कोरोना वायरस से बचने की तमाम सावधानियों के बीच हमारी कुछ ऐसी बुरी आदतें हो सकती हैं, जो इस सावधानी पर पानी फेर दे। हाथ धोने, मास्क पहनने, सैनिटाइजर इस्तेमाल करने जैसी सावधानियों के बीच इन 5 बुरी आदतों के बारे में जानना भी जरूरी है, जो कोरोना वायरस को फैलाने और उसके लक्षणों का बढ़ाने का काम कर सकती हैं।
1. स्मोकिंग: नॉन स्मोकर की तुलना में इन्हें खतरा तीन गुना ज्यादा
क्यों खतरनाक: सिगरेट या अन्य तरह का धूम्रपान सीधे फेफड़ों पर असर करता है। द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडीसिन में प्रकाशित एक पेपर के लिए चीन में 1,099 कोरोना मरीजों का अध्ययन किया गया। स्टडी में सामने आया कि स्मोकर्स की आईसीयू में भर्ती होने, सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होने और यहां तक कि मरने की आशंका स्मोकिंग न करने वालों की तुलना में तीन गुना ज्यादा है।
विज्ञान क्या कहता है: मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की एक रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू एस2 नाम का ऐसा एंजाइम बढ़ाता है, जो कोविड-19 वायरस को फेफड़ों के सेल्स से चिपकने में मदद कर सकता है।
2.कम नींद: कोराेना की आशंका 4.5 गुना ज्यादा बढ़ जाती है
क्यों खतरनाक: नींद पूरी न होना कोरोना वायरस से ग्रसित होने की आशंका बढ़ा सकता है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी का एक अध्ययन साबित कर चुका है कि नींद की कमी इम्यून सिस्टम कमजोर कर सकी हैं। वहीं यूके के नेशनल हेल्थ सर्विस का एक अध्ययन भी बताता है कि 7 घंटे से ज्यादा सोने वालों की तुलना में 5 घंटे से कम सोने वालों में जुकाम होने की आशंका 4.5 गुना ज्यादा है।
क्या करें: लॉकडाउन के दौरान भी अपना बेडटाइम न बदलें। कैफीन (कॉफी), एल्कोहल और सोने से तुरंत पहले खाने से बचें। बिस्तर पर लेटने से पहले टीवी और मोबाइल जैसी स्क्रीन्स से दूरी बना लें।
3.शराब पीना: फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है, संक्रमण का खतरा
क्यों खतरनाक: शराब को शरीर की रोगप्रतिरोधी क्षमता को कम करने वाला माना जाता है। ऐसी अफवाहें भी चल रही हैं कि एल्कोहल पीने से या शरीर पर छिड़कने से कोरोना से बचा जा सकता है। डब्ल्यूएचओ बता चुका है कि ये अफवाहें गलत हैं। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) के मुताबिक शराब का ज्यादा सेवन न्यूमोनिया की आशंका बढ़ाता है।
विज्ञान क्या कहता है: फेफड़ों में सिलिया नाम का एक हिस्सा होता है, जो सांस लेने के लिए हवा का रास्ता साफ रखता है और उसे म्यूकस व धूल से बचाता है। शराब इसे नुकसान पहुंचाती है। संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।
4.नाखून चबाना: लंबे नाखून हों तो 20 सेकंड हाथ धोना भी बेकार
क्यों खतरनाक: घबराहट में या आमतौर पर भी, कई लोगों को नाखून चबाने की आदत होती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नाखून भी वायरस का घर हो सकते हैं। खासतौर पर लंबे और नेलपॉलिश वाले नाखून। वेबएमडी की मेडिकल एडिटर डॉ. नेहा ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर लंबे नाखून हैं तो आपका 20 सेकंड हाथ धोना भी बेकार जा सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक दरअसल कोरोना वायरस की साइज लगभग 125 नैनोमीटर है। इतने आकार का वायरस नाखून के अंदर और यहां तक कि उखड़ते हुए नेल पॉलिश की दरारों में भी रह सकता है। यहां से खाना खाते समय या चेहरे को छूने से वायरस आपके शरीर के अंदर भी जा सकता है। इसके अलावा वायरस नाखूनों से निकलकर विभिन्न सतहों पर भी फैल सकता है।
क्या करें: नाखून छोटे रखें। सीडीसी हेल्थकेयर से जुड़े लोगों को 6 मिमी तक ही लंबे नाखून रखने की सलाह देता है। महामारी के इस समय में नाखून बिल्कुल छोटे ही रखें। हाथ धोते समय, इन्हें अच्छे से धोएं।
5. चेहरा छूने से जुड़ीं इन आदतों सेभी बचें
बालों में बार-बार हाथ फेरना: वायरस के कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक बालों में रह सकता है। हाथ फेरने पर यह बालों से हाथ और फिर चेहरे तक जा सकता है। इसी तरह दाढ़ी में हाथ फेरना भी घातक हो सकता है। यही वजह है कि यूके में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े पुरुषों को क्लीन शेव में रहने की सलाह दी जा रही है।
नाखून से दांत साफ करना: जैसा कि बताया गया है कि नाखून भी वायरस के कैरियर हो सकते हैं, इसलिए इनसे दांत साफ करने की आदत से बचना चाहिए। आप चाहें तो प्लॉस इस्तेमाल कर सकते हैं।
पिंपल्स फोड़ना: पिंपल्स फोड़ना यानी चेहरे को हाथ लगाना। इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बढ़ सकती है।
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