...‘मुझे समझ नहीं आ रहा हो क्या रहा है? मेरे पति मुझे इन्फॉर्म कर रहे हैं। हम तीन लोग पॉजिटिव हैं और यहां पर कोई नहीं आ रहा हमारी मदद के लिए। अथॉरिटीज से एक फोन भी नहीं आया। एक एंबुलेंस बाहर खड़ी है और वो कह रहे हैं आप तीनों आकर बैठ जाओ। अंदर एक लेडी है, जिसके लिए हम चार दिन से चीखरहे हैं किवो हार्ट अटैक से मर जाएगी। वो खुद अपने घर से ये वायरस नहीं लेकर आई है। उसका बेटा अस्पताल की लापरवाही की वजह से बीमार हुआ है, क्योंकि उसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट नहीं दिए गए थे। उसकी वजह से ये सब हुआ है। वो अस्पताल में है। अंदर पापा बीमार हैं। कोई हमें इंसान क्यों नहीं समझ रहा।'
ये शब्द उस पत्नी के हैं, जिसकापति जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज यानी जीएमसी के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में सीनियर डॉक्टर है। एक डॉक्टर होने के नाते उसका पति कोरोना संक्रमितों के सैम्पलकलेक्ट करता था, लेकिनअब खुद उसकी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टर के अलावा बुधवार शाम को उनके पत्नी, पिता और उनके घर पर काम करने वाले नौकर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी को जम्मू के एक अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया है।
उनकी पत्नी भी डॉक्टर हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये वीडियो उनकी कोरोना रिपोर्ट आने से पहले रिकॉर्ड किया गया था। इस वीडियो में पत्नी आगे कहती हैं, ‘हम तीन दिन से क्वारैंटाइन में हैं। सुबह हमारे सैंपल लिए थे। अभी मेरे पति मुझे बता रहे हैं कि उन्हें फोन आया है। हम पॉजिटिव हैं। मुझे किसी से कुछ लेना-देना नहीं है। मुझे लेना-देना है मेरी फैमिली से क्योंकि हमने कुछ नहीं किया है। हमने खुद सब सावधानी बरती थी। मेरे पति बीमार हैं क्योंकि अस्पताल में उन्हें पीपीई नहीं मिली थी। अगर किसी को कुछ हो जाता है तो मैं जवाबदेही किससे मांगूंगी? मुझे किसी पॉलिटिक्स से कुछ लेना-देना नहीं है।'
सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है
अस्पताल ने कहा- वे कोरोना टेस्टिंग टीम का हिस्सा नहीं थे
जीएमसी अस्पताल के मायक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया था। जम्मू के स्थानीय अखबार डेली एक्सेलशियर को दिए बयान में डॉ शशि एस सूदन ने कहा था कि यह डॉक्टर कोरोना वायरस टेस्टिंग टीम का हिस्सा ही नहीं थे। टीम ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह और उनका परिवार ईरान सउदी अरब या इंडोनेशिया से आए किसी व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया। माना जा रहा था कि उन्हें अस्पताल में ड्यूटी के दौरान नहीं कहीं बाहर से इंफेक्शन लगा है। जबकि जीएमसी अस्पताल के ड्यूटी रोस्टर में लिखा है कि डॉक्टर 13 से 19 मार्च के बीच ड्यूटी पर थे। इस दौरान उनके साथ माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के स्टाफ के तीन लोग भी थे। उनकी टीम कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल इकट्ठे कर रही थी। डॉक्टर के परिवार के एक करीबी दोस्त बताते हैं ‘एक दिन ड्यूटी से घर लौटने के बाद उनमें कोरोना के कुछ सिम्प्टम्स नजर आए। टेस्ट करवाया तो 30 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव भी आई।' डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद माइक्रोबायोलॉजी लैब के स्टाफ मेंबर्स को भी क्वारैंटाइन कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में कोरोना के 67 मरीज, ज्यादातर तब्लीगी जमात से लौटे
अभी तक जम्मू-कश्मीर में कोरोना के 70केस सामने आ चुके हैं। जिसमें से 53कश्मीर से और 17 जम्मू से हैं। दो मरीजों की मौत भी हुई है। जबकि, जम्मू के दो मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के 8 जिलों के 30 से ज्यादा गांवों को सरकार ने ‘रेड जोन' घोषित कर दिया है। इन इलाकों में लोगों में घरों से निकालने की सख्त मनाही है।
फिलहाल, 52 मरीजों को अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया है। 516 मरीज अस्पताल में क्वारैंटाइन रखे गए हैं। जबकि, 3 हजार 961 लोगों को घरों पर ही निगरानी में रखा गया है। यहां अब तक 977 लोगों के सैंपल को टेस्ट किया जा चुका है, जिसमें से 911 की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
सरकार ने अभी तक 2000 से ज्यादा उन लोगों की पहचान की है, जो कोरोना संक्रमितों के संपर्क में थे। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए इन सभी का टेस्ट किया जाएगा। पॉजिटिव केस में ज्यादातर वही लोग हैं, जो नई दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे। सरकार ने ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने के आरोप में 10 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
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