्ट में भारत के बारे में किए गए आकलन खारिज करते हैं। भारत के संबंध में इसकी पक्षपाती और विवादास्पद टिप्पणियां नई नहीं हैं,लेकिन इस बार गलत बयानी और भी निचले स्तर पर पहुंच गई।
उन्होंने कहा कि यह अपनी कोशिशों में अपने ही प्रतिनिधियों तक पहुंचाने में नाकाम रहा। हम इसे एक विशेष सोच के साथ काम करने वाला संगठन मानते हैं और इसके साथ ऐसा ही बर्ताव करेंगे। इसकी रिपोर्ट में कीगई बातों की हम परवाह नहीं करते।
आयोग ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय को सुझाव सौंपे
यूएससीआईआरएफ की यह 21 वीं सालाना रिपोर्ट मंगलवार को ही जारी की गई है। इसमेंआयोग ने भारत के बारे में अमेरिका के विदेश मंत्रालय को कई सुझाव दिए हैं। रिपोर्टमें कहा गया है भारत में धार्मिक आजादी के उल्लंघन पर अतिरिक्त चिंता करने की जरूरत है। इसमें कई देशों में आस्था और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के हनन के बारे में विस्तार से बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत धार्मिक आजादी के उल्लंघन में शामिल है। यहां व्यवस्थित तरीके से ऐसा होने के बाद भी इसे बर्दाश्त किया जा रहा है।
14 देशों कोधार्मिक भेदभाव करने वालोंकी लिस्ट में शामिल करने का सुझाव
2004 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब यूएससीआईआरएफ ने भारत को धार्मिक भेदभाव के लिए चिंताजनक स्थिति वाले 14 देशों की सूची में शामिल करने का सुझाव दिया।आयोग ने 2019 की सालाना रिपोर्ट में भारत के साथ ही बर्मा, चीन,इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब, तजाकिस्तान, तुर्केमिस्तान भी शामिल किए गए थे। अब इसमें भारत, नाइजीरिया रूस, सीरिया और वियतनाम को भी शामिल करने का सुझाव दिया गया था। पहले भी कई मौकों पर यह आयोग भारत के बारे में गलत टिप्पणियां कर चुका है।
तुर्की, अफगानिस्तान विशेष निगरानी सूची में शामिल हों
आयोग ने क्यूबा, निकारागुआ, सूडान और उजबेकिस्तान को पहले की तरह विशेष निगरानी सूची में शामिल किया है। इस सूची में अफगानिस्तान, अल्जीरिया, अजरबैजान, बहरीन, मध्य अफ्रीकी गणराज्य (सीएआर), मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, कजाकिस्तान, मलेशिया औरतुर्की को शामिल किए जाने की सिफारिश की गई है। इस सूची में उन देशों को शामिल किया जाता है, जहां धार्मिक आजादी खतरे में है औरसरकारों पर दबाव बनाने की जरूरत है।
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